जयपुर, 27 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार एवं उत्पीड़न किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने ऎसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और आगे भी इसमें किसी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी। राज्य सरकार जघन्य अपराधों के त्वरित अनुसंधान के लिए एक विशेष यूनिट बना रही है, जो जल्द से जल्द तफ्तीश कर पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलाना सुनिश्चित करेगी।
श्री गहलोत शुक्रवार को रविन्द्र मंच सभागार में भारतीय महिला फैडरेशन के 21वें राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मॉब लिंचिंग एवं ऑनर किलिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं। केन्द्र से इन्हें मंजूरी का इंतजार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का संकल्प राज्य विधानसभा में पारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के स्वावलम्बन और सशक्तीकरण से ही समाज विकसित बनता है। ऎसे में जरूरी है कि महिलाएं घूंघट छोडे़ं। पुरूष आगे बढ़कर इस प्रथा को समाप्त करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने महिला सशक्तीकरण की मिसाल पेश की। इसी प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पहल पर हुए 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन से महिलाओं को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलना सुनिश्चित हुआ।
श्री गहलोत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पैरवी करते हुए कहा कि असहमति का मतलब राष्ट्रद्रोह नहीं है। उन्होंने कहा कि देश को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों की आज और अधिक आवश्यकता है। संविधान की भावना के अनुरूप देश चलना चाहिए ताकि हर व्यक्ति को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए आज युवा पीढ़ी को गुमराह किया जा रहा है, स्वस्थ लोकतंत्र की दिशा में यह उचित नहीं है।
सामाजिक कार्यकर्ता श्री अतुल कुमार अंजान ने कहा कि सांझी संस्कृति और सांझी विरासत हमारे देश का आधार है। उन्होंने कहा कि गांधी हमारे विचारों में कल भी जिंदा थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओं को समान भागीदारी मिलनी चाहिए।
भारतीय महिला फैडरेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष अरूणा रॉय ने कहा कि राजस्थान वह राज्य है, जहां सूचना के अधिकार को सशक्त करने के साथ ही महिला समानता और उन्हें अधिकार देने की दिशा में अच्छा काम हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जिसे संविधान और गांधी जी के सिद्धान्तों पर आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
भारतीय महिला फैडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रेवती, भंवरी देवी तथा निशा सिद्धू आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आई संगठन की पदाधिकारी, सोशल एक्टिविस्ट आदि भी मौजूद रहे।