जयपुर 26 जून 2019 राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्व से संबंधी सभी मामलों की पेंडेंसी को कम किया जाए तथा ऎसे मामलों को सुलझाने के लिए समय सीमा तय की जाए।
श्री चौधरी बुधवार को शासन सचिवालय के जिला स्तरीय राजस्व अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा कठिन कानूनों में संशोधन कर प्रकिया का सरलीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि न्याय देरी से मिलना न्याय नहीं मिलने के बराबर है ऎसे में प्रशासनिक प्रकियाओं को समयबद्व सीमा में पूर्ण करें ताकि आमजन को समय पर न्याय मिल सके।
राजस्व मंत्री ने कहा कि भूमि आवंटन तथा रूपान्तरण के मामलों का ंभी शीघ्र निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा समस्त आवंटन के नियमों में एकरूपता लाने का प्रयास किया जाएगा। राजस्व विभाग के प्रति लोगों को विश्वसनीयता में बढ़ोतरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोचर भूमि को सुरक्षित रखना प्राथमिकता है तथा चारागाह भूमि को चारागह भूमि के तौर पर ही प्रयोग में लाना चाहिए।
इस अवसर पर राजस्व मंडल के अध्यक्ष श्री मुकेश शर्मा ने कहा कि राजस्व अधिकारी द्वारा पेंडेंसी को कम करने के लिए सभी मामलों का विश्लेषण कर त्वरित निस्तारण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मंडल द्वारा भी कई निर्देश दिए गए है जिनकी पालना से अधिकारियों को मामलों के त्वरित निस्तारण में आसानी होगी।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव, राजस्व श्री संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी न्यायालयों में आरसीएमएस (रेवेन्यू कोर्ट मैनजेमेंट सिस्टम) का उपयोग सौ प्रतिशत हो रहा हो। उन्होंने कहा कि सभी जिला कलेक्टर तथा अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजस्व के मामलों के बंटवारे की समीक्षा करें जिससे किसी एक न्यायालय में कम तथा दूसरे न्यायालय में मामलों की संख्या ज्यादा न हों।
श्री मल्होत्रा ने सभी जिलों की पेंडेसी, भूमि आवंटन तथा रूपान्तरण की प्रगति रिपोर्ट एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से रखी। इस अवसर पर विभाग के संयुक्त शासन सचिव श्री विष्णु गोयल, संयुक्त शासन सचिव श्री राकेश शर्मा, उपशासन सचिव श्री कमलेश आबूसरिया सहित जिलों के अतिरिक्त जिला कलेक्टर, तथा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।