उन्होंने बताया कि राज्य की सीमा वाले जिलों में चैकपोस्ट बनाए जाएंगे, जहां सभी आगन्तुकों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा जिसमें उनका नाम, पता, मोबाइल नम्बर आदि दर्ज होगा।
उन्होंने बताया कि ऐसी भी संभावना है कि कुछ लोग अपने निजी साधनों से सीधे अपने घर पहुंच सकते हैं, इसकी सूचना प्रशासन को नहीं होगी। इसलिए कलक्टर द्वारा स्थानीय स्तर पर मौहल्लों एवं गांवों में सुदृढ़ सूचना तंत्र बनाना होगा ताकि इस अवधि में कोई भी नया व्यक्ति आए तो इसकी सूचना तुंरत स्थानीय प्रशासन को मिले।
श्री स्वरूप ने बताया कि प्रत्येक पटवारी अपने पटवार हल्का क्षेत्र के लिए उत्तरदायी होगा। यदि उसे किसी व्यक्ति के गांव वापस लौटने की सूचना मिलती है तो वह तहसीलदार/ उपखण्ड अधिकारी को इसकी जानकारी देगा। इस काम में बीएलओ (बूथ लेबल अधिकारी) पटवारी की सहायता करेगा। शहरी क्षेत्र के लिए भी यही व्यवस्था होगी।
उन्होंने बताया कि कोई भी बाहर का व्यक्ति आता है तो गांववासी उसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दें और बाहर से आने वाला व्यक्ति 14 दिनों के लिए अपने घर के अन्दर क्वारंटाइन में रहे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि कोई ऐसा व्यक्ति इसका उल्लंघन करता है, तो उसकी भी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जाए ताकि उसे घर से हटाकर प्रशासन के क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा सके।
उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले कुछ व्यक्तियों के लिए गांव में घर में क्वारंटाइन करने में कठिनाई हो तो ऐसी स्थिति में वहां के स्कूल आदि भवन में क्वारंटाइन सेन्टर बनाया जाएगा। यहां पर बाहर से आए व्यक्तियों को ठहराया जाएग। उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जिम्मेदारी स्थानीय लोगों को दी जाएगी।