जयपुर 10 मई 2019 उद्योग आयुक्त डॉ. कृृष्णा कांत पाठक ने कहा है कि औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कुशल कामगरों की सहज उपलब्धता और युवाओं के कौशल विकास के लिए एप्रेटिंसशिप एक्ट प्रावधानों का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रतिष्ठानों को प्रोएक्टिव भूमिका निभानी होगी।
आयुक्त डॉ. पाठक शुक्रवार को उद्योग भवन में नेशनल स्किल डवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक्ट के प्रावधानों के अनुसार 40 कार्मिकों वाली कंपनियों मेंं एप्रेटिएशिप जरुरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टैक्सटाइल सेक्टर के साथ ही पर्यटन, रिटेल, बैंकिंग फायनेंसियल इंस्टीटयूट, हॉस्पिलिटी आदि सेक्टरों में कौशल विकास की विपुल संभावनाएं होने के साथ ही युवाआें के रोजगार के भी असीम अवसर है। उन्होेंने कहा कि पांचवीं पास से लेकर उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे युवा अप्रेटिंसशिप कार्यक्रम के तहत कौशल विकास कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह सुविधा संस्थानों और युवाओं दोनों के लिए लाभकारी है।
डॉ. पाठक ने कहा कि अप्रेटिंसशिप के लिए जहां सरकार द्वारा सुविधाएं दी जाती हैं वहीं युवाओं को रोजगार और संस्थानों को कुशल कार्मिक उपलब्ध हो सकते हैं।
डॉ. पाठक ने कहा कि अप्रेटिंसशिप के लिए जहां सरकार द्वारा सुविधाएं दी जाती हैं वहीं युवाओं को रोजगार और संस्थानों को कुशल कार्मिक उपलब्ध हो सकते हैं।
नेशनल स्किल डवलपमेंट कारपोरेशन के श्री कलाम ने बताया कि केन्द्र सरकार की इस योजना में 434 टैनिंग सहभागी होने केसाथ ही 38 सेक्टर स्किल काउंसिल कार्यरत है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम से एक करोड़ से 24 लाख से अधिक युवाओं का कौशल विकास कर 48 लाख से अधिक युवाओं का प्लेसमेंट करवाया जा चुका है।कार्यशाला में अतिरिक्त निदेशक श्री पीके जैन ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों से इस योजना का लाभ उठाने पर बल दिया।
संयुक्त निदेशक श्री सीबी नवल, श्री पीएन शर्मा, उपनिदेशक श्रीमती शिल्पी पाण्डे, श्रीमती निधि शर्मा सहित विभिन्न औद्योगिक परिसंघों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में स्लाइड प्रजेटेंशन के माध्यम से एप्रेटिंसशिप एक्ट के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी गई।