उदयपुर 09.03.2019। देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के बेहतर संरक्षण हेतु यह नितान्त आवश्यक है कि भारत सरकार द्वारा संचालित समेकित बाल संरक्षण योजना अन्तर्गत गठित होने वाली ब्लाॅक एवं ग्राम पंचायत स्तर की समितियों का प्राथमिकता से गठन हो एवं इन्हें क्रियाशील किया जाए। ग्राम पंचायत स्तरिय बाल संरक्षण समिति के माध्यम से समुदाय आधारित बाल निगरानी व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सकता है, साथ ही बाल श्रम, तस्करी एवं बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उक्त विचार उदयपरु जिले के सराड़ा पंचायत समिति के निम्बोदा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पंचायत की पहल से आयोजित बाल संरक्षण समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए बाल अधिकार विशेषज्ञ एवं गायत्री सेवा संस्थान के निदेशक डाॅ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने व्यक्त किए।
इस अवसर पर स्थानिय ग्राम पंचायत के सरपंच एवं ग्राम पंचायत बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष प्रभुलाल मीणा ने बाल संरक्षण हेतु गायत्री सेवा संस्थान द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण एवं सहयोग की सराहना करते हुए अपनी ग्राम पंचायत को पूर्ण रूप से बाल मित्र बनाने का संकल्प लिया।
समिति के सदस्य एवं सराड़ा पुलिस थाना के बाल कल्याण अधिकारी रतन ंिसह ने ग्रामिणों को किशोर न्याय अधिनियम एवं बाल विवाह निषेध अधिनियम की जानकारी दी।
निम्बोदा ग्राम पंचायत के सचिव मनीष मसार ने राज्य सरकार द्वारा बच्चो के लिए संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी देते हुए समस्त वार्ड पंच से अपने-अपने क्षेत्र के सभी पात्र परिवारों को इनसे जुड़वाने का आह्वान किया।
बैठक मंे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के अध्यापक गौतम लाल मीणा, स्वास्थ्य विभाग की प्रतिनिधी शारदा बारिया, वार्ड पचं रूप लाल मीणा, गायत्री सेवा संस्थान के सचिव सुभाष जोशी, बालिका शिक्षा कार्यक्रम के परियोजना अधिकारी नितिन पालिवाल, मिनाषी शर्मा ने भी अपने विचार प्रकट किए।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पूर्व स्थानिय महिलाओं ने बाल विवाह न करवाने एवं निम्बोदा ग्राम पंचायत के समस्त बच्चो को शिक्षा से जोडने का संकल्प लिया।
ग्राम पंचायत स्तरिय बाल संरक्षण समिति की बैठक में स्थानिय जनप्रतिनिधी, बच्चो से सम्बंधित विभिन्न विभागो के प्रतिनिधी एवं ग्रामिण उपस्थित रहे।