एमएसएमई ने इमरजेंसी क्रेडिट लोन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से कायम होने में मदद की

Edit-Rashmi Sharma

जयपुर 30 जून 2020 – देश की अग्रणी इन्फोर्मेशन और इनसाइट कम्पनी ट्रांसयूनियन सिबिल ने विकास में तेजी लाने और सम्पत्तियों की गुणवत्ता को बेहतर करने के मामले में भारत की क्रेडिट इंडस्ट्री को सहयोग करने की प्रतिबद्धता दिखाते हुए आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेज के तहत घोषित इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) पर एक विश्लेषण जारी किया है।

देश के एमएसएमई सेक्टर को तीन लाख करोड़ रुपए के ऋण देने का काम अक्टूबर 2020 तक पूरा होने की सम्भावना है। वर्ष 2019 में एमएसएमई को पूरे वर्ष में 2.8 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया था, ऐसे में मौजूदा घोषित पैकेज का आकार काफी अच्छा दिख रहा है। यह गारंटीड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (जीईसीएल) सुविधा उन एमएसएमई ऋणियों को मिलेगी जिनके पास इंडस्ट्री वाइड कुल क्रेडिट एक्सपोजर 25 करोड़ रूपए तक है और 29 फरवरी 2020 तक जिनकी उधार वापस चुकाने मंे रही चूक 60 दिन से कम है।

पात्रता रखने वाले एमएसएमई अपने क्रेडिट एक्सपोजर का 20 प्रतिशत तक ऋण प्राप्त कर सकते हैं। यह ऋण चार वर्ष की अवधि के हंै। इसमें पहले 12 माह में मूल धन मोरेटोरियम के तहत कवर हो रहा है, ताकि योजना से लाभ प्राप्त कर रही एमएसएमई को और सहायता दी जा सके। इसके अलावा जीईसीएल में दिए जा रहे ़ऋण में 100 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी है। इससे ऋण देने वालों को अपनी लैंडिंग पाॅलिसी की योेजना बनाने का अच्छा अवसर मिल रहा है।

ईसीएलजीएस के तहत ऋण देने पर एमएसएमई क्रेडिट जोखिम का आकलन
इस विश्लेषण के तहत ट्रांसयूनियन सिबिल ने ईसीएलजीएस योजना के तहत पात्र एमएसएमई की 29 फरवरी 2020 को सिबिल एमएसएमई रैंक देखी है। ईसीएलजीएस के तहत पात्र एमएसएमई का सिबिल रैंक डिस्ट्रीब्यूशन बताता है कि 81 प्रतिशत सिबिल रैंक-सीएमआर-6 या इससे कम के वर्ग में आते है और ढांचागत स्तर पर मजबूत माने जा सकते हैं। सिबिल रैंक एक क्रेडिट रिस्क साॅल्युशन है जो मशीन लर्निंग एल्गोरिदम्स के जरिए यह सम्भावना व्यक्त करता है कि कौनसी एमएसएमई अगले 12 माह में नाॅन परफार्मिंग एसेट (एनपीए) बन सकती है। सिबिल रैंक एमएसएमई को 1 से 10 की स्केल में एक रैंक प्रदान करती है जो सम्बन्धित एमएसएमई द्वारा ऋण चुकाए जाने के मामले में उसके अब तक व्यवहार पर आधारित होता है। सीएमआर-1 सबसे कम जोखिम वाली एमएसएमई को दी जाती है, वहीं सीएमआर-10 सबसे ज्यादा जोखिम वाली एमएसएमई को दी जाती है। जिस एमएसएमई की सीएमआर जितनी ज्यादा होगी, उसके साथ उतना ही ज्यादा जोखिम जुड़ा होगा।

