Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 06 जुलाई 2020 – प्रमुख विज्ञान-आधारित बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी, एस्ट्राजेनेका इंडिया (एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड) को हार्ट फेल्योर वाले मरीजों के इलाज के लिए सरकार की ओर डेपाग्लिफ्लोजिन (फॉर्क्सिगा) के लिए आज मंजूरी मिल गयी। यह हार्ट फेल्योर (HF) के उपचार के लिए स्वीकृत पहली एंटीडायबिटिक दवा है। यह कार्डियोवैस्क्यूलर मृत्यु और हॉस्पिटलाइजेशन के जोखिम को कम करने हेतु पहली प्रामाणिक दवा है।
डीएपीए-एचएफ अध्ययन के परिणामों के आधार पर यह स्वीकृति मिली। डीएपीए-एचएफ अध्ययन से साबित हुआ कि उपचार के मानक के अलावा, फॉर्क्सिगा के प्रयोग से कार्डियोवैस्क्यूलर मृत्यु या हार्ट फेल्योर की स्थिति बिगड़ने के खतरे में 26 प्रतिशत कमी आई। अध्ययन में शामिल लगभग एक-चौथाई मरीज भारत सहित एशियाई क्षेत्र के थे।
हार्ट फेल्योर, एक जानलेवा बीमारी है जिसमें हृदय की मांसपेशी पर्याप्त मात्र में रक्त को शरीर के विभिन्न भागों में नहीं पहुंचा पाती और इससे शरीर में रक्त व ऑक्सीजन की कमी पूरी नहीं हो पाती। इससे दुनिया भर में लगभग 6.4 करोड़ लोग प्रभावित हैं (जिनमें से कम से कम आधे का इजेक्शन फ्रैक्शन घट गया है), जिसमें भारत के कम से कम 8 से 10 मिलियन रोगी शामिल हैं। यह एक क्रोनिक, डीजेनरेटिव बीमारी है, जिससे पीडि़त आधे मरीज रोग की पहचान होने के पांच वर्षों के भीतर ही मर जाते हैं। हार्ट फेल्योर उतनी ही घातक बीमारी है जितनी कि पुरुषों (प्रोस्टेट व ब्लाडर कैंसर) और महिलाओं (स्तन कैंसर) दोनों में कुछ सबसे सामान्य तरह के कैंसर। यह 65 वर्ष से अधिक उम्र वालों को अस्पताल में भर्ती कराये जाने का प्रमुख कारण है और यह चिकित्सकीय व आर्थिक दृष्टि से एक बड़ा तनाव है। आगे, भारतीयों में हार्ट फेल्योर की औसत आयु 61.2 वर्ष है, जो कि पाश्चात्य देशों के लोगों की तुलना में कम से कम 10 वर्ष कम है।
एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, गगनदीप सिंह ने बताया, ”हार्ट फेल्योर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिससे दुनिया भर के लगभग 6.4 करोड़ लोग प्रभावित हैं और भारत में इससे कम-से-कम 8-10 मिलियन लोग प्रभावित हैं। भारत की त्वरित विनियामक स्वीकृति से मरीजों का अत्यावश्यक उपचार संभव हो सकेगा, जिससे उनकी बीमारी का बोझ कम होगा और वो अधिक लंबे समय तक जी सकेंगे।”
एस्ट्राजेनेका इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट – मेडिकल अफेयर्स व रेगुलेटरी, डॉ. अनिल कुकरेजा ने कहा, ”हार्ट फेल्योर की चिकित्सा के लिए वर्तमान में उपलब्ध उपचारों के बावजूद, भारत और दुनिया भर में मरीजों की संख्या बढ़ी है। ट्रायल के चिकित्सकीय दृष्टि से सार्थक परिणामों के आधार पर डेपाग्लिफोजिन (फॉर्क्सिगा) के लिए मिली इस स्वीकृति से हार्ट फेल्योर के मरीजों के उपचार हेतु अत्यावश्यक विश्वास प्राप्त होता है। यह स्वीकृति भारत के हार्ट फेल्योर मरीजों के लिए एक वरदान है जहां उपलब्ध उपचारों के बावजूद हार्ट फेल्योर मरीजों को बार-बार अस्पताल में भर्ती कराने, तुरंत इमर्जेंसी रूम में ले जाये जाने व कार्डियोवैस्क्यूलर मृत्यु के भारी खतरे को कम करने हेतु बड़े पैमाने पर प्रयास की जरूरत है।”
डेपाग्लिफोजिन (फॉर्क्सिगा) को डाइट व व्यायाम के सहायक के रूप में भी संकेतित किया गया है, जिससे भारत में टाइप 2 डायबिटीज वाले वयस्कों के ग्लाइसेमिक नियंत्रण को बेहतर करने में मदद मिलेगी। इस दवा को टाइप 2 डायबिटीज वाले बेहद रिस्की मरीजों में हार्ट फेल्योर के चलते हॉस्पिटलाइजेशन के खतरे को कम करने के लिए भी स्वीकृति मिली है।
भारत में हार्ट फेल्योर के बारे में
भारत में एचएफ की घटनाओं के बारे में मौजूदा अनुमान व्यापक रूप से 10 से १० मिलियन से अधिक है। जनसंख्या के ५३% लोगों में मुख्य रूप से देखा गया है। कम उम्र में एचएफ के साथ मौजूद भारतीय रोगी। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के रूप में कॉमरेडिडिटी बहुत अधिक हैं। भारतीय एचएफ रोगियों में अस्पताल में रहने के कारण अधिक मात्रा में कॉमरेडिटीज होती है। भारतीय रोगियों में एचएफ का पूर्वानुमान 9.7% की अस्पताल में मृत्यु दर, 23% की एक वर्ष की मृत्यु दर और 3 साल में 44.8% की मृत्यु के साथ बदतर प्रतीत होता है। ऑप्टिमल थेरेपी (OMT) को भारतीय रोगियों में 50% से कम (BB-48.8%, ACEI / ARB-47.6%) कॉमरेडिडिटी के कारण शुरू किया जा सकता है।
एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड के बारे में
एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड (एस्ट्राजेनेका इंडिया) की स्थापना 1979 में हुई थी और यह भारत में रोगियों के लिए लंबे समय से चली आ रही प्रतिबद्धता के 40 वें अंक को चिह्नित कर रही है। इसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में है। एस्ट्राजेनेका इंडिया के पास देश भर में 1,400 से अधिक कर्मचारियों का कार्यबल है, जो विकास और व्यावसायीकरण में नवीन विज्ञान और वैश्विक उत्कृष्टता के माध्यम से रोगियों को महान दवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: www.astrazeneca.com/india
एस्ट्राजेनेका के बारे में एस्ट्राज़ेनेका एक वैश्विक, विज्ञान-आधारित बायोपार्मेक्टिक कंपनी है जो मुख्य रूप से तीन चिकित्सा क्षेत्रों – ऑन्कोलॉजी, सीवीआरएम, और श्वसन में रोगों के उपचार के लिए पर्चे दवाओं की खोज, विकास और व्यावसायीकरण पर केंद्रित है। एस्ट्राज़ेनेका 100 से अधिक देशों में काम करता है और इसकी अभिनव दवाओं का उपयोग दुनिया भर में लाखों रोगियों द्वारा किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया astrazeneca.com पर जाएं और हमें ट्विटर @AstraZeneca पर फॉलो करें।