Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 02 जुलाई 2020 – सुजलॉन ग्रुप के संस्थापक और सीएमडी, तुलसी तंती ने कहा, ”भारतीय स्टेट बैंक और कंपनी की अगुवाई में ऋणदाताओं के समूह ने शामिल सभी हिस्सेदारों के हितों की रक्षा, उसके जरिए भारतीय पवन ऊर्जा क्षेत्र की रक्षा करने, हजारों प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नौकरियों को बचाने के लिए साथ मिलकर काम किया है, ताकि देश के असंख्य एमएसएमई वेंडर्स का सरवाइवल और ~13GW परिचालनरत पवन ऊर्जा परिसंपत्तियों की रक्षा सुनिश्चित हो सके। यह पहल विंड टर्बाइन्स और इसके कल-पुर्जों के निर्माण में आत्मनिर्भर बने रहने और भारत को ग्लोबल विंड सेक्टर की आपूर्ति श्रृंखला का केंद्र बनाने की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। हम ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में और कोविड-19 के अपूर्वक संकट के दौरान एसबीआई की अगुवाई वाले सभी ऋणदाताओं, एफसीसीबी धारकों, हमारे शेयरधारकों, वेंडर्स, ग्राहकों और सुजलॉन परिवार द्वारा दिये गये सहयोग और हममें प्रकट किये गये विश्वास व भरोसे के लिए उनकी सराहना करते हैं।”
समूह के सीईओ, जे पी चलसानी ने बताया, ”हमें ऋणदाताओं के समूह और हमारे 99.9 प्रतिशत एफसीसीबी धारकों की सर्वसम्मति से क्रियान्वित की गई हमारी डेट रीस्ट्रक्चरिंग की खुशी है। प्रवर्तकों, प्रमुख शेयरधारकों और विभिन्न शेयरधारकों द्वारा 392 करोड़ रु. की पूंजी लगाया जाना सुजलॉन के प्रति उनकी वचनबद्धता व उनके भरोसे को दर्शाता है। भारत का पवन ऊर्जा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और हमारी डेट रीस्ट्रक्चरिंग से बैलेंस शीट मजबूत बना है, जिससे कंपनी भारतीय पवन ऊर्जा क्षेत्र में मौजूद विकास की भारी संभावना का लाभ उठा पाने में सक्षम है।”
सीएफओ, स्वप्निल जैन ने कहा, ”इस डेट रीस्ट्रक्चरिंग से हमारे नकद प्रवाह पर दबाव काफी कम हो जायेगा और हमें कारोबारी परिचालन बढ़ाने के लिए अवसर मिल जायेगा। हम हमारे फिक्स्ड कॉस्ट को तेजी से घटाया है और ब्याज लागत को 70 प्रतिशत से अधिक नीचे लाया है। इससे रीस्ट्रक्चरिंग के पहले के लाभ-अलाभ स्थिति में भारी कमी आई है, जिससे दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ कारोबार सुनिश्चित हुआ है। इससे बाजार में हमारी संपूर्ण प्रतिस्पर्द्धात्मकता बेहतर हुई है और अब सुजलॉन मजबूती के साथ कारोबार में वापस आया है।”