विश्लेषण के नतीजों के बारे में ट्रांसयूनियन सिबिल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री राजेश कुमार ने कहा, ‘‘ईसीएलजीएस पैकेज बहुत अच्छे ढंग से बना हुआ है जो न सिर्फ जरूरतमंद एमएसएमई की पैसे की जरूरत को पूरा करता है, बल्कि वित्तीय संस्थाओं की पोर्टफोलियो क्वालिटी की दीर्घावधि स्थिरता को भी सुनिश्चित करता है। ़ऋणदाता संस्थाओं को इस अभूतपूर्व समय में बहुत बडा और अहम रोल अदा करना है ताकि अच्छी एमएसएमई इकाइयों के आर्थिक अवसर बढ सकें और अर्थव्यवस्था में जान आए। ईएसीएलजीएस ने एमएसएमई सेक्टर में ऋण की उपलब्धता को गति प्रदान की है। हालांकि ऋणदाता संस्थानों को एमएसएमई क्रेडिट की माॅनिटरिंग की बढ़ती जरूरत को अपनाना होगा।‘‘

ईसीएलजीएस विश्लेषण को विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘100 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी के साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा पात्र एमएसएमई इकाइयों की रैंकिंग सीएमआर-6 या इससे बेहतर है। इससे ईसीएलजीए की गाइडलाइंस पहले ही जोखिम को सीमित रखने का काम कर रही है।

हालांकि बाजार की तेजी से बदलती स्थितियों में एमएसएमई व्यापार में रोज बदलाव आ रहा है। ऐसे मे यह जरूरी है कि ना सिर्फ एमएसएमई की मूल ढांचा मजबूती पर भरोसा किया जाए बल्कि ़ऋण लेने वाले के व्यवहार पर भी नजर रखी जाए।

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत अच्छे एमएसएमई को ढूंढना और ़ऋण देना
अच्छी एमएसएमई को ढूंढना और ऋण देना भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी और एमएसएमई सेक्टर की मौजूदा वित्तीय स्थिति के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। एमएसएमई पल्स मंे सामने आए अध्ययन के अनुसर ढांचागत स्तर पर मजबूत एमएसएमई मौजूदा वैश्विक महामारी के दौरान खुद को बचाए रखने और मजबूत बने रहने के मामले में ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं। ये एमएसएमई हीऋणदाता संस्थाओ से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए सबसे ज्यादा पात्र हंै।

ईसीएलजीएस ने यहां बैंकों और वित्तीय संस्थानो के लिए एक अवसर पैदा किया है जिसके जरिए वे ऐसी इकाइयों की पहचान कर फंडिंग कर सकते हैं और अच्छा पोर्टफोलियो बना सकते हैं। ऐसे लक्षित कार्यों से इस संकट के समय में अर्थव्यवस्था में जान लाई जा सकती है साथ ही पोर्टफोलियो की जोखिम को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है। एमएसएमई ़ऋणियो के लिए ईसीएलजीएस को सक्रिय ढंग से लागू करने के लिए क्रेडिट इंडस्ट्री ट्रांसयूनियन सिबिल के साथ काम कर रही है, ताकि ईसीजीएलएस गाइडलाइंस को लागू किया जा सके और इस योजना के तहत सही ढंग से ़ऋण दिए जा सकें और पोर्टफोलियो की माॅनिटरिग हो सके।

इस योजना के तहत एमएसएमई और बिजनेस एंटरप्राइजेज को उपलब्ध कराए गए ऋण के बारे में जानकारी देते हुए यूनियन बैंक के एमडी और सीईओ श्री राजकिरण राय ने कहा, ‘‘ट्रांसयूनियन सिबिल से मिली जानकारी से हमें अलग-अलग जगह से ़ऋण ले रहे ऋणियों की नजदीकी से माॅनिटरिंग करने और ऋण सम्बन्धी व्यवहार को देखने में सहायता मिल रही है।‘‘

