जयपुर, 25 अप्रेल। राजकीय विद्यालयों में नामांकन वृद्धि, अनामांकित एवं ड्रॉप आउट बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए शुक्रवार से प्रदेशभर में प्रवेशोत्सव का पहला चरण प्रारम्भ होगा। इसके तहत प्रदेश में 3 से 18 वर्ष तक के सभी बालक-बालिकाओं का निकट के राजकीय विद्यालय में नामांकन के साथ ही ठहराव सुनिश्चित किए जाने पर विशेष फोकस रहेगा।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् के आयुक्त श्री प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि प्रवेशोत्सव को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा अन्य विभाग मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि शत-प्रतिशत नामांकन, ठहराव एवं शून्य ड्रॉप आउट वाली ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित कर सम्मानित किया जाएगा। प्रवेशोत्सव अभियान के अंतर्गत घर-घर जाकर बालक-बालिकाओं का सर्वें किया जाएगा। सर्वें में 3 वर्ष से 18 वर्ष के समस्त बालक-बालिकाओं को चिन्हित कर 3 से 5 वर्ष तक के बच्चों को उनकी निकट के किसी आंगनबाड़ी केन्द्र में एवं 5 से 18 वर्ष तक के बच्चों को निकट के राजकीय विद्यालय में प्रवेश दिलाने की कार्यवाही की जाएगी।
श्री बोरड़ ने बताया कि प्रवेशोत्सव में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के साथ ही ड्राप-आउट रोके जाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के सभी संयुक्त निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रभावी मोनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं। संयुक्त निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अपने अधिनस्थ जिलों के कार्यालयों एवं विद्यालयों का निरीक्षण कर प्रवेशोत्सव अभियान को सुचारू एवं सफल संचालन को सुनिश्चित करेंगे। प्रवेशोत्सव के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संयुक्त निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गयी है। इसके साथ ही सभी स्तरों पर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूल जाने योग्य कोई भी बालक-बालिका विद्यालयों में नामांकन से वंचित ना रहे। प्रवेशोत्सव का पहला चरण शुक्रवार से प्रारंभ होकर आगामी 9 मई तक चलेगा। द्वितीय चरण ग्रीष्मावकाश पश्चात प्रारंभ होगा।