Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 02 जुलाई 2020 – पिछले 3 माह में कोरोना से जुंझते हुए हम मानसिक रूप से इतने “डिस्टर्ब” हो गए हैं कि हमें कब किसको क्या बोलना चाहिए यह भूल चुके है हम तीन महीने की बेरोजगारी में संयम खो चुके हैं हम भूखमरी के करीब हैं लेकिन इतने प्रताडि़त हो चुके हैं की देश में क्या हो रहा है पड़ोसी दुश्मन घात लगाए बैठे हैं विश्व बाजार की आर्थिक मंदी भारत को भी भुगतनी पड़ रही है इन हालात को छोड़ हम सिर्फ अपने जीवन की सोचकर स्वार्थी बन गए हैं ऐसा जनता से ज्यादा हमारे देश के नेताओं में दिखाई दे रहा है
जो नेता सत्ता से दूर है और देश पर छ: दशक से अधिक शासन कर चुकी कॉन्ग्रेस और विपक्ष के नेता सीमा पर दुश्मन की गतिविधियों को पूरे देश की जनता के सामने यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि हम से अधिक हमारा दुश्मन चीन हमसे ताकतवर है और वह हमारी सीमा में घुसकर पक्का निर्माण कर रहा है यह सब झूठ है, लेकिन कहीं पर ऐसा हुआ भी है, तो इसके लिए जिम्मेदार हमारे देश की वीर सेनाए सीमा पर तैनात है, जिनके हाथ में हमने देश की सरकार सौंप रखी है, राजनेता दिन रात “वार रूम” में बैठे है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूदा सरकार के बनाए हुए दोस्त राष्ट्र सब मिलकर यह प्रयास कर रहे हैं कि बिना गोली चले हमारी सीमाएं हमारे देश की धरती और पड़ोसी दुश्मन देश से संबंध कायम रहे यह काम 1 घंटे एक दिन या 1 सप्ताह में नहीं इसके लिए धीरज और दुश्मन को सिखाने वाली सहनशीलता हमारी सरकार दिखा रही है रही बात दस बीस पच्चास टेंट लगाने की तो समझौते के बाद यह टेंट वैसे ही उखाड़ ले जाएंगे जैसे आपकी गली मोहल्ले में लॉकडाउन से पहले शादी होने के बाद टेंट वाले रातो – रात उखाड़ कर ले जाते थे
हम राजनीतिक मतभेदों को दूरियों में तो बदल चुके हैं लेकिन अब हमारी राजनीतिक पार्टियां इन्हें दुश्मनी में बदल रही है हम एक दूसरे के राजनीतिक अस्तित्व को खत्म करने में लगे हैं अपनी सरकारों के वक्त गलतियां कर चुके विपक्षी पार्टियों के प्रमुख नेताओं को चाहे जेल में डाल दें और कुछ नेताओं पर चल रहे मुकदमे उन्हें हर वक्त जेल की सलाखें याद दिलाते हैं इसलिए हमारा विपक्ष सत्ता में बैठे नरेंद्र मोदी अमित शाह और उनकी टीम को सत्ता से खींच सड़कों पर लाने के मौके ढूंढ रहा है यह राजनीतिक दौड़ हैं लेकिन मौजूदा हालात में इसे भुलाकर जो सत्ता में बैठे हैं जिनके आदेश से हमारी सेनाए देश की रक्षा के लिए अपने प्राण तक निछावर करती हैं उन नेताओं को हिम्मत देकर उनका हौसला बढ़ाना होगा उनकी गलतियों पर बिना ट्विटर बिना मीडिया के माइक और हाथों की आस्तीन चढ़ाए बिना हमें सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेताओं को मिलकर उनकी गलती की तरफ इशारा करना होगा तभी हमारा देश बच पाएगा हमारा समाज सर ऊंचा कर दुनिया के सामने सबसे प्रगतिशील देशों की दौड़ में आगे दिखाई देगा देश हित में एक बार राजनीतिक विद्वेष भूल कर सभी राजनीतिक पार्टियों को सत्ता के साथ खड़ा होना होगा
देश में बिहार के चुनाव बंगाल के चुनाव इसके साथ नगरपालिका पंचायत सभी चुनाव तब ही होंगे जब देश में शांति सुरक्षा और भाईचारा बचेगा आज सरकार की आलोचना करने के लिए हमारे पास पेट्रोल – डीजल की बढ़ती कीमतें हैं डॉलर के मुकाबले गिरता हुआ रुपैया है महंगाई की मार है इन सबके साथ आप यह भी सोचिए कि जब पिछले तीन महीने से उद्योग व्यापार उत्पादन सब बंद है हमारी सरकार की आय का साधन जीएसटी कहां से धन बटोर करके लाएगा जिससे देश की सीमाएं सुरक्षित रहे देश की सेनाओं की जरूरत के आधुनिक हथियार और लड़ाकू विमान लाकर दे सकें इन हालात में यदि केंद्र सरकार ने डीजल – पेट्रोल पर टैक्स लगाकर थोड़े समय के लिए आय का साधन ढूंढा है तो हमें देश हित में सरकार का सहयोग देना चाहिए।