जयपुर 3 जुलाई 2019 शिक्षा मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बुधवार को प्री.डी.एल.एड. परीक्षा 2019 का परिणाम घोषित किया। परिणाम जारी करने के बाद उन्होंने बताया कि बीएसटीसी के नाम से जानी जाने वाली यह परीक्षा पूर्व में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कराए जाने की परिपाटी चली आ रही थी। पहली बार इसे पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं, बीकानेर द्वारा करवाए जाने की पहल की गयी है। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा स्वयं इसे करवाए जाने से जिस राशि की बचत हुई है, उसका उपयोग प्रदेश की डाईट्स को सुदृढ़ करने में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को मजबूत करने के अंतर्गत वहां शिक्षकों के प्रशिक्षण की सभी प्रकार की सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने पूर्ण पारदर्शिता से विभाग द्वारा अपने स्तर पर संपन्न कदवाई गयी प्री.डी.एल.एड. परीक्षा में सभी सफल रहे अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने मौके पर ही इस परीक्षा में 80.47 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले प्रवीण कुमार को भी विशेष रूप से बधाई दी। उन्होंने बताया कि प्री.डी.एल.एड. परीक्षा 2019 राज्य के सभी 33 जिलों के 2212 परीक्षा केन्द्रों पर गत 26 मई को आयोजित की गयी थी। परीक्षा में 7 लाख 51 हजार 127 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए और इनमें से 6 लाख 94 हजार 663 परीक्षार्थी उपस्थित हुए।
सभी उत्कृष्ट विद्यालयों में एक-एक शिक्षकों के पद दिए
शिक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले छः माह में प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में बुनियादी सुधार के साथ ही विसंगतियों को पूरी तरह से दूर करने का प्रयास करने की विशेष पहल की गयी है। उन्होंने बताया कि 2016 के बाद प्रारंभिक शिक्षा का स्टाफिंग पैटर्न का जो बकाया चला आ रहा कार्य था उसे पूरा कर लिया गया है। राज्य में उत्कृष्ट विद्यालयों को वास्तविक रूप में उत्कृष्ट करने के प्रयास करते हुए उनमें एक-एक पद देने की पहल की गयी है।
105 विद्यार्थी पर होगा अब एक शारीरिक शिक्षक
श्री डोटासरा ने बताया कि पूर्व में 120 विद्यार्थियोें पर एक शारीरिक शिक्षक लगाए जाने का प्रावधान था, इसे बदलकर राज्य सरकार ने छात्र हित में अब यह व्यवस्था की है कि जहां 105 विद्यार्थी हैं वहां पर भी एक शारीरिक शिक्षक लगाया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि राज्य सरकार की यह मंशा है कि प्रदेश में विद्यार्थियों का मानसिक एवं शारीरिक रूप में समान स्तर पर विकास हो।
तृतीय भाषा अध्ययन हेतु पृथक से पद
श्री डोटासरा ने बताया कि प्रदेश में पहली बार कक्षा 6 से 8 में तृतीय भाषा का अध्ययन कराने के लिए राज्य सरकार ने पृथक से पद स्वीकृत किये हैं। विशेष शिक्षकों को भी जहां उनकी उपयोगिता हैं, वहीं पर पदस्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि जहां पर 4 विशेष बच्चें अध्ययनरत हैं, वहां पर प्राथमिकता से एक विशेष शिक्षक लगाया जाएगा। इससे ऎसे बच्चे जो शारीरिक रूप से किसी स्तर पर अक्षम हैं, उनके लिए पढ़ाई की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी।
8 हजार 200 शिक्षकों के पदों की वृद्धि
श्री डोटासरा ने बताया कि प्रदेश में अल्प अवधि में ही राज्य सरकार ने 8 हजार 200 शिक्षकों के पदों की वृद्धि की है। इसी तरह 1100 शारीरिक शिक्षकों की वृद्धि की गयी है। उन्होंने बताया कि स्टाफिंग पैटर्न के अंतर्गत 4 हजार शिक्षकों के पदों की वास्तविक कैटगरी निर्धारित की गयी है। इसी तरह 4 हजार ही ऎसे शिक्षक अब हो गए हैं जिन्हें वास्तविक रूप में काउन्सिलंग से लगाने की राज्य सरकार ने पहल की है।
शिक्षकों के 90 प्रतिशत पदों को भरने की हुई पहल
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के 90 प्रतिशत पदों को भर दिया है। प्रयास यह किया गया है कि शिक्षकों को उनके नजदीक के स्थानों पर ही लगाया जाए तथा उन्हें कम से कम परेशानी आए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार शिक्षा में राजनीतिक स्तर पर किसी तरह की भेदभाव के खिलाफ है। वर्ष 2016 में 25 हजार शिक्षकों को इधर-उधर जाना पड़ा और अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ा था। राज्य सरकार ने काउन्सिलंग से पूर्ण पारदर्शिता से जो प्रक्रिया अपनायी है उससे 60 से 70 प्रतिशत शिक्षकों को उनके स्थानों पर ही पदस्थापित किया गया है।