Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 14 जुलाई 2020 – के. सी. महिंद्रा एजुकेशन ट्रस्ट, जिसकी स्थापना आज से 65 वर्ष पहले हुई, ने आज घोषणा की कि इस वर्ष 55 छात्रों को विदेश में पोस्ट ग्रैजुएट की पढ़ाई के लिए के.सी. महिंद्रा स्कॉलरशिप दी गई। कोविड-19 महामारी के चलते वर्तमान स्थिति के मद्देनजर इस वर्ष ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया।
के.सी. महिंद्रा एजुकेशन ट्रस्ट, विदेश जाकर विभिन्न क्षेत्रों में पोस्ट-ग्रैजुएट की पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले योग्य छात्रों को वर्ष 1956 के बाद से ये ब्याज-रहित, लोन छात्रवृत्तियां देता रहा है। वर्ष 2020 में, कुल 1,246 आवेदन प्राप्त हुए, और ध्यानपूर्वक मूल्यांकन के बाद, 9 सदस्यों की चयन समिति द्वारा 90 छात्रों को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया।
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन, आनंद महिंद्रा ने स्कॉलरशिप प्रोग्राम के बारे में बताया, ”वर्तमान महामारी ने उच्च शिक्षा क्षेत्र को काफी बाधित किया है, जो कि देश के आर्थिक विकास एक महत्वपूर्ण वाहक है। इस अपूर्व चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद, हम वर्चुअल इंटरव्यूज के जरिए छात्रों को यह प्रोग्राम उपलब्ध करा सके। मुझे आशा है कि हमारे प्रत्येक स्कॉलर इस अनूठे अवसर का लाभ उठाते हुए न केवल अपने शैक्षणिक उद्देश्यों को हासिल कर सकेंगे बल्कि अपने समाज और समुदाय के लिए सकारात्मक भविष्य का भी निर्माण करेंगे।”
शॉर्टलिस्ट किये गये अभ्यर्थियों में आईआईटी के 23 स्नातक शामिल हैं, और बाकी अभ्यर्थियों में अन्य प्रीमियर शिक्षण संस्थाओं जैसे बिट्स पिलानी, नेशनल लॉ स्कूल्स, लेडी श्री राम कॉलेज, सेंट जेवियर कॉलेज, सेंट स्टीफंस और सर जेजे कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर के पुरा छात्र शामिल हैं। चयनित अभ्यर्थियों ने प्रख्यात विदेशी विश्वविद्यालयों जैसे कि हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, कोलंबिया, कार्नेगी मेलन, यूसी बर्कले, जॉर्जिया टेक, पेनसिल्वेनिया, लंदन बिजनेस स्कूल, एलएसई, ऑक्सफोर्ड कैम्ब्रिज, व ईटीएच ज्यूरिख में दाखिला पाया था।
शीर्ष 4 स्कॉलर्स को 8-8 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिलेगी और बाकी को 4-4 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिलेगी। भारत के होनहार और प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य के साथ, इस वर्ष कुल 2.36 करोड़ रु. का स्कॉलरशिप दिया गया। ये स्कॉलर्स कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग, एमबीए, आर्किटेक्चर, डिजाइन, लॉ, पब्लिक पॉलिसी और इकॉनमिक्स जैसे विषयों में अपने पोस्ट-ग्रैजुएट की पढ़ाई करेंगे।
चयन समिति में प्रमुख शख्सियतें शामिल रहीं, जैसे – महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन, आनंद महिंद्रा; महिंद्रा इंटरट्रेड लिमिटेड के चेयरमैन, भारत दोशी; ब्रिस्टलकोन के चेयरमैन, उल्हास यरगोप; डॉ. (श्रीमती) इंदु शहाणी, प्रेसिडेंट और चेयर – इंडियन स्कूल ऑफ डिजाइन एंड इनोवेशन और इंडियन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंट्रेप्रिन्योरशिप; रंजन पंत, सीईओ एडवायजर, ग्लोबल स्ट्रेटजी मैनेजमेंट कंसल्टेंट और चेंज मैनेजमेंट एक्सपर्ट; विक्रम सिंह मेहता – चेयरमैन और सीनियर फेलो ब्रूकिंग्स इंडिया, लीना लीब्रू, पार्टनर – नियाना; ऐश्वर्य रमाकृष्णन, हेड – स्ट्रेटजी, मार्केटिंग और ऑपरेटिंग एक्सेलेंस फार्मिंग, सर्विस, फार्म इक्विपमेंट सेक्टर, महिंद्रा एंड महिंद्रा और श्रुति अग्रवाल, जो महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन की ईए हैं। चयन समिति ने शॉर्टलिस्ट किये अभ्यर्थियों का दो दिनों तक इंटरव्यू लिया।
