जयपुर 10 मई 2019 चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के विशिष्ट शासन सचिव एवम मिशन निदेशक डॉ. समित शर्मा ने कहा है कि हर बालक-बालिका के मन में युवावस्था के संक्रमण काल में अचानक होने वाले हार्मोनिक-शारीरिक-मानसिक बदलावों, पढाई, भविष्य एवं कॅरियर को लेकर व्यवहारगत बदलाव सम्बन्धित कई प्रश्न होते हैं। उन्हें इन प्रश्नों का समाधान सही समय पर मिलना जरूरी है। इसके लिए विद्यालयों-कॉलेज मैं संपर्क के दौरान समझाइश के साथ ही उजाला क्लीनिकों में विस्तृत काउंसिल के लिए बुलाने के प्रयास किये जाने चाहिए।
डॉ. शर्मा शुक्रवार को होटल हॉलिडे इन् मैं राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के सम्बन्ध में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में आर.के.एस.के. परामर्शदाताओं एवम समन्वयकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 10 जिलों में चलाया जा रहा ‘राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम’ किशोर स्वास्थ से संबंधित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। आर.बी.एस.के कार्यक्रम को अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों के साथ अधिक बेहतर तालमेल और समन्वय के साथ संचालित किया जाना चाहिए। किशोरों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उजाला क्लीनिकों की सहायता लेने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
मिशन निदेशक ने राजस्थान में भी मध्यप्रदेश की तरह पीयर एडुकेटर के साथ शेडो पीयर एडुकेटर बनाने एवं कार्यक्रम से जुड़े कार्मिको को पहचान पत्र प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। मिशन निदेशक ने बताया कि कार्यक्रम के तहत उदयपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपूर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, बूंदी, करोली व धौलपुर में जिला चिकित्सालय, सामान्य चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो एवं चयनित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर किशोराें की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लियें उजाला क्लिनिक संचालित कियें जा रहे हैं।
कार्यशाला में यूएनएफपीए के स्टेड कॉर्डिनेटर सुनिल थॉमस ने कार्यशाला के उदे्श्यों के बारे में जानकारी दी। आरकेएसके कार्यक्रम के स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ राजेन्द्र गौरा ने बताया की कार्यक्रम में किशोरो के पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य, नशा मुक्ति, गैर संचारी रोगो की रोकथाम, हिंसा प्रवृत्ति की रोकथाम जैसे कई मुद्दो को लेकर कार्य किया जा रहा है। कार्यशाला में मध्यप्रदेश से यूनिसेफ स्टेट कॉर्डिनेटर डॉ. निलेश देशपांडे ने पॉवर पोईन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी। आरकेएसके राज्य सलाहकार डॉ निधि पुरोहित ने सत्र का संचालन किया। यूएनएफपीए की स्टेट कन्सलटेंट मानसी चौधरी ने बताया कि आरकेएसके कार्यक्रम की रिपोटिंंग, मॉनटरिंग एवं मूल्यांकन हेतु सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।