Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 02 जुलाई 2020 – भारत की प्रमुख एनबीएफसी सरकार के स्वामित्व वाली पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) ने आज कंपनी के निदेशक (वित्त) के रूप में श्रीमती परमिंदर चोपड़ा की नियुक्ति की घोषणा की। वह श्री एन.बी. गुप्ता की जगह लेंगी जो 30 जून 2020 को सेवा निवृत हो गए थे।
श्रीमती चोपड़ा, निदेशक (वित्त), पीएफसी के पदभार संभालने से पहले पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) में कार्यकारी निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यरत रहीं।
32 वर्षों से अधिक के विविध और समृद्ध अनुभव के साथ श्रीमती चोपड़ा महत्वपूर्ण और मुख्य वित्त कार्यों को संभालने में माहिर हैं जैसे कि फंड जुटाना, कॉर्पोरेट खाते, बैंकिंग और ट्रेजरी, परिसंपत्ति-देयता प्रबंधन, तनावग्रस्त परिसंपत्ति समाधान आदि।
पीएफसी में शामिल होने से पहले, वह नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनएचपीसी) और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआईएल) जैसे बिजली क्षेत्र के प्रमुख संगठनों से जुड़ी थीं।
2005 में पीएफसी में शामिल होते हुए श्रीमती चोपड़ा ने पीएफसी के फंड जुटाने की अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में विविधता लाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की, जिसने उधारदाताओं को कम लागत पर पैसा जुटाने की अनुमति दी। उनके फोकस के चलते विदेशी मुद्रा में फंड जुटाने की हिस्सेदारी 2 साल की अल्पावधि में 2 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी हो गई।
श्रीमती चोपड़ा को पीएफसी के नए ग्रीन बॉन्ड इश्यू के लॉन्च और पीएफसी के पहले फंड को 144 डॉलर (सेकंड ए) के तहत अमेरिकी बॉन्ड मार्केट से लॉन्च करने सहित कई कामों के लिए सराहा गया है। उन्होंने पीएफसी में भारत सरकार की 52.6 फीसदी हिस्सेदारी में पीएफसी के मेगा अधिग्रहण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पीएफसी को पूंजी पर्याप्तता के स्तर पर चुनौतियों से उबारा साथ ही पीएफसी के उधार समझौतों व घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग के बारे में विभिन्न पक्षों के साथ बातचीत करते हुए स्थिति को बेहतर किया।
श्रीमती चोपड़ा बोर्ड ऑफ कोस्टल तमिलनाडु पॉवर लिमिटेड और चीयूर इन्फ्रा लिमिटेड के निदेशक के रूप में भी काम कर रही हैं।
कॉस्ट अकाउंटेंट और एमबीए से शुरुआत कर पीएफसी के फाइनेंस फंक्शन में शीर्ष भूमिकाएं निभाने वाला चोपड़ा का यह सफर उनकी विनम्रता, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत को प्रदर्शित करता है।
पीएफसी के संचालन, ताकत और फोकस क्षेत्रों के बारे में उनकी गहरी समझ निश्चित रूप से बिजली क्षेत्र के ऋणदाता को आगे बढ़ाने में मदद करेगी और आने वाले दिनों में अधिक उपलब्धियां हासिल होंगी।