Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 14 जुलाई 2020 – विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), मानव संसाधन विकास केंद्र (यूजीसी-एचआरडीसी) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया ’कोविड-19 महामारी के लिए आपदा प्रबंधन‘ पर तीन दिसवीय शार्ट टर्म कोर्स आयोजित कर रहे हैं। यह कोर्स 14 जुलाई से 16 जुलाई, 2020 तक चलेगा।
इस आॅनलाइन कोर्स में देश के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले तकरीबन 150 प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। अपने-अपने क्षेत्रों के कई प्रतिष्ठित व्यक्ति इस ऑनलाइन कोर्स में हिस्सा लेने वालों से बातचीत करने के लिए सहमत हुए हैं। ये लोग राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के कुछ अन्य उच्च शिक्षा के संस्थानों से हैं।
जामिया की कुलपति, प्रो नजमा अख्तर सुबह 10.00 बजे इसका उद्घाटन करेंगी और उसके बाद तकनीकी सत्र शुरू होंगे।
इसके वक्ताओं में डॉ अनिल के सिन्हा (आईएएस) , डॉ परवेज हयात (आईपीएस), जेएनयू के प्रो पीके जोशी, एनआईडीएम के अनिल गुप्ता, एस्कोटर्स के मनोचिकित्सक डॉ विशाल छाबड़ा जैसे जाने माने लोग, प्रतिभागियों से अपने अनुभव साझा करेंगे।
कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी की शक्ल में, दुनिया इस समय सबसे विनाशकारी स्वास्थ्य और गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रही है। मानव संक्रमण के माध्यम से यह वायरस पूरे विश्व को भारी स्वास्थ्य और आर्थिक चोट पंहुचा रहा है। इस महामारी ने, न सिर्फ स्वास्थ्य संकट बल्कि पूरे विश्व के लिए भारी सामाजिक और आर्थिक संकट भी पैदा कर दिया है।
इस वक्त, पूरे विश्व की यही सबसे बड़ी चिंता है कि इस संकट से कैसे पार पाया जाए। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, सही परिप्रेक्ष्य में इसे समझने के लिए कई संबंधित मुद्दों और चुनौतियों पर, इन तीन दिनों चर्चा की जाएगी। उनमें से कुछ इस तरह हैंः रोबस्ट मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकताः कोविड-19 चुनौती एवं अवसर, कोविड-19-उत्पत्ति, परीक्षण और निदान; कोविड-19 प्रकृति से गलत छेड़-छाड़ का परिणाम, कोविड-19 महामारी के दौरान सामाजिक विज्ञान परिप्रेक्ष्य में अनजान पैटर्न का खुलासा, कोविड-19 जीवन शैली, उद्योग और अर्थव्यवस्था पर इसका असर, कोविड-19 महामारी में भू-स्थानिक डेटा विश्लेषण; कोविड-19 का प्रवासी श्रमिकों पर प्रभावः वैश्विक चुनौतियां और भारतीय परिदृश्य।
अहमद अज़ीम
जनसंपर्क अधिकारी एवं मीडिया समन्वयक