जयपुर, 25 अप्रेल। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजेश्वर सिंह ने कहा कि स्वच्छ भारत बनाने में तकनीकी विशेषज्ञों की भूमिका सबसे अह्म है। उन्होंने कहा कि अगर स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश को खुले में शौच मुक्त बनाना है तो शौचालयों के निर्माण में ऎसी तकनीकी सुधार करना होगा जिससे वातावरण को एवं आम जन के स्वास्थ्य को कोई नुकसान न हो।
श्री सिंह गुरूवार को दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान में निदेशालय स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की ओर से राज्य की ग्राम पंचायतों के चुनिंदा तकनीकी कार्मिकों, विशेषज्ञों और सन्दर्भ व्यक्तियों के लिये ’’शौचालय निर्माण तकनीकी सुधार’’ पर आयोजित तीसरे फेज की 2 दिवसीय राज्य स्तरीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारम्भ पर बोल रहे थे।
उन्होंने स्वच्छता को समृद्वि एवं खुशहाल जीवन की पहली सीढ़ी बताते हुए कहा कि आम जन को हमें जागरूक करना होगा कि हमारा स्वच्छ परिवेश हमारे शरीर, मन व विचार को स्वस्थ रख कर सम्पूर्ण समाज को उन्नति की ओर अग्रसर कर सकता है। स्वच्छता के बिना विकास को बैमाने बताते हुए उन्होंने कहा कि हम सब को मिल कर स्वच्छ भारत अभियान को एक मुकाम तक पहुॅंचाने के लिये इन शौचालयों में तकनीकी सुधार कर लोगों को स्वच्छ व स्वस्थ जीवन जीने की ओर पे्ररित करना होगा।
इस अवसर पर निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन, श्री पी0सी0 किशन नेे प्रदेश के 300 ब्लॉक से आये तकनीकी कार्मिकों से उम्मीद जताई कि उन्होंने इन कार्यशालाआें में तकनीकी व व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में निर्मित शौचालयों में तकनीकी सुधार हेतु प्राप्त किया है उस प्रशिक्षण से वे प्रदेश के मिस्ति्रयों को तकनीकी जानकारी देकर तकनीकी रूप से प्रशिक्षित कर व आम जन के स्वास्थ्य व वातावरण के लिये बेहतर शौचालय बनवाने में अह्म भूमिका निभायेंगे।
इस 2 दिवसीय कार्यशाला के दोपहर बाद इन सभी प्रतिभागियों को स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारियों व यूनिसेफ के विषय विशेषज्ञों में श्री तपन कुमार दास ने सांभर लेक तहसील के खेजड़ावास ग्राम में शौचालय निर्माण की ट्विन पिट तकनीकी