जयपुर 26 जुलाई 2019 परिवहन मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि प्रदेश में ओला, उबर जैसी कैब पब्लिक ट्रांसपोर्ट कम्पनियों को यात्री सुरक्षा, सेवा पारदर्शिता एवं अन्य नियमों की पालना के लिए अधिक जिम्मेदार बनाया जाएगा। अब हर कम्पनी को अपने यहां एक कन्ट्रोल रूम स्थापित करना होगा तथा इसमें आने वाली शिकायतों के बारे में समय-समय पर परिवहन विभाग को जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही अब कैब सेवा से सम्बन्धित शिकायत परिवहन आयुक्त कार्यालय, आरटीओ या किसी भी परिवहन कार्यालय में भी की जा सकेगी।
श्री खाचरियावास ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि ओला और उबर को लेकर समय-समय पर अधिक किराया वसूली या सेवा को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियोें को शिकायत मिलती रहती है। प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग ओला, उबर जैसी कैब में सफर करते हैं, सरकार उनकी सुरक्षा एवं सुविधा को लेकर गंभीर है। इसलिए ओला, उबर के संचालकाें को बुलाकर परिवहन आयुक्त द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने यहां एक कन्ट्रोल रूम स्थापित करें। इस कन्ट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों पर इन कैब कम्पनियों का ही नियंत्रण रहेगा लेकिन उन्हें समय-समय पर इन शिकायतों और की गई कार्यवाही की जानकारी परिवहन विभाग को देनी होगी।
उन्होंने बताया वर्तमान में यात्री को यह पता नहीं रहता कि वे कैब से यात्रा के दौरान हुई असुविधा के लिए शिकायत कहां करे। आगे से वह इन कम्पनियों में स्थापित कन्ट्रोल रूम के साथ ही परिवहन आयुक्त कार्यालय या आरटीओ कार्यालय में भी अपनी शिकायत कर सकेंगे।
श्री खाचरियावास ने बताया कि कुछ ही समय पहले इन कैब कम्पनियों ने बीमा के नाम पर किराए में यात्रियों से 2 रूपए ज्यादा वसूलना शुरू कर दिया था। मामला सामने आने पर उन्हें सख्ती से पाबन्द कर यह वसूली रूकवाई गई। इसी तरह परमिट शर्तों की अनुपालना पूरी करने की सूचना प्रेषित नहीं करने और प्रदेश में नई शाखाएं खोले जाने की अनुमति नहीं लेने जैसे कारणों से उबर इंडिया टेक्नॉलोजी प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ज्यादा किराया वसूली की भी शिकायतें आती रही हैं। उन्होंने बताया कि कैब संचालक कम्पनियों के प्रतिनिधियों को अलग-अलग नियमों में बुलाकर नोटिस देकर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चत किए जाने एवं अनुमत किराया ही वसूल करने के लिए चेताया गया है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि इन कैब सेवाओं में यात्रियों की सुरक्षा एवं पारदर्शिता के लिए कई नियम प्रभावी हैं। उन्होंने बताया कि नियमानुसार परमिटधारी को किराए पर अपनी नीति का प्रकाशन करना जरूरी है जिसमें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम और अधिकतम किराया दर, एप्लीकेशन के साथ वाहन एवं ड्राइवरोंं के रजिस्ट्रीकरण, वाहन मालिकों और ड्राइवरों में किराया साझा करने, यात्रियों की सुरक्षा शिकायत दूर करने के लिए एक तंत्र की जानकारी होनी चाहिए। उसे इन नीतियों का पूरी बारीकी और पारदर्शिता के साथ अनुसरण करना चाहिए।
इसी तरह ऑन डिमाण्ड परिवहन प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म को मीटर के अनुसार की गई यात्रा की दूरी और समय के आधार पर बनने वाले किराए के बारे में यात्री को सूचना देने के लिए एक तंत्र उपलब्ध कराना होता है। यात्रा की समाप्ति पर यात्रा के प्रारम्भ, गंतव्य, चुकाए गए किराए का विवरण यात्री के ई-मेल, मोबाइल फोन या मोबाइल एप्लीकेशन उपलब्ध कराना होता है या हार्डकॉपी में रसीद देनी होता है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि कैब सेवा दे रही कम्पनी की जिम्मेदारी है कि यात्री को वेब, मोबाइल एप, ग्राहक सेवा दूरभाष या ई-मेल से यात्रा में हुई परेशानियों की शिकायत करने की सुविधा प्रदान करे।
इससे पहले विधायक श्री जगसीराम के मूल प्रश्न के जवाब में परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर एवं उदयपुर के लिए अनि टैक्नोलोजीज प्रा.लि. (ओला) तथा जयपुर, जोधपुर, उदयपुर के लिए उबर इण्डिया टैक्नोलोजी प्रा.लि. (उबर) की सेवाएं संचालित है। उन्होंने कम्पनीवार किराया तालिका व जिलेवार संख्या सूची सदन के पटल पर रखी।