पुडुचेरी, 6 जून, 2018ः विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, 20.7 बिलियन अमेरिकी डाॅलर वाले महिंद्रा समूह के घटक, महिंद्रा इलेक्ट्रिक ने तमिलनाडु में वर्ष 1968 में स्थापित प्रायोगिक टाउनशिप, औरोविले के साथ आज एक समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किया। इस समझौते का उद्देश्य एक समुदाय के लिए भारत का पहला एकीकृत टिकाऊ मोबिलिटी इकोसिस्टम शुरू करना है। यह अनूठा इकोसिस्टम, पिछले कुछ दशकों में औरोविले द्वारा शुरू की गई अनेक ई-मोबिलिटी पहलों का एक विस्तार होगा। यह शांतिप्रद मोबिलिटी, संसाधनों का उपयुक्त साझाकरण एवं कम कार्बन फुटप्रिंट, हाॅप-आॅन-हाॅप-आॅफ शटल्स एवं स्मार्ट पार्किंग में जीवनशैली विकल्पों को प्रोत्साहित करने हेतु इसके प्रयास के अनुरूप है।
इस समझौता-पत्र के तहत, उक्त दोनों पक्ष, आईआईएससी (इंडियन इंस्टीट्युट आॅफ साइंस), पुडेचरी स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड, गोग्रीन बीओवी, व स्वयं औरोविले की कई पहलों के साथ मिलकर एक समग्र इकोसिस्टम विकसित करेंगे, जिसमें महिंद्रा के विद्युत-चालित वाहन, स्मार्ट पार्किंग सिस्टम्स, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एवं इसका साॅफ्टवेयर एकीकरण प्लेटफाॅर्म, नेमो शामिल होगा। इसका उद्देश्य राइड शेयरिंग, राइड हेलिंग, सेल्फ-ड्राइव रेंटल्स आदि जैसे मोबिलिटी माॅडल्स को सक्षम बनाना भी है। फ्रेंच सरकार द्वारा समर्थित टाउन प्लानर, पीएससीडीएल भी इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
महिंद्रा इलेक्ट्रिक ने अपना ऊर्जा संग्रहण समाधान भी लाॅन्च किया, जो इकोसिस्टम को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा, जैसे-चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, ईवी पार्किंग और ईवी सपोर्ट सेंटर। यह नवीकरणीय शक्ति को भी उपयोग में लाने में मदद करेगा, इस प्रकार यह समग्र हरित समाधान बन सकेगा।
महिंद्रा इलेक्ट्रिक के सीईओ, महेश बाबू ने कहा, ‘‘विश्व पर्यावरण दिवस पर, महिंद्रा में हमें एक समुदाय के लिए एकीकृत टिकाऊ मोबिलिटी इकोसिस्टम तैयार करने की भारत की पहली पहल हेतु औरोविले, आईआईएससी व अन्य साझीदारों के साथ सहयोग करने की खुशी है। महिंद्रा लगभग एक दशक से भारत में विद्युतीय पारितंत्र विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। समूचे समुदाय के लिए मोबिलिटी, ऊर्जा संग्रहण एवं चार्जिंग को एकीकृत करने वाला एक सामान्य मंच का विकास भविष्य में त्वरित आरोह्यता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हरित मोबिलिटी प्रणाली बनाने के औरोविले के विजन और ईवी तकनीक को अपनाने हेतु अधिक लोगों की सहायता करने की हमारी पहलों के बीच भारी सहक्रिया है। हमें विश्वास है कि महिंद्रा इलेक्ट्रिक का नेमो किसी भी समुदाय के लिए टिकाऊ मोबिलिटी इकोसिस्टम तैयार करने हेतु सबसे उपयुक्त मंच साबित होगा।’’
औरोविले के एकीकृत परिवहन सेवाओं के संयोजक, मिनहाज अमीन ने बताया, ‘‘समुदाय के लिए सार्वजनिक एवं निजी परिवहन हेतु मोबिलिटी समाधानों के साथ दो दशकों तक प्रयोग करने के बाद, औरोविले का यह मानना है कि तकनीक में नवप्रवर्तनशीलता और महिंद्रा इलेक्ट्रि, आईआईएससी व गो ग्रीन जैसे साझीदारों का सहयोग समग्र टिकाऊ मोबिलिटी समाधान का प्रोटोटाइप शुरू करने में औरोविले को सक्षम बनायेगा, जिसे बाद में दूसरे शहरों में भी अपनाया जा सकता है।’’
महिंद्रा इलेक्ट्रिक के विषय मेंः
महिंद्रा इलेक्ट्रिक, जो 20.7 बिलियन अमेरिकी डाॅलर वाले महिंद्रा समूह का एक घटक है, विद्युत चालित वाहनों के विकास एवं उत्पादन में दुनिया में अग्रणी है। महिंद्रा इलेक्ट्रिक, भारत का इकलौता ऐसा विद्युत वाहन निर्माता है, जो ऐसी विद्युत चालित वाहन तकनीकों को उपयोग में लाता है, जिन्होंने वैश्विक पुरस्कार हासिल किये हैं। महिंद्रा समूह के पास विद्युत चालित वाहनों का सबसे विविधीकृत पोर्टफोलियो है, जिसमें ई2ओप्लस हैच, ई-वेरिटो सिडान और ई-सुप्रो मिनी वैन व पैनल वैन शामिल हैं।
तकनीक एवं नवप्रवर्तनशीलता की सीमाओं को धकेलते हुए, महिंद्रा ने हर कदम पर मोबिलिटी को पुनर्परिभाषित करने की आवश्यकता को महसूस किया है। वैकल्पिक तकनीक में कदम रखने के प्रयास ने महिंद्रा को स्वच्छ, हरित एवं स्मार्ट कल को सक्षम बनाने में मदद की है।
महिन्द्रा के विषय में
महिन्द्रा समूह 20.7 बिलियन अमेरिकी डाॅलर वाला कंपनियों का संघ है, जो नये-नये मोबिलिटी समाधानों के जरिए और ग्रामीण समृद्धि, शहरी रहन-सहन को बढ़ाते हुए, नये व्यवसायों को प्रोत्साहन देकर और समुदायों की सहायता के जरिए लोगों को राइज अर्थात़ उत्थान करने में सक्षम बनाता है। इसका ट्रैक्टर, उपयोगिता वाहन, सूचना प्रौद्योगिकी और वैकेशन ओनरशिप में अग्रणी स्थान है और यह वाॅल्युम की दृष्टि से दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी है। कृषि-व्यवसाय, एयरोस्पेस, कल-पुर्जे, परामर्श सेवाओं, प्रतिरक्षा, ऊर्जा, औद्योगिक सेवाओं, लाॅजिस्टिक्स, जमीन-जायदाद, खुदरा, इस्पात और दोपहिये उद्योगों में महिन्द्रा की महत्वपूर्ण मौजूदगी है। इसका मुख्यालय भारत में है। महिन्द्रा में 100 से अधिक देशों में 2,40,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।