मुंबई, 05 जून, 2018ः भारत के निजी क्षेत्र के चैथे सबसे बड़े बैंक येस बैंक ने ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, ऋषिकेश को 100 प्रतिशत ‘कैशलेस-कैंपस‘ का दर्जा हासिल करने में महत्वपूर्ण सहयोग किया है। येस बैंक द्वारा विकसित एक डिजिटल-कार्ड आधारित भुगतान प्रणाली ने अब एम्स ऋषिकेश परिसर के भीतर नकद आधारित लेनदेन की जगह ले ली है।
2012 में भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्थापित एम्स, ऋषिकेश टेरटियरी स्तर की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है, साथ ही यहां स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा भी प्रदान की जाती है। भारत भर में छह एम्स परिसरों में से ऋषिकेश इस तरह के सरकारी चिकित्सा परिसर में से एक है जो पूरी तरह से 100 प्रतिशत नकदी रहित तकनीक से लैस है।
इस बारे में जानकारी देते हुए येस बैंक के चीफ डिजिटल आॅफिसर श्री रितेश पै कहते हैं, ‘अपनी स्थापना के समय से ही ‘येस बैंक ने वित्तीय लेनदेन को सरल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, ऋषिकेश के साथ जुडकर उनके कैंपस को पूरी तरह कैशलैस बनाने में हमें बहुत खुशी का अनुभव हुआ है। इस सहयोग से देशभर के अन्य मेडिकल संस्थानों मे भुगतान के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह बदलने में बहुत मदद मिलेगी। इसी तरह के अन्य डिजिटल कदमों को लागू करने के लिए हम दूसरे राज्यों और सरकारी संस्थानों के साथ भी सहयोग करने को उत्सुक हैं।‘
येस बैंक के कैशलैस कैंपस आॅफरिंग के तहत अब प्रतिदिन एम्स ऋषिकेश आने वाले 1000 से अधिक रोगी बिलों का भुगतान करने और चिकित्सा सेवाओं का उपयोग करने के लिए एक डिजिटल एम्स ऋषिकेश कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, कॉलेज फीस, छात्रावास और कैफेटेरिया के लिए अन्य सभी भुगतान यहां के निवासियों, छात्रों, संकाय सदस्यों, अन्य कर्मचारियों और संस्थान के मरीजों को प्रदान किए गए भुगतान कार्ड के साथ किया जा सकता है। इसके अलावा, भुगतान की निर्बाध और आसान स्वीकृति सुनिश्चित करने के लिए परिसर में क्यूआर कोड आधारित भुगतान स्वीकृति प्रणाली के साथ बिक्री टर्मिनल के बिंदु स्थापित किए गए हैं। एम्स ऋषिकेश परिसर के भीतर की गई पार्किंग और यहां उपलब्ध अन्य विविध सेवाओं के लिए भी भुगतान पूरी तरह से डिजिटलीकृत तरीके से किया जा सकता है।
साझेदारी के बारे में बताते हुए एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत ने कहा, ‘‘हम रोजमर्रा में रोगियों के प्रबंधन में अधिक दक्षता हासिल करने के साथ भुगतान प्रक्रिया को डिजिटाइज करने के लिए नकदी रहित परिसर बनाने के लिहाज से येस बैंक के साथ साझेदारी करने में प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। आज के दौर में उत्तराखंड को डिजिटल भुगतान के कार्यान्वयन और स्वीकृति में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में यह एक उल्लेखनीय कदम है।‘‘
येस बैंक द्वारा लागू सुविधाजनक प्लग-एंड-प्ले समाधान ने लेनदेन प्रक्रियाओं से जुड़ी बाधाओं को काफी हद तक समाप्त कर दिया है और इस परिसर को नकदी रहित बनाने की दिशा में सुनिश्चित कदम उठाए हैं। यह साॅल्यूशन समग्र प्रबंधन में पारदर्शिता भी प्रदान करता है क्योंकि रोगी से संबंधित गतिविधियों के लिए मैप किए गए सभी लेनदेन अब सिस्टम पर दर्ज किए जा सकते हैं।
येस बैंक के बारे में
निजी क्षेत्र में भारत का चैथा सबसे बड़ा बैंक। मुंबई की लोअर परेल इनोवेशन डिस्ट्रिक्ट (एलपीआईडी) में मुख्यालय वाले बैंक की उपस्थिति भारत के सभी 29 राज्यों और 7 संघ शासित प्रदेशों में है। यह बैंक, अपने संस्थापक राणा कपूर और उनकी शीर्ष प्रबंधन टीम की पेशेवर और उद्यमी प्रतिबद्धता का सुफल है, जो भारत में भविष्य के व्यवसायों की पूर्ति के लिए एक उच्च गुणवत्ता, ग्राहक केंद्रित, सेवा संचालित, निजी भारतीय बैंक को स्थापित करने के लिए उत्सुक थे।
येस बैंक अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं, सेवा की गुणवत्ता और परिचालन उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को अपनाए हुए है और अपने सभी मूल्यवान ग्राहकों को व्यापक बैंकिंग और वित्तीय समाधान प्रदान करता है।
बैंकिंग के लिए ज्ञान आधारित दृष्टिकोण से संचालित होने वाला येस बैंक अपने खुदरा, कॉर्पोरेट और उभरते हुए कॉर्पोरेट बैंकिंग ग्राहकों के लिए बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करता है। येस बैंक, ‘2020 तक भारत में सर्वोत्तम सुविधाओं वाला दुनिया का बड़ा बैंक’ बनने के दीर्घकालिक मिशन के साथ भारत के पेशेवर बैंक के रूप में विकसित हो रहा है।