योजना की गाइडलाइंस के अनुसार ऋणदाता संस्था को ऋण मांगने वाले की पात्रता की जांच करने के लिए 25 करोड़ रुपए तक के कुल क्रेडिट एक्सपोजर और उधार चुकाने में 60 दिन से ज्यादा की देरी नहीं होने का पिछला रिकाॅर्ड क्रेडिट ब्यूरो से देखना है। बैंक आॅफ बड़ौदा ने ये ऋण देते समय क्रेडिट इन्फोर्मेशन सम्बन्धी जानकारी को कैसे लागू किया, इस बारे में बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री विक्रमादित्य सिंह खीची ने बताया, ‘‘हमारे चार लाख से ज्यादा एमएसएमई ग्राहक हंै जो इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने की पात्रता रखते हंै। हम 25 जून 2020 तक 2.25 लाख से ज्यादा एमएसएमई और व्यापारियों को 7,200 करेाड़ रुपए से ज्यादा के ़ऋण दे चुके हंै। ट्रांसयूनियन सिबिल के डाटा से हमें अपनी नीतियां बनाने और सीएमआर आधारित लैंडिंग को डिजिटाइज करने और आसानी व तेजी से ऋण देने में काफी सहायता मिली है।‘‘

उधारदाताओं को सामान्य ऋणों के रूप में बकाया राशि की निगरानी और वसूली करने के लिए अन्य महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों की आवश्यकता होती है। इंडियन बैंक, जिसके पास करीब 4.5 लाख ऐसे एमएसएमई ग्राहक हैं, जो इस योजना के तहत ऋण के लिए पात्र हैं, उसने क्रेडिट सूचना अंतर्दृष्टि का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। बैंक की एमडी और सीईओ सुश्री पद्मजा चुंदुरू ने यह बताते हुए कहा, ‘‘हमने ट्रांसयूनियन सिबिल की सेवाओं का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया है और सिबिल उपभोक्ता रिपोर्ट और सिबिल वाणिज्यिक रिपोर्ट के महत्वपूर्ण अंशों का कुशलता से उपयोग किया। इस योजना के तहत इंडियन बैंक द्वारा कुल अनुमानित संवितरण 7,000-7,500 करोड़ के होने की संभावना है और अब तक बैंक ने 4106 करोड़ रुपए की राशि का ऋण स्वीकृत किया है।‘‘

क्रेडिट उद्योग और नियामक के प्रति ट्रांसयूनियन सिबिल की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए श्री राजेश कुमार ने कहा, ‘‘अच्छी तरह से वितरित किया गया ऋण और इसकी अच्छी तरह से निगरानी रखने से योग्य एमएसएमई के लिए आर्थिक अवसरों को जारी रखने, अर्थव्यवस्था को फिर से गति देने और दीर्घ काल में जोखिम को नियंत्रित करने और सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक अवसरों को जारी रखने की क्षमता है। हम न केवल इस मेंडेट का पालन करने और ऋणदाता का सपोर्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि वर्तमान चुनौतीपूर्ण दौर में ऋण संबंधी बढ़ती जरूरतों पर भी ध्यान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।‘‘

ट्रांसयूनियन सिबिल के बारे में
भारत की अग्रणी सूचना और अंतर्दृष्टि कंपनी के रूप में ट्रांसयूनियन सिबिल आधुनिक अर्थव्यवस्था में विश्वास को संभव बनाती है। हम प्रत्येक व्यक्ति की एक व्यापक तस्वीर प्रदान करके ऐसा करते हैं ताकि वे बाजार में मजबूती से और सुरक्षित रूप से प्रतिनिधित्व कर सकें। इसके परिणामस्वरूप कारोबार और उपभोक्ता विश्वास के साथ लेन-देन कर सकते हैं और महत्वपूर्ण चीजों को हासिल कर सकते हैं। हम इसे बेहतरी के लिए जानकारी कहते हैं।® ट्रांसयूनियन सिबिल ऐसे समाधान प्रस्तुत करती है, जो भारत में लाखों लोगों के लिए आर्थिक अवसर उपलब्ध कराने के साथ उन्हें महान अनुभव और व्यक्तिगत सशक्तिकरण की दिशा मे मदद करते है। हम वित्तीय क्षेत्र के साथ-साथ एमएसएमई, कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत उपभोक्ताओं की सेवा करते हैं। भारत में हमारे ग्राहकों में बैंक, वित्तीय संस्थान, एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, माइक्रोफाइनेंस कंपनियां और बीमा फर्म शामिल हैं।
हम इसे बेहतरी के लिए जानकारी कहते हैं।

 

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