जयपुर, 15 अप्रेल। अगर किसी वाहन में सीट बैल्ट दी गई है तो अब यह ड्राइवर की जिम्मेदारी है कि वह सभी यात्रियों का सीट बैल्ट लगाया जाना सुनिश्चित करे। ‘‘मोटर व्हीकल्स(ड्राइविंग) रेग्यूलेशन्स 2017’ के अन्तर्गत ड्यूटीज ऑफ ड्राइवर एंड राइडर्स, ओवरटेकिंग, स्पीड, राइट ऑफ द वे, लेन ड्राइविंग, पाकिर्ंग आदि के ऎसे ही नये नियमों के सम्बंध में परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के अधिकारियों, मुख्यालय के डीटीओ, निरीक्षकों, यातायात पुलिसकर्मियों को शुक्रवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार एवं इन्सटीटयूट ऑफ रोड ट्रेफिक एजुकेशन(आइआरटीई) के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रशिक्षण मोहनलाल सुखाड़िया मेमोरियल हॉल, द्वितीय तल राजस्थान चौम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री, अजमेरी गेट के सभागार में दिया गया।
आइआरटीई के हेड विषय विशेषज्ञ श्री रोहित बलूजा ने प्रतिभागियों को मोटर व्हीकल्स(ड्राइविंग) रेग्यूलेशन्स 2017 के विभिन्न प्रावधानों एवं उनके सेक्शन्स की सविस्तार जानकारी दी। साथ ही नये नियमों के सम्बन्ध में उनकी शंकाओं का समाधान किया।
डीसीपी ट्रेफिक श्री राहुल प्रकाश इस मौके पर कहा कि फील्ड में इंप्लीमेंट करने से पहले ट्रैफिक नियम कायदों को अच्छी तरह जानना समझना जरूरी है। इसके लिए यातायात पुलिस कर्मियों को केवल पूछ और सुनकर चलने के बजाय इन नियमों के अध्ययन की आदत होनी चाहिए। एडिशनल डीसीपी यातायात श्री सेठाराम ने उपस्थित यातायात पुलिसकर्मियों को इस प्रशिक्षण का अधिक से अधिक लाभ उठाने एवं सड़क पर यातायात नियमों की पालना करवाने का आव्हान किया।
परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की प्रभारी उपायुक्त श्रीमती निधि सिंह ने कहा कि अभी नये नियम होने के कारण इनकी बारीकियों के सम्बन्ध में फील्ड ऑफिसर्स को जानकारी देना जरुरी है। उन्होंने पूरे राज्य में इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित कराने का आईआरटीई से आग्रह किया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को ऑडियो विजुअल माध्यमों माध्यमों से सड़क पर व्यावहारिक परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में करीब 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।