Edit-Swadwsh Kapil
खैरथल(अलवर) 28 जुलाई 2020 – खैरथल कस्बे के विधुत वितरण निगम के सहायक अभियंता पर उपभोक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करने व गलत वीसीआर भरने की शिकायत पर उपखण्ड अधिकारी किशनगढ बास द्वारा कराई जांच मे दोषी पाए जाने पर जिला कलेक्टर अलवर ,अधीक्षण अभियंता अलवर ,अधिशासी अभियंता किशनगढ बास को पत्र लिख कर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अभिशंसा की गई है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता मोहम्मद कासिम मेवाती पुत्र अब्दुल मजीद निवासी बाजोट ने सहायक अभियंता अंकित बेरवाल पर सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना व मनमाने ढंग से वीसीआर भरने व जांच के नाम पर चौथ वसूली करने जैसे गम्भीर आरोप लगाते हुए उपखण्ड अधिकारी किशनगढ बास सहित निगम के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखते हुए जांच कराए जाने की मांग की थी ।जिस पर एस डी एम ने खैरथल के नायब तहसीलदार लोकेश मिश्रा को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई थी ।
रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने बताया कि सहायक अभियंता ने जांच में कतई सहयोग नही किया ।बल्कि यह भी कहा गया कि तहसीलदार स्तर का अधिकारी मेरी जांच नही कर सकता है ।
नायब तहसीलदार ने अपमी जांच रिपोर्ट में बताया गया कि उपभोक्ता द्वारा की शिकायत सही पाई गई है ।सहायक अभियंता द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए प्रार्थी के घर पर लगा विद्युत कनेक्शन पांच सौ मीटर की लगी दूरी पर डीपी से किया हुआ है ।जिस पर बीस अन्य कनेक्शन भी है ।एक अन्य डीपी स्वीकृत होने के बाउजूद आज तक नही लगाई गई है ।निगम के सहायक अभियंता द्वारा थाने में राज्य कार्य की बाधा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद में परिवादी से मोटी रकम लेकर एफआईआर में समझौता कर लिया ।नियमानुसार जब कोई अधिकारी राज कार्य मे बाधा की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाता है तो वह राज्य सरकार की रिपोर्ट मानी जाती है ।उसमें कोई भी अधिकारी स्वयं समझौता नही कर सकता है ।अगर कोई करता भी है तो वह पक्ष द्रोही माना जाता है ।