जयपुर 31 दिसंबर 2018 : महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (एमएलएल) में हम मानते हैं कि वर्ष 2018 लॉजिस्टिक्स उद्योग के लिए परिवर्तनकारी रहा। यह इस क्षेत्र पर सरकारी फोकस के कारण था। जीएसटी के साथ 2017 में शुरू किया गया कार्य 2018 में भी ई-वे बिल, राज्य के लिए लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन इंडेक्स और लॉजिस्टिक्स के लिए नोडल विभाग, के साथ 2018 में जारी रहा।
इसके अलावा, एक अंब्रेला पहल भी है, एलईईपी यानी लॉजिस्टिक्स एफीसीएनसी इन्हंस्मेंट प्रोग्राम, जिसके तहत लॉजिस्टिक्स विभाग द्वारा कई योजना बनाई जा रही है। विभाग ने भारतीय लॉजिस्टिक्स के लिए एक नए लोगो का भी अनावरण किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि केवल विश्वसनीय खिलाड़ियों को ही इस लोगो का उपयोग करने की अनुमति मिले। हाल ही में नेशनल लॉजिस्टिक्स पोर्टल लॉन्च किया गया है। यह पोर्टल संपूर्ण लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिक तंत्र के लिए जरूरी सभी सेवाओं के लिए मार्केट प्लेस होगा।
एमएलएल के उद्देश्य सिद्धांतों में से एक है उद्योग को आकार देना। हम लॉजिस्टिक्स विभाग व सीआईआई के तहत नेशनल काउंसिल फॉर लॉजिस्टिक्स के साथ मिल कर काम कर रहे है। हम लॉजिस्टिक्स उद्योग में मानकीकरण जैसे पहल पर काम कर रहे हैं।
सकल घरेलू उत्पाद में लॉजिस्टिक्स सेक्टर का योगदान 13 से 14 फीसदी है जो लगभग कृषि क्षेत्र की तरह ही महत्वपूर्ण है और इसलिए उचित ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार मेक इन इंडिया की वकालत कर रही है। हमारा मानना है कि भारत में इसके सफल होने के लिए और अधिक कुशल होना चाहिए। यहाँ रसद क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण है।
अंत में, महिंद्रा लॉजिस्टिक्स में हम लॉजिस्टिक्स के लिए एक और रोमांचक और कार्य-भरे वर्ष की उम्मीद करते हैं।