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टाटा पावर ने 1 जून से मध्य ओडिशा में बिजली वितरण का प्रबंधन शुरू किया

Edit-Rashmi Sharma

जयपुर 02 जून 2020   भारत की सबसे बड़ी एकीकृति बिजली कंपनी टाटा पावर ने ओडिशा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन से लेटर ऑफ़ इंटेंट (एलओआई) मिलने के बाद सीईएसयू के प्रबंधन अपने हाथों में लेने की घोषणा आज की है।  ओडिशा में भुबनेश्वर, कटक, पुरी, पारादीप और ढेंकनाल इन पांच सर्कल्स में बिजली के वितरण और रिटेल आपूर्ति का काम टाटा पावर को सौंपा गया है। 28 मई 2020 को ओडिशा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने जारी किए हुए आदेशों के अनुसार टाटा पावर के पास प्रबंधन नियमन के साथ कंपनी में 51% हिस्सा दिया गया है और कंपनी का शेष 49% हिस्सा क्षेत्र प्रशासन की मलिकी की जीआरआईडीसीओ के पास रहेगा।

ओडिशा के पांच सर्किल्स में वितरण व्यवस्था में सुधार और उसके आधुनिकीकरण के लिए टाटा पावर प्रतिबद्ध है। बिजली वितरण व्यवस्था की विश्वसनीयता को बढ़ाना, एटीएंडसी घाटा कम करना और ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करना यह कंपनी की सबसे बड़ी प्राथमिकताएं होंगी। इस करार के अनुसार टाटा पावर सीईएसयू के सभी वर्तमान कर्मचारियों को सेवा में रखेगी और वर्तमान नीति ही उन्हें आगे भी लागू होती रहेगी। सभी कर्मचारियों को जानकारी और कौशल विकास के लिए टाटा पावर द्वारा और अच्छे अवसर और सुविधाएं मुहैया की जाएंगी, साथ ही सीईएसयू के प्रबंधन में बदलाव के हिस्से के रूप में सर्वोत्तम प्रक्रियाएं और आधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ भी कर्मचारियों को मिलेगा।

टाटा पावर के सीईओ और एमडी श्री. प्रवीर सिन्हा ने बताया, सीईएसयू के साथ साझेदारी यह टाटा पावर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।  हमें यह अवसर देने के लिए ओडिशा सरकार और ओईआरसी के हम आभारी हैं।  किफायती कीमतों में, विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति, सर्वोत्तम ग्राहक सेवा और नवीनतापूर्ण प्रौद्योगिकी देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।  देश की सबसे अधिक पसंद की जाने वाली बिजली वितरण कंपनी बनने के लिए हम लगातार प्रयास करते हैं।  दिल्ली, मुंबई और अजमेर में वितरण उद्यम में हमारी सफलता हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

टाटा पावर के टी एंड डी – प्रेसिडेंट श्री. संजय बंगा ने कहा, विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लिए स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकी विकसित करके ओडिशा में सकारात्मक सुधार के लिए टाटा पावर प्रयासशील रहेगी। बिजली वितरण व्यवस्था को सक्षम बनाकर, सुचारु रूप से चलाते हुए ग्राहक सेवाओं में सभी मामलों में सुधार करना हमारी ग्राहककेंद्री नीति का लक्ष्य है।” 

 टाटा पावर को 25 सालों का लाइसेंस मिला है। सीईएसयू का पूरा क्षेत्र 30000 चौरस किलोमीटर में फैला हुआ है और पांच सर्किल्स हैं। इसमें भुबनेश्वर (बिजली मंडल 1 और 2), कटक, पारादीप और ढेंकनाल शामिल हैं, जिनकी कुल आबादी 1.4 करोड़ से ज्यादा और ग्राहक 25 लाख हैं।  मुंबई, दिल्ली, अजमेर की 25 लाख ग्राहक संख्या को सीईएसयू के साथ साझेदारी के बाद 50 लाख तक बढ़ने का टाटा पावर का लक्ष्य है।  सीईएसयू की औसत मांग करीबन 1300 मेगावैट और सालाना इनपुट बिजली 8400 मेगायूनिट्स है। (वित्त वर्ष 2018)

 ग्राहककेंद्री कंपनी बनने के उद्देश्य से आगे बढ़ते हुए टाटा पावर ने दिल्ली और अजमेर में कुछ ही समय में सफल सुधार लाए हैं।  दिल्ली में एटीएंडसी घाटा 53.1% से (जुलाई 2002) 8% से कम (मार्च 2019) किया है।  अजमेर में इसे 21.6% से (जुलाई 2017) 10% से कम (अगस्त 2019) किया है।  टाटा पावर ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बिजली वितरण में नयी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में कई मानक निर्माण किए हैं।

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