अधिकांश केसीएमईटी स्कॉलर्स न केवल उल्लेखनीय शोध कार्य कर रहे हैं और प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्यापन कर रहे हैं, बल्कि वो राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, वाणिज्यिक एवं वित्तीय संस्थानों, बहुर्राष्ट्रीय कंपनियों को चलाने में सहयोग दे रहे हैं, गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा व विधिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, और सनराइज इंडस्ट्रीज जैसे कि आईटी, बायोटेक्नोलॉजी, कंप्यूटिंग सहित मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स आदि जैसे क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं।
यह संस्थापक, श्री के सी महिंद्रा द्वारा शुरू किया गया ट्रस्ट का पहला स्कॉलरशिप प्रोग्राम था, और यह प्रतिभाशाली भारतीय छात्रों को दुनिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में उनकी उच्च शिक्षा जारी रखने में सहायता प्रदान करता है।
के.सी. महिंद्रा स्कॉलरशिप्स के बारे में अधिक जानकारी हेतु, कृपया वेबसाइट पर जाएं:
के सी महिंद्रा एजुकेशन ट्रस्ट (केसीमेट) के विषय में
के.सी. महिंद्रा एजुकेशन ट्रस्ट (केसीमेट) की स्थापना स्व. के.सी. महिंद्रा ने वर्ष 1953 में की थी, जिसका उद्देश्य देश में साक्षरता एवं उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना था। विभिन्न आयु समूहों एवं आय वर्गों के छात्रों को वित्तीय सहायता एवं सम्मान प्रदान करते हुए शिक्षा के जरिए लोगों के जीवन में बदलाव लाने के सपने के साथ, केसीमेट ने शिक्षा संबंधी कई पहलें की है। आरंभ के बाद से, इन पहलों ने अनुदानों, छात्रवृत्तियों एवं ऋणों के रूप में 88 मिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रावधान के जरिए 4,00,000 से अधिक होनहार एवं जरूरतमंद छात्रों के जीवन में बदलाव लाया है।
महिन्द्रा के विषय में
महिन्द्रा समूह 19.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर वाला कंपनियों का संघ है, जो नये-नये मोबिलिटी समाधानों के जरिए और ग्रामीण समृद्धि, शहरी रहन-सहन को बढ़ाते हुए, नये व्यवसायों को प्रोत्साहन देकर और समुदायों की सहायता के जरिए लोगों को राइज अर्थात़ उत्थान करने में सक्षम बनाता है। इसका ट्रैक्टर, उपयोगिता वाहन, सूचना प्रौद्योगिकी और वैकेशन ओनरशिप में अग्रणी स्थान है और यह वॉल्युम की दृष्टि से दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी है। कृषि-व्यवसाय, एयरोस्पेस, कल-पुर्जे, परामर्श सेवाओं, प्रतिरक्षा, ऊर्जा, औद्योगिक सेवाओं, लॉजिस्टिक्स, जमीन-जायदाद, खुदरा, इस्पात और दोपहिये उद्योगों में महिन्द्रा की महत्वपूर्ण मौजूदगी है। इसका मुख्यालय भारत में है। महिन्द्रा में 100 से अधिक देशों में 2,56,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
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