Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 07 अगस्त 2020 – ‘जान भी जहान भी‘ से संबंधित जज्बे को आगे बढ़ाते हुए भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयूू) के स्कूल आफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स ने एक और नवाचार- यूवी ई-सेफ किट जारी किया है। यह एक ऐसा स्वच्छता उपकरण है, जो रुपए-पैसे, दस्तावेज, फाइलें और ऐसी कई अन्य चीजों को सेनिटाइज करता है, जिन्हें अन्यथा पारंपरिक साधनों के माध्यम से सेनिटाइज करना असंभव है। इस किट में अल्ट्रावायलट का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि एक मिनट में 99.9 प्रतिशत तक बैक्टीरिया और रोगाणुओं को मार दिया जाए और यह पूरी तरह सुरक्षित है। इसकी खास बात यह है कि यह किट पोर्टेबल है। इसका स्लीक डिजाइन इसे कहीं भी ले जाने में आसान बनाता है।
कोविड-19 की हालिया महामारी के इस दौर ने हमें कार्यालय से संबंधित दस्तावेजों और व्यक्तिगत सामानों के माध्यम से होने वाले संक्रमण के अंतर्निहित खतरे से अवगत कराया है। यूवी ई-सेफ किट में सेल फोन, आभूषण, लैपटॉप या एक सहज दिखने वाला पत्र को रखा जा सकता है। हमेशा इस बात की आशंका बनी रहती है कि कहीं वायरस के वाहक तो नहीं हैं। हम उन्हें ले जाने से बच नहीं सकते हैं और उन पर एक सैनिटाइजर का उपयोग करना एक मुश्किल काम हो सकता है। यूवी ई-सेफ किट इस समस्या का एक अनूठा समाधान पेश करता है।
इस किट का इस्तेमाल घरों के साथ-साथ संस्थानों, बैंकिंग, वाणिज्यिक और औद्योगिक कार्यालयों जैसे सभी संभावित क्षेत्रों में किया जा सकता है। यह आसानी से हमारी त्वचा और हाथ की रक्षा के साथ वार्डरोब, बक्से, दराज आदि में स्थापित किया जा सकता है। यह लगभग सभी प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस को मारने में सक्षम है। यूवी किरणों के जोखिम को भी नियंत्रित किया जा सकता है। बॉक्स को मजबूत सीकेटी डिजाइन तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है जो इसे लंबे समय तक चलने वाला बनाता है। इसके अलावा, इसकी किसी प्रकार की रखरखाव लागत नहीं है और इसका इंस्टाॅलेशन भी बेहद आसान है।
बीएसडीयू के प्रेसीडेंट श्री अचिन्त्य चैधरी कहते हैं, ‘‘कोरोना वायरस ने आज दुनियाभर में लोगों की जिंदगी पर प्रतिकूल असर डाला है और इसे लेकर अब लोग बेहद जागरूक हो गए हंै। लेकिन हमारे छात्रों ने अपनी रचनात्मक मानसिकता के माध्यम से यह समझ लिया है कि हम वायरस को रोक तो नहीं सकते, लेकिन इसके प्रसार को नियंत्रित अवश्य कर सकते हैं।‘‘
हमारे हाथ और चेहरे को धोना एक ऐसा काम है, जिसे स्वाभाविक रूप से हम सभी आसानी से पूरा कर सकते हैं, क्योंकि यह वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सबसे सस्ता, सबसे आसान और सबसे संभव तरीका है। साथ ही, हम कीटाणुओं को दूर रखने के लिए अपने आसपास की सतहों को भी साफ करते रहते हैं। लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं है कि स्वच्छता संबंधी इन सभी विधियों से वायरस हमारे दस्तावेज, रुपए-पैसे, चाबियां और रोजमर्रा की अन्य आवश्यक वस्तुओं पर भी हमला कर सकता है। इसीलिए एक यूवी स्टरलाइजर की जरूरत को समझा गया।‘‘
बीएसडीयू के स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स के प्रिंसिपल डाॅ. रवि कुमार गोयल ने कहा, ‘‘हम लोग एक होकर ही इस महामारी से बाहर निकल सकते हैं। इसी जज्बे के साथ हमारे छात्र श्री के. गौतम कुमार ने एक अनूठी पहल की और एक नवाचार- यूवी ई-सेफ किट तैयार किया। यह पहल एक दूसरे के बीच मानवता और साथी की भावना का ख्याल रखकर कुशल भारत की ताकत दिखाती है। हमारे छात्र द्वारा इनोवेट की गई इस किट के इस्तेमाल से कुछ ही मिनटों में हमारे सामान को कवर करने वाले बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है।‘‘
भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) के बारे मेंः
2016 में स्थापित भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) भारत का पहला अनूठा कौशल विकास विश्वविद्यालय है, जिसे भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाकर कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता पैदा करने की दृष्टि से उन्हें वैश्विक स्तर पर फिट बनाने के लिए कायम किया गया था। डॉ. राजेंद्र के जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के नेतृत्व और विचार प्रक्रिया के तहत नौकरी प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए बीएसडीयू ने ‘स्विस-ड्यूल-सिस्टम’ स्विट्जरलैंड की तर्ज पर इसे स्थापित किया है। बीएसडीयू राजेंद्र उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत एक शिक्षा उपक्रम है और राजेंद्र और उर्सुला जोशी (आरयूजे) समूह ने इस विश्वविद्यालय को 2022 तक 36 कौशल स्कूलों को स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
इसके पीछे विचार, कौशल विकास की स्विस प्रणाली को भारत में लाने का था, इस तरह भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी ने 2006 में स्विट्जरलैंड के विलेन में ’राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी फाउंडेशन’का गठन करते हुए इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। बीएसडीयू का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और विभिन्न कौशल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए पोस्ट-डॉक्टरेट की डिग्री देते देते हुए ज्ञान की उन्नति और प्रसार करना है।