जयपुर 10 मई 2019 सवाई मानसिंह अस्पताल भवन में स्थित लाइफ लाइन स्टोर में शुक्रवार अलसुबह अचानक आग लग गई। आग ने कुछ ही समय में विकराल रूप धारण कर लिया। आग एसएमएस भवन के ग्राउण्ड फ्लोर पर स्थित स्टोर में लगी थी। आग ने प्रथम व द्वितीय तल पर स्थित लाइन स्टोर को भी आगोश में ले लिया। आईसीयू के पास वार्ड में बडी संख्या में मरीज भर्ती थे। आग से मरीजों में खलबली मच गई और धुएं से दम घुटने कई मरीजों की तबीयत खराब हो गई। दमकल कर्मियों ने अस्पताल प्रशासन के साथ मिलकर मरीजों को सकुशल बाहर निकाल कर दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया। आग से लाइफ लाइन स्टोर का रिकॉर्ड व लाखों रुपए की दवाईयां जल कर राख हो गई। आग की सूचना पर घाटगेट, बाइस गोदाम, वीकेआई व अन्य स्थानों से करीब 12 दमकले मौके पर पहुंची और करीब तीन घंटे के अथक प्रयास के बाद आग पर काबू पाया। आग की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। हादसे के बाद अस्पताल में एक महिला की भी मौत हो गई।
तीन फ्लोर के लाइफ लाइन स्टोर में लगी आग संदेह के घेरे मेंअस्पताल के ग्राउण्ड, प्रथम व द्वितीय तल पर स्थित लाइफ लाइन स्टोर में लगी आग अस्पताल प्रशासन को संदेह के घेरे में खड़ा करती है। हालाकि पुलिस फिलहाल शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना व्यक्त कर रही है। एक के बाद एक कर तीन स्टोर में आग लगना पुलिस के भी गले नहीं उतर रही है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस का मानना है कि लाइफ लाइन के स्टोर में कुछ गड़बड़झाला है। आग से स्टोर का सारा रिकॉर्ड व दवाईयां जल गई। साठ से अधिक मरीजों की बचाई जान चीफ फायर आफिसर जगदीश फुलवारी ने बताया कि आग के बाद वार्ड में धुआं भर गया था। इससे वहां पर भर्ती करीब साठ से अधिक मरीजों में अफरा तफरी मच गई।
मरीजों के साथ बड़ी संख्या में उनके परिजन भी मौजूद थे। धुएं से दम घुटने से कई मरीजों की तबीयत खराब होने लग गई थी। मरीजों को यह तक पता नहीं था कि निकलना कहां से है। अस्पताल प्रशासन के साथ मिलकर दमकल कर्मियों ने मरीजों को सकुशल बाहर निकाल कर दूसरे वार्ड में पहुंचाया, तब जाकर मरीजों ने राहत की सांस ली। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। आग से वार्ड में भर्ती मरीजों में चीख-पुकार मच गई थी। आग बुझाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा । आग से कम्प्यूटर, रिकॉर्ड, दवाईयां सहित अन्य सामान जल गया। आग रात करीब तीन बजे लगी थी और करीब तीन घंटे के प्रयास के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
खिड़की दरवाजों के शीशे तोड़ने पड़े सीएफओ जगदीश फुलवारी ने बताया कि सुबह करीब 3:15 एसएमएस अस्पताल में बड़ी आग लगने की सूचना मिली थी। शहर के विभिन्न फायर स्टेशनों से 12 दमकलों को घटनास्थल पर भेजा गया। अस्पताल परिसर में आग की वजह से धुंआ काफी भर गया था। इससे वहां खिड़की दरवाजों के शीशे तोड़ने पड़े। इसके बाद दमकलकर्मियों ने हॉस्पिटल के मुख्य और पिछले गेट से आग बुझाना शुरू किया। फुलवारी के मुताबिक आग सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर बनी लाइफ लाइन मेडिकल शॉप में लगी। इसके बाद दूसरी मंजिल तक आग की लपटें पहुंच गई। वॉर्डों में धुंआ भर गया। रात 3 बजे नींद में सो रहे मरीज और उनके परिजन बदहवास हो गए। वे वॉर्ड से निकलकर बाहर भाग निकले। सूचना मिलने पर एसएमएस अस्पताल चौकीप्रभारी एएसआई राजेंद्र शर्मा और अन्य मेडिकल स्टाफ आ गया।
आग का प्रभाव गहरा देखकर उन्होंने कंट्रोल रुम को फोन किया। तब अस्पताल प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान दमकलकर्मियों ने चीफ फायर अफसर जगदीश फुलवारी के निर्देशन में सहायक अग्निशमन अधिकारी देवांग, मोहर सिंह के साथ भीषण आग को बुझाने के साथ हौंसला दिखाया।
इस दौरान सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर जगदीश प्रसाद रावत की अगुवाई में मौके पर बचाव राहत कार्य के लिए पहुंची सिविल डिफेंस की टीम भी मरीजों को शिफ्ट करने और आग बुझाने में जुट गई। आग से काफी नुकसान होना बताया जा रहा है।