पर्यावरण रक्षा के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एक भावनात्मक पहल

जयपुर 02 मई 2019 चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत संचालित राजकीय संस्थानों में प्रसव होेने पर नवजात शिशु के परिजनों को संस्था परिसर में एक पौधा लगाने एवं उसकी देखभाल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। नवजात शिशु के परिजनों को लगाए गए पौधे के साथ शिशु के नाम की पट्टिका लगाने का अवसर भी प्रदान किया जा सकेगा।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि यह नवाचार न केवल पर्यावरण रक्षा से जुड़ा है बल्कि इस पहल का भावनात्मक पहलू भी है। शिशु जन्म पर लगाए गए पौधे का संरक्षण करने वाले परिजन एवं बाद में बड़ा होने पर शिशु भी जब इस पौधे को वृक्ष बनता देखेगा तो उसके लिए यह एक अलग ही अनुभव होगा। इसके अलावा दो माह बाद ही मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी ऎसे में इस नवाचार के तहत लगाए पौधों के पनपने की संभावना भी अधिक है।
श्री सिंह ने बताया कि पहले से ही राज्य के कुछ स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण के विषय में सराहनीय पहल करते हुए केन्द्र पर होने वाले प्रसव उपरान्त नवजात शिशु के परिजनों को संस्था परिसर में एक पौधा लगाने एवं उसकी देखभाल के लिए प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन अब इस नवाचार को पूरे राज्य में अपनाए जाने के लिए ‘नव जीवन-नव अंकुर’ योजना का नाम दिया गया है।
श्री सिंह ने सभी संयुक्त निदेशक (जोन), मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सभी प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखकर योजना में अधिक से अधिक परिजनों को पौधरोपण के लिए प्रेरित करने की अपेक्षा जाहिर की है। साथ ही अगले कुछ माह में वर्षा ऋतु के आगमन को देखते हुए अपने-अपने चिकित्सा संस्थानों पर सामुदायिक सहभागिता से अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करवाया जाना सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया है।

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