Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 19 मई 2020 – यूटीआई एएमसी की ईवीपी और फंड मैनेजर सुश्री स्वाति कुलकर्णी का कहना है कि वर्तमान मुश्किल और अनिश्चित दौर में निवेशक एकमुश्त निवेश के मुकाबले इक्विटी म्यूचुअल फंड में एसआईपी और एसटीपी के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
इस महामारी ने आर्थिक गतिविधियों को अचानक बाधित कर दिया है, क्योंकि भारत सहित कई देशों को लाॅकडाउन लागू करना पड़ा था। हम देख सकते हैं कि किस तरह दूसरे देशों ने लाॅकडाउन में रियायत दी और फिर अचानक ही कोविड- 19 के मामलों की संख्या में वृद्धि होने लगी।
विशिष्ट क्षेत्र के अनुभवों के आधार पर लॉकडाउन से बाहर निकलने का फैसला किया जाएगा, हालांकि हालात के ठीक होने और सामान्य स्थिति की बहाली को लेकर लगने वाले समय के बारे में अनिश्चितता कायम है।
वैक्सीन को बाजार में आने में कम से कम 10-12 महीने लगेंगे। इस प्रकार, कोविड- 19 को लेकर अनिश्चितता और इसके प्रभाव के कारण इक्विटी बाजारों में स्वाभाविक तौर पर अस्थिरता का माहौल रहेगा। हालांकि सुधार के बाद, पी/ई मल्टीपल के 18.5 गुना से अधिक होने पर, मूल्यांकन ऐतिहासिक सीमा की तुलना में आकर्षक स्तरों पर है।
वित्तीय लक्ष्य, निवेश की अवधि, तरलता की जरूरत और जोखिम उठाने की क्षमता अलग-अलग लोगों के बीच अलग-अलग ही होती है। इसलिए, विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों के बीच पोर्टफोलियो का आवंटन भी व्यक्ति-विशेष के अनुसार होना चाहिए।
हमारे यूटीआई मल्टी एसेट्स फंड से कुछ मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है, जो कि प्रोपराइटरी मॉडल द्वारा अनुशंसित इक्विटी आवंटन के आधार पर ऋण, इक्विटी और गोल्ड परिसंपत्तियों के बीच धन आवंटित करता है। इस फंड ने मार्च 2020 में इक्विटी परिसंपत्तियों के आवंटन में 80 प्रतिशत के अधिकतम अनुमेय स्तर तक आवंटन में वृद्धि देखी है। जनवरी 2020 में यह आवंटन केवल 45 प्रतिशत था। बढ़ा हुआ आवंटन इक्विटी मार्केट के वैल्यूएशन के आकर्षण को रेखांकित करता है। यूटीआई मास्टरशेयर और यूटीआई एमएनसी फंड मुख्य रूप से मजबूत प्रतिस्पर्धी फ्रेंचाइजी वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। ऐसी कंपनियों को अक्सर व्यापक आर्थिक अंतर वाली कंपनियों के रूप में संदर्भित किया जाता है।
वे लगातार नकदी प्रवाह उत्पन्न करते हैं, मूल्य निर्धारण शक्ति या लागत लाभ के साथ अग्रणी बाजार हिस्सेदारी रखते हैं, और नियोजित पूंजी पर उच्च या सुधारात्मक रिटर्न उत्पन्न करते हैं।
सुश्री कुलकर्णी का मानना है कि इस तरह की कंपनियां लंबी अवधि में धन सृजन और आमदनी का स्रोत होती हैं। यूटीआई डिविडेंड यील्ड फंड का निवेश दर्शन ऐसी कंपनियों में निवेश करना है, जिनमें उच्च लाभांश रिर्टन हो और जहां आय में वृद्धि के साथ लाभांश भुगतान में वृद्धि हो सकती है।
यह सिस्टम कैश रिच कंपनियों को कमाई में वृद्धि और संभावित केपिटल एप्रिसिएशन के साथ-साथ शेयरधारकों को लगातार नकदी प्रवाह (लाभांश/बायबैक के माध्यम से) में मदद करता है।
UTI AMC की ईवीपी और फंड मैनेजर सुश्री Swati Kulkarni की म्यूचुअल फंड निवेशकों को सलाह –
अपने वित्तीय लक्ष्यों पर ध्यान दें, अनुशासित निवेश उन लक्ष्यों को पूरा करने का मंत्र है। डर के कारण अपने वित्तीय लक्ष्यों की मंजिल को खुद से दूर नहीं जाने दें।
पिछले 28 वर्षों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां बाजार में तीन-चार महीने से अधिक समय तक उथल-पुथल रही है और यह बदलाव बहुत गहरा भी रहा है, लेकिन जो निवेशक लगातार बाजार में बने रहे, उन्होंने अंततः मजबूत सकारात्मक रिटर्न हासिल किया।