जयपुर 12 जुलाई 2019 सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने कहा है कि प्रदेश में 31 दिसम्बर तक ऑडिट नहीं कराने वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।श्री आंजना शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंनें बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों का ऑडिट विभाग द्वारा किया जाता है एवं सीए नियुक्त करके भी कराया जाता है। जिन ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने अब तक ऑडिट नहीं कराया है उन्हें पाबन्द किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिन समितियों के खिलाफ अनियमिता की शिकायतें मिली हैं, उनकी जांच जारी है, शिकायत सही साबित होने पर वसूली की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी प्रकरण में एफआईआर नहीं कराई गई है।
इससे पहले विधायक श्री संदीप शर्मा के मूल प्रश्न केे जवाब में सहकारिता मंत्री ने बताया कि प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों में वित्तीय अनियमितता एवं गबन के राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 57(2) के दिनांक 31.03.2019 को कुल 2361 प्रकरण लम्बित है । उन्होंने इनका जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 57(2) के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में 32 प्रकरणों में कुल 42.80 लाख रूपये की वसूली की जा चुकी है। उन्होंने इसका भी जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने प्रदेश में अंकेक्षण से शेष सहकारी समितियों की सूचना सदन पटल पर रखते हुए बताया कि इन समितियों का रिकार्ड पूर्ण नहीं है। जिसे करवाया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों का सम्बन्धित बैंक द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त वार्षिक ऑडिट कराये जाने के साथ-साथ शिकायत प्राप्त होने पर राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा- 55 के अंतर्गत जांच करवायी जाती है। इस वर्ष से ऋण वितरण आधार आधारित अभिप्रमाणन के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही प्रांरभ कर दी गयी है तथा ऋण राशि का वितरण ऋणी के खाते में सीधे करने की कार्यवाही भी प्रांरभ कर दी गयी है।