भारत की परमाणु सहेली डॉ. नीलम गोयल को राजस्थान जयपुर में स्वतन्त्रता सेनानी स्वर्गीय श्री अम्बालाल माथुर स्मृति लोकमत सम्मान से सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम न्यायाधीपति श्री पाना चँद जी जैन की अध्यक्षता में व लोकमत के प्रधान सम्पादक श्री अशोक माथुर की देखरेख में संपन्न हुआ। परमाणु सहेली अपने कभी न थकने वाले जीवट व सतत प्रयास के बलबूते पर अभी तक विभिन्न प्रदेशों में ग्रास रुट स्तर के कार्यक्रम करती रही हैं।
न्यायाधीपति श्री पाना चँद जी जैन परमाणु सहेली डॉ. नीलम गोयल को सम्मानित करते हुए
इन्हे लोग अब भारत की परमाणु सहेली के नाम से भी पहचानने लगे हैं। इनके ग्रास रुट स्तर के कार्यक्रमों में कुछ ख़ास बातें हैं। इनका विषय और सम्बंधित ज्ञान व साहित्य निष्पक्ष रूप से राष्ट्र व राज्य के चहुँमुखी विकास की योजनाओं के सन्दर्भ में सत्य ज्ञान को आम से लेकर ख़ास जन तक पहुँचाते हैं। इनके किसी भी क्षेत्र या राज्य में किये गए कार्य गोल-ओरिएंटेड रहते हैं, जो क्षेत्रीय जनता व सम्बंधित सरकार या उपक्रम के मध्य एक यथार्थ, स्वस्थ, निष्पक्ष व दूरदर्शी कम्म्युनिकेशन को जन्म देते हैं। जहाँ-जहाँ ये अपने कार्यक्रम करती हैं, वहाँ सबसे पहले प्रशासन व प्रचार-प्रसार मीडिया के साथ सकारात्मकता कायम करती हैं।
इनके कार्यों की सततता में इनका गहरा समर्पण, परिश्रम व जीवट प्रदर्शित होता है। वर्तमान में यह बहुत ही सही बात है कि किसी भी बड़ी योजना को समयान्तर्गत सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए क्षेत्रीय जनता का नैतिक समर्थन प्रधान आवश्यकता है। परमाणु सहेली अपनी दूरदर्शी सोच के साथ इसी पथ पर एक यथार्थ योग्य पथ-प्रदर्शिका के रूप में देश प्रेम व जन कल्याण की भावना से कार्य कर रही हैं। इनके तमिलनाडु (कुडनकुलम), हरियाणा (गोरखपुर), राजस्थान (बाँसवाड़ा), गुजरात (काकरपारा) कार्यक्रमों से राज्यों की बड़ी योजनाओं के प्रति क्षेत्रीय जनता में सकारात्मकता का वातावरण कायम हुआ है। और इन योजनाओं पर कार्यों ने गति पकड़ ली है। परमाणु सहेली को भारत के वैज्ञानिक समुदाय से, बुद्धिजीवी समुदाय से, कारोबारी समुदाय से, शैक्षणिक संस्थानों इत्यादि से काफी प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए हैं। व आम से लेकर ख़ास जन से इन्हे पूरी प्रेरणा व साहस व प्रशंसा मिलती रही है।
वर्तमान में, इनका कहना है कि चहुँमुखी विकास के सतत सृजन के लिए दो बाते मुख्य हैं। पहली, जागरूक जनता और दूसरी एक सुदृढ़ शासन। ये राजस्थान में कस्बाई व गाँवई स्तर पर समग्र जन-जागरूकता के कार्यक्रम करने जा रही है। इनला लक्ष्य है, ये आगामी तीन महीनो की समयावधि के अंतर्गत 2 करोड़ वयस्क ग्रामीण स्त्री-ोुरूष व छात्र-छात्राओं को एक जागरूक प्लेटफॉर्म पर ले आएंगी।
परमाणु सहेली का कहना है कि राज्य व देश में चहुँमुखी विकास की जल-प्रवाह व समग्र बिजली उत्पादन की योजनाओं को समान्तर्गत सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए सबसे प्रधान काम क्षेत्रीय जनता में ऐसी योजनाओं के प्रति सकारात्मकता का वातावरण बनाना है। इनके जीवन का उद्देश्य है, आम से लेकर ख़ास जान में चहुँमुखी विकास की राष्ट्रीय योजनाओं के सन्दर्भ में व्याप्त भ्रांतियों एवं पूर्वाग्रहों का निराकरण कर योजनाओं के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार करना।
इस कार्य हेतु, अभी तक स्कूल, कालेज, विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संगठन व विभाग, बैंक, व्यापार संगठन, व्यापारी, शिक्षाविदों इत्यादि को के मार्फ़त ग्रास रुट स्तर के कार्यक्रम किये जाते रहे हैं।
हम परमाणु सहेली के इस प्रयास में इन्हे शुभेच्छाएं प्रदान करते हैं।