Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 30 जुलाई 2020 – वेदांता समूह के सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित फ्लैगशिप परियोजना ‘नंदघर’ के तीन केंद्रों ने 28 जुलाई, 2020 को प्रतिष्ठित आई.एस.ओ. 9001-2015 सर्टिफिकेट प्राप्त किए। तीनों ही नंदघर ओडीशा के कालाहांडी जिले में स्थित हैं। नंदघरों ने यह सर्टिफिकेट बाल शिक्षा, मातृ-शिशु स्वास्थ्य की देखभाल एवं पोषण में सुधार तथा महिलाओं की आजीविका के लिए सतत कौशल उन्नयन आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्राप्त किए। आईएसओ सर्टिफिकेट पाने वाले नंदघर लांजीगढ़ विकासखंड के ग्राम बसंतापाड़ा, कंसारी और केंदूबर्डी में स्थित हैं। नंदघरों को सर्टिफिकेट तीन वर्षों के लिए जारी किए गए हैं।
कालाहांडी के कलेक्टर डाॅ. पराग हर्षद गवली ने अपने ट्वीट में कहा है कि जिले के पांच आंगनबाड़ी केंद्रों (तीन नंदघरों) ने आई.एस.ओ. सर्टिफिकेट हासिल किए हैं। सकारात्मक परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। योजना 100 फीसदी आई.एस.ओ. सर्टिफिकेट प्राप्त करने की है। इसका श्रेय डब्ल्यू एंड सीडी ब्लाॅक, वेदांता नंदघर टीम और केपीएमजी को जाता है।
देश में सी.एस.आर. के जनक के रूप में स्थापित तथा इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ काॅरपोरेट अफेयर्स के पूर्व महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ. भास्कर चटर्जी ने वेदांता के कार्यों की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि वेदांता फाउंडेशन के तत्वावधान मंे कालाहांडी जिले के 5 आंगनबाड़ियों को आई.एस.ओ. सर्टिफिकेट मिलना बड़ी उपलब्धि है। वेदांता की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर संचालित परियोजना के अंतर्गत बाल स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार, बच्चों को मनोरंजनपूर्ण तरीके से शिक्षा प्रदान करने और जमीनी स्तर पर महिलाओं के सशक्तिरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं। कालाहांड़ी देश के सर्वाधिक पिछड़े जनजातीय क्षेत्रों में शामिल है। परियोजना के जरिए मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में बेहतरीन सुविधाएं दी जा रही हैं। वेदांता नंदघर परियोजना के संस्थापक श्री अनिल अग्रवाल के नेतृत्व और उनके दर्शन के अनुरूप नंदघर टीम का समर्पण और परियोजना का संचालन प्रशंसनीय है।
नंदघर परियोजना देश के ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद माताओं और बच्चों के लाभ के लिए संचालित है। वेदांता समूह और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित परियोजना का उद्देश्य भारत के ग्रामीण पिछड़े इलाकों को देश के विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। देश के प्रधानमंत्री की दृष्टि के अनुरूप यह परियोजना बाल कुपोषण के उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य की उपलब्धता, महिलाआंे के कौशल उन्नयन और सशक्तिकरण के लिए समर्पित है।
नंदघर परियोजना की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती ऋतु झिंगन ने इस उपलब्धि पर कहा है कि वेदांता और ओडीशा राज्य दोनों को पहली बार नंदघरों और आंगनबाड़ियों के लिए आईएसओ सर्टिफिकेट मिलना टीम के लिए गौरव का विषय है। श्रीमती झिंगन ने विश्वास जताया है कि समुदाय के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध एवं निरंतर योगदान कर रही वेदांता समूह की यह परियोजना भविष्य में निश्चित ही अनेक नई उपलब्धियां हासिल करेगी।
वैश्विक महामारी कोविड-19 के असर को देखते हुए नंदघरों में हाल ही में ई-लर्निंग माॅड्यूल शुरू किया गया है। इससे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और ओडीशा के ग्रामीण क्षेत्रों के नंदघरों को लाभ मिल रहा है। ग्राम बसंतापाड़ा के नंदघर को ग्रामीण महिलाओं के लिए क्वारेंटाइन सेंटर के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया।
महिलाओं और बच्चों के चैतरफा विकास की दिशा में देश के सात राज्यों में वेदांता समूह 1400 नंदघर संचालित कर रहा है। परियोजना का लक्ष्य देश के 40 लाख नागरिकों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदलना है। प्रति वर्ष इससे लगभग 200000 बच्चे और 180000 महिलाएं लाभान्वित हो रही है।