Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 01 जूलाई 2020 – जयपुर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) मापदंडों पर व्यक्तिगत रूप से प्रगति की निगरानी करेंगे। जल्द ही सीएम की अध्यक्षता में बैठक बुलाई जाएगी। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बुधवार को सचिवालय में राज्य में ईओडीबी के क्रियान्वयन को लेकर विभिन्न विभागों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
मुख्य सचिव श्रीमान डी.बी. गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ईओडीबी लक्ष्यों की उपलब्धि सुनिश्चित करना पहले की तुलना में अब अधिक आवश्यक है। हमें जिम्मेदारियों को स्थापित करने, फोकस क्षेत्रों की पहचान करने और समय-सीमा मे कार्यक्रम निर्धारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा विभाग के सचिवों और दिशा में प्रगति के बारे में नोडल अधिकारियों के साथ कार्य की समीक्षा के लिए मासिक बैठक अनिवार्य हो।
ईओडीबी सुधारों के मापदंडों में वृद्धि करते हुए केंद्र सरकार ने कार्यान्वयन को कई राज्यों की अतिरिक्त उधार सीमा के साथ जोड़ा है। अतिरिक्त उधार सीमा राजस्थान के मामले में संबंधित सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 2 प्रतिशत पर स्थापित की गई है, जीडीपी का प्रतिशत लगभग 10,000- 11,000 करोड़ रूपय के आसपास है। जनवरी 2021 तक राज्यों को निर्देशों का पालन करने की उम्मीद है। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य ज्यादातर व्यवसाय से जुड़ी सरकारी प्रक्रिया को ऑनलाइन और किसी भी परेशानी से मुक्त बनाना है।
डॉ. सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि हमने देखा कि दिशानिर्देशों के तहत प्रस्तावित जिला स्तर के कई व्यापार सुधारों को केवल जिला स्तर पर नहीं निपटाया जा सकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य स्तर पर पोर्टलों की जरूरत है।
उन्होंने ये भी कहा, इसके अलावा पोर्टल भविष्य की आवश्यकताओं के लिए कारगर साबित होगा, केंद्र सरकार ईओडीबी मानदंडों में संशोधन करती रहती है और एक केंद्रीत पोर्टल यह सुनिश्चित करेगा कि नए मापदंडों को आसानी से शामिल किया जा सकें।
मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साथ समन्वय बढ़ाने के लिए कहा। केंद्रित दृष्टिकोण के लिए निर्देश देते हुए, मुख्य सचिव ने कहा कि दिशानिर्देशों का अनुपालन उद्योग आयुक्त मुक्तानंद अग्रवाल के मार्गदर्शन में लागू किया जाएगा।
आयुक्त उद्योग, मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा, विभागों को संबंधित नोडल अधिकारियों को संवेदनशील बनाने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उद्देश्य दिसंबर तक केंद्र सरकार की समयसीमा से पहले मिलें, जबकि सुधार के लिए अभी भी समय बचा है।
बैठक के दौरान शहरी विकास, स्थानीय स्वशासन, पर्यटन, आबकारी, खान, ऊर्जा, पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी, वन और कई अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।