दिल्ली, 21 नवंबर 2019 यूनाइटेड नेशंस हेल्थ इन्नोवेशन एक्सचेंज ;यूएनएचआईईद्धए बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस कौंसिल ;बीआईआरएसीद्ध और सोशल अल्फ़ा ने स्वास्थ्य क्षेत्र में नवाचारों के लिए एक विशेष पहल इंडिया एक्सिलरेटर प्लेटफार्म की घोषणा की है। भारतीय चिकित्सीय प्रौद्योगिकियों ;मेडटेकद्ध और डिजिटल स्वास्थ्य नवाचारों की क्षमताओं को बढ़ावा देना इस पहल का उद्देश्य है। अगले पांच सालों में 100 भारतीय नवाचारों का सफल स्वीकरण किया जाएगा। इंडिया एक्सिलरेटर प्लेटफार्म से मार्केट पहुंच बढ़ेगी और उसी अवधि में भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा 500 मिलियन डॉलर्स के मेडिकल डिवाइसेसए डायग्नोस्टिक्स और डिजिटल स्वास्थ्य सुविधाओं की खरीदारी होगी।
भारत की जरूरतों के अनुसार बनाए गए प्रौद्योगिकी नवाचारों को प्रोत्साहन देने की भारत सरकार की नीति के अनुसार यह प्रयास किए जा रहे हैं। यह एक्सिलरेटर एक श्ओपन प्लेटफार्मश् होगा और सार्वजानिक एवं नीजि क्षेत्रए बहु पक्षीय एजेंसीज और फाउंडेशन्स को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
यूएनएआईडीएस के डायरेक्टर . इन्नोवेशंस और यूएनएचआईई के हेड श्रीण् प्रदीप कक्कात्तील ने बतायाए ष्यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज और एसडीजी3 लक्ष्यों को तेजी से पूरा कर पाने के लिए नवाचारों को बढ़ावा देना बहुत आवश्यक है। भारत के नवाचारों की इकोसिस्टम में फार्मा से लेकर डायग्नोस्टिक्स और डिजिटल हेल्थ तक स्वास्थ्य क्षेत्र तक की पहुंच में सुधार लाने की पूरी क्षमता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों और नवाचारों के विकास और उन्हें दुनिया के सभी देशों में उपलब्ध कराने के लिए यूएनएआईडीएस हेल्थ इन्नोवेशन एक्सचेंज ;यूएनएचआईईद्ध की स्थापना की गई। बीआईआरएसी और सोशल अल्फ़ा के साथ साझेदारी में यूएनएचआईई.बीआईआरएसी इंडिया एक्सिलरेटर प्लेटफार्म की स्थापना करते हुए हमें बहुत ख़ुशी हो रही है और मुझे पूरा विश्वास है कि यूएचसी के वैश्विक विकास में यह महत्वपूर्ण साबित होगा।ष्
यूएनएचआईई ऐसा प्लेटफार्म है जहां कार्यान्वयन करने वालों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझकर उन्हें ऐसे नवाचारों के साथ जोड़ा जाता है जिनमें प्रभाव की सबसे ज्यादा सक्षमता है। यह प्लेटफार्म निवेशकों के साथ जोड़ता है जिससे प्रयासों को बढ़ावा मिलता है और स्थायी सुविधाएं विकसित करता है जिससे निवेशकों और कार्यान्वयन करने वालों के बीच की दूरी कम होती है और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज ;यूएचसीद्ध और स्वास्थ्य से जुड़े अन्य सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स ;एसडीजीद्ध तक वो तेजी से आगे बढ़ पाते हैं।
बीआईआरएसी की सेक्रेटरी डीबीटी और चेयरपर्सन डॉ रेणु स्वरुप ने बतायाए ष्भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रही हैए साथ ही प्रौद्योगिकी क्षमताएंए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता भी मजबूत हैए स्वास्थ्य क्षेत्र में नवाचारों को आगे बढ़ाने का यह सबसे अच्छा समय है। स्वास्थ्य क्षेत्र के कई नवाचारों का समर्थन कर बीआईआरएसी ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की क्षमताओं को लक्षणीय मात्रा में बढ़ाया है और अब यूएनएचआईई.बीआईआरएसी इंडिया एक्सिलरेटर प्लेटफार्म उनकी क्षमताओं के स्वीकरण में तेजी लाएगा। इस महत्त्वाकांक्षी पहल में बीआईआरएसी के साथ साझेदारी करने के लिए हम यूएनएआईडीएस और सोशल अल्फ़ा के बहुत आभारी हैं।ष्
यह प्लेटफार्म पूंजी प्रदाताओं के लिए निवेश अवसर निर्माण करेगाए इन्नोवेटर्स को नियामक अनुमतिओं के लिए तैयार करेगाए मार्केट तक पहुंच में उनकी मदद करेगा और वैश्विक स्तर पर सिफारिश और समर्थन के लिए सभी साझेदार और उनके नेटवर्क के लाभ प्रदान करेगा। यह प्लेटफार्म भारतीय इन्नोवेटर्स को बहु पक्षीय और यूएन व्यवस्थाओं का उपयोग करके उनके नवाचारों को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए मदद करेगा। इस एक्सिलरेटर प्रोग्राम का प्रबंधन सोशल अल्फ़ा द्वारा किया जाएगा।
सोशल अल्फ़ा के सह.संस्थापक और सीईओ श्री मनोज कुमार ने बतायाए ष्दुनियाभर में नवीनतम सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए बहु पक्षीय ष्मार्केट शेपिंगष् व्यवस्थाओं के निर्माण में भारत नेतृत्व कर सकता है और पहुंच एवं स्वीकरण में सुधार लाते हुए स्वास्थ्य रक्षा के खर्च को कम करने में मदद कर सकता है। भारत में बनायीं गयी प्रौद्योगिकियां कई विकसनशील देशों के लिए सबसे अच्छी हैं क्योंकि इन सभी देशों की स्वास्थ्य से जुडी समस्याएं लगभग एक समान हैं। भारत में विकसित किए जाने वाले इन्नोवेशंस को विकसित देशों में स्वीकार किए जाने की भी लक्षणीय क्षमताएं हैं। यूएनएचआईई और बीआईआरएसी के साथ सहयोग से इंडिया एक्सिलरेटर प्लेटफार्म की रचना और प्रबंधन करते हुए हमें ख़ुशी हो रही है।ष्