Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 14 मई 2020 टाटा ट्रस्ट्स चार सरकारी अस्पतालों की इमारतों में सुधार करके वहां कोविड-19 इलाज केंद्र बना रहे हैं। इनमें से दो अस्पताल उत्तर प्रदेश और दो महाराष्ट्र में हैं। भर्ती-रोगी और बाह्य-रोगी विभागों सहित इन अस्पतालों की सभी सुविधाएं स्थायी हैं और उनका तत्काल उद्देश्य पूरा होने के बाद भी यह अस्पताल अपने इलाकों में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते रहेंगे।
हाल ही में टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन श्री. रतन एन टाटा ने अपने निवेदन में कहा था, “मानव जाति के सामने आयी हुई आज तक की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक कोविड 19 विपदा के खिलाफ लड़ने के लिए जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल आपातकालीन संसाधनों को तैनात करने की आवश्यकता है।“ उनकी इस सोच के अनुसार टाटा ट्रस्ट्स ने यह कदम उठाया है।
महाराष्ट्र में यह अस्पताल सांगली (50 बेड्स) और बुलढाणा (106 बेड्स) में और उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर (168 बेड्स) और गोंडा (106 बेड्स) में हैं। उत्तर प्रदेश में इन इलाज केंद्रों को एक सहयोगी संगठन के साथ मिलकर बनाया जा रहा है। मौजूदा बुनियादी सुविधाओं में सुधार करने का निर्णय जहां संभव हो वहां मौजूदा क्षमताओं और सेवाओं में तेजी लाने और उनका उपयोग करने के लिए गया था। इन सुविधाओं को 15 जून 2020 तक सौंपने के लिए ट्रस्ट्स द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
हर एक अस्पताल में महत्वपूर्ण देखभाल क्षमताएं, छोटा ऑपरेशन थिएटर, बुनियादी पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी, डायलिसिस, रक्त भंडारण यह सुविधाएं और टेलीमेडिसिन यूनिट्स होंगे।
इन अस्पतालों के आधुनिकीकरण में टाटा ट्रस्ट्स द्वारा कैंसर इलाज सुविधाओं को बनाने के उनके अनुभवों का उपयोग किया जा रहा है, और सेवा आपूर्तिकर्ताओं को भी जोड़ा गया है। निर्माण का काम टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है और डिज़ाइन एडिफिस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है। सभी उपकरण अग्रणी उत्पादकों से लिए जा रहे हैं।
भारत की कोविड-19 लड़ाई में मदद के लिए टाटा ट्रस्ट्स द्वारा की जा रही यह तीसरी पहल है।
ट्रस्ट्स द्वारा राज्य सरकारों और अलग-अलग अस्पतालों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण मदद स्वरुप देने की पहल इसके पहले ही शुरू कर दी गयी है। इनमें कवरऑल्स, एन95/केएन95 मास्क्स, सर्जिकल मास्क्स, दस्ताने और गॉगल्स शामिल हैं। आज तक देश भर में 26 राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण पहुंचाए गए हैं।
ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य प्रथाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा अपनाया जाए इसलिए टाटा ट्रस्ट्स ने पूरे भारत में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान की शुरूआत की है। 31 मार्च से शुरू किया गया यह अभियान अब तक 21 राज्यों में करीबन 21 मिलियन लोगों तक पहुंचा होगा। किसी भी इच्छुक संगठन द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता संदेशों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए इसलिए टाटा ट्रस्ट्स ने करीबन 300 वीडियो और ऑडियो संदेशों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कराया है। इनमें देश भर की कई भाषाओं और डोंगरी, कुमाऊनी, लदाखी, गढ़वाली, संथाली, मुंदरी, कच्छी (गुजरात) और कोबोरोक (त्रिपुरा) जैसी बोलीभाषाओं में संदेश बनाए गए हैं। इन सभी संदेशों की प्लेलिस्ट here यहां देखी जा सकती है।
टाटा ट्रस्ट्स के बारे में:
टाटा ट्रस्ट्स की स्थापना 1892 में की गयी। यह भारत का सबसे पुराना परोपकारी संगठन है। टाटा ट्रस्ट्स द्वारा जिन समुदायों की सेवा की जाती है उनके जीवन को चिरस्थायी रूप से बेहतर बनाने में इस संगठन ने अग्रणी भूमिका निभाई है। संस्थापक जमशेतजी टाटा के सिद्धांतों और सक्रिय परोपकार की दृष्टि से निर्देशित, ट्रस्ट्स का उद्देश्य स्वास्थ्य और पोषण, जल और स्वच्छता, शिक्षा, ऊर्जा, ग्रामीण विकास, शहरों में गरीबी उन्मूलन और कला, शिल्प और संस्कृति के क्षेत्र में विकास को प्रेरित करना है। प्रत्यक्ष कार्यान्वयन, साझेदारी और अनुदान सहायता के माध्यम से किए जानेवाले ट्रस्ट्स के कार्यक्रम नवीनता से प्रेरित और देश के विकास के अनुकूल होते हैं।