जयपुर, 12 अप्रेल। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री आनंद कुमार ने कहा कि मीडिया आचार संहिता के उल्लंघन की खबरों को विभाग के ध्यान में लाएगा तो ऎसे समाचारों की जांचकर उन पर पुख्ता कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के विभाग के प्रयासों में मीडिया भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुरूवार को हरिशचन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान (ओटीएस) स्थित पटेल भवन सभागार में निर्वाचन विभाग की ओर से आयोजित मीडिया प्रतिनिधियों की एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान पत्रकारों को विज्ञापन अधिप्रमाणन, पेड न्यूज, फेक न्यूज, सोशल मीडिया द्वारा प्रचार आदि पर विस्तार से जानकारी दी गई।
श्री कुमार ने कहा कि इस बार के चुनाव में मतदाता पर्ची वोटर की पहचान का आधार नहीं होंगी ऎसे में उसे फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र या भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित पहचान के 11 दस्तोवजों में से किसी एक को साथ लाने पर उसे मतदान करने का अधिकार मिल सकेगा। यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में भी मीडिया सहयोग दे। उन्होंने इस अवसर पर मतदाताओं के सहयोग के लिए वोटर हैल्प लाइन नंबर 1950, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन रोकने के लिए सी-विजिल एप, मतदान केंद्रों पर आधारभूत सुविधाओं, पेयजल और छाया की व्यवस्था, दिव्यांगजन-वृद्धजन को मतदान के समय सहयोग देने के लिए वॉलेन्टियर्स लगाने की व्यवस्था के बारे में जानकारी दी।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में लोगों को जागरूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि विभाग स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने मीडिया से अपील की कि विभाग द्वारा संचालित गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि स्वीप कार्यक्रम के जरिए निर्वाचन विभाग मतदाता जागरूकता अभियान चला रहा है। इसके तहत मतदाताओं को मताधिकार का महत्व भी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग एवं समन्वय से विधानसभा चुनाव पूर्ण निष्पक्षता के साथ सम्पन्न करवाए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब भी दिए।
इस अवसर पर निर्वाचन विभाग के विशेषाधिकारी श्री हरिशंकर गोयल ने अपने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विज्ञापन प्रमाणिकरण, ईवीएम, वीवीपेट, राजनैतिक विज्ञापनों का अधिप्रमाणन, पेड न्यूज, तथा इसके निर्धारण की प्रक्रिया, पेड न्यूज की लागत की गणना, एक्जिट पोल, धारा 127-‘ए‘ के तहत प्रकाशक एवं प्रिन्टर की विरूद्ध की जाने वाले कार्यवाही, पैम्फलेट, पोस्टर तथा अन्य दस्तावेजों के मुद्रण सहित सोशल मीडिया, मतदान तथा मतगणना केंद्रों पर मीडिया के प्रवेश हेतु वैधानिक प्रावधानों की जानकारी दी।
वर्कशॉप में सहायक निदेशक श्री आशीष खण्डेलवाल ने चुनाव के दौरान सोशल मीडिया के उपयोग के दौरान बरतने वाली सावधानी के बारे में जानकारी दी।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर्स ने ईवीएम से सुरक्षित मतदान तथा वीवीपेट मशीन के बारे में मीडिया कर्मियों को विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान मीडियाकर्मियों से भी वोटिंग मशीन तथा वीवीपेट मशीन स्विच ऑन करवाकर मॉक पोल करवाया गया। साथ ही उनकी शंकाओं का समाधान भी किया गया। प्रशिक्षण में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक तथा संवाद एजेंसियों के संवाददाताओं ने हिस्सा लिया।