Edit-Rashmi Sharma
नई दिल्ली 21 अगस्त 2020 – भारत के सर्वश्रेष्ठ ई-काॅमर्स ैंै प्लेटफाॅर्म कंपनी यूनिकाॅमर्स ने आज ई-काॅमर्स उद्योग पर एक रिपोर्ट जारी की है जो इस सेक्टर से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के परफोर्मेन्स और मुख्य रूझानों पर रोशनी डालती है। रिपोर्ट में ई-काॅमर्स से जुड़े रूझानों, क्षेत्रों के अनुसार उपभोक्ताओं की मांग, रिटर्न के आॅर्डर, डी2सी रूझानों के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 के बाद दुनिया में इन सभी रूझानों का क्या असर हुआ है।
रिपोर्ट ‘ई-काॅमर्स टेªंड्स रिपोर्ट 2020’ भारत में ई-काॅमर्स के विकास पर रोशनी डालती है, बताती है कि ई-काॅमर्स के नए दौर में उपभोक्ताओं का व्यवहार किस तरह बदल रहा है और उद्योग जगत से इस नए दौर को कैसी प्रतिक्रिया मिल रही है। अपनी तरह की पहली यह रिपोर्ट डी2सी दृष्टिकोण पर भी रोशनी डालती है, साथ ही ई-काॅमर्स दिग्गजों द्वारा अपनाए जाने वाले ओम्नीचैनल समाधानों की बात करती है, जो भारत में आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली को नए आयाम देंगे तथा लम्बी दौड़ में उद्योग जगत पर प्रभाव उत्पन्न करेंगे। इसके अलावा, रिपोर्ट कोविड-19 के बाद विभिन्न सेगमेन्ट्स में ई-काॅमर्स में शुरूआती सुधार की बात करती है और ई-काॅमर्स से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे रिटर्न, शिपिंग, ब्राण्ड वेबसाईट का विकास और तकनीक को अपनाया जाना आदि का भी विवरण प्रस्तुत करती है।
रिपोर्ट के मुख्य बिन्दुः
कोविड-19 के बाद ई-काॅमर्स
लाॅकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद, सीमित उपलब्धता तथा संक्रमण के डर की वजह से उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव आया है और आॅनलाईन उपभोक्ताओं की खरीददारी का तरीका पूरी तरह बदल गया है।
ऽ ई-काॅमर्स में लाॅकडाउन केे पहले से ज़्यादा सेल हुई है, किंतु जून 2020 के बाद से आॅर्डर की मात्रा में 17 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।
ऽ उपभोक्ताओं के खरीदने का तरीका और पसंद बदल गई है। हेल्थ एण्ड फार्मा, एफएमसीजी और कृषि जैसी श्रेणियों में मांग बढ़ी है, इसके अलावा पहली बार आॅनलाईन शाॅपिंग करने वाले खरीददारों की संख्या भी बढ़ी है।
ऽ कोविड-19 के बाद ई-काॅमर्स का संचालन फिर से शुरू होने के बाद रिटर्न रेट में ्10.30ः गिरावट आई है, जो विभिन्न श्रेणियों पर निर्भर करती है। नए सुरक्षा नियमों, ज़रूरी उतपादों की बढ़ी हुई मांग के कारण ऐसा हो सकता है, क्योंकि ज़रूरी उत्पादों को आमतौर पर रिटर्न नहीं किया जा सकता। हालांकि यह देखना रोचक होगा कि क्या लम्बे समय तक रिटर्न रेट में यह कमी जारी रहती है।
ऽ पहले की तुलना अधिक संख्या में उपभोक्ता सीधे ब्राण्ड की वेबसाईट से खरीद रहे हैं। रीटेल ब्राण्ड अब अपनी आॅनलाईन क्षमता बढ़ा रहे हैं और उपभोक्ताओं के साथ जुड़ने के लिए विभिन्न दृष्टिकोण अपना रहे हैं।
ऽ पिछले एक साल में, अपनी वेबसाईट बनाने वाले ब्राण्ड्स ने 65 फीसदी वृद्धि दर्ज की है, उनकी वेबसाईट से शिप किए जाने वाले आॅर्ड्र्स की संख्या बढ़ी है। हालांकि सेल्फ-शिप्ड आॅर्डर जो फरवरी 2020 में 35 फीसदी थे वे जून 2020 में 30 फीसदी पर आ गए हैं।
ब्राण्ड सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ रहे हैंः
ऽ भारत में ई-काॅमर्स प्रणाली परिपक्व हो रही है, बड़ी संख्या में ब्राण्ड सीधे उपभोक्ताओं के साथ जुड़ने के प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए जहां एक ओर ब्राण्ड्स ने अपनी खुद की वेबसाईट्स बनाई हैं, वहीं दूसरी ओर ब्राण्ड मार्केटप्लेस पर भी संचालन जारी रखे हुए हैं, जहां आज भी ज़्यादा संख्या में आॅर्डर्स मिल रहे हैं।
ऽ मार्केटप्लेस की तुलना में सीधे ब्राण्ड की वेबसाईट से खरीदने वाले उपभोक्ताओं की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। ब्राण्ड वेबसाईट्स ने आॅर्डर की मात्रा में 88 फीसदी वृद्धि दर्ज की है, जबकि मार्केटप्लेस पर आॅर्डर्स में 32 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
ऽ शीर्ष पायदान के 3 सेगमेन्ट जहां डी2सी ब्राण्ड की पहुंच बढ़ी है, वे हैं- ब्यूटी एण्ड वैलनेस, फैशन एण्ड एक्सेसरीज़ और एफएमसीजी एवं कृषि क्षेत्र।
ऽ पिछले एक साल में, अपनी खुद की वेबसाईट बनाने वाले ब्राण्ड्स ने 65 फीसदी की ज़बरदस्त वृद्धि दर्ज की है, जिसके चलते सेल्फ-शिप्ड आॅर्डर्स की संख्या भी बढ़ी है।
कोविड से पहले भारत में ई-काॅमर्स का सालाना विकास
ऽ भारत का ई-काॅमर्स सेक्टर लगातार विकास दर्ज कर रहा है, ई-काॅमर्स पर आॅर्डर्स की मात्रा ्20ः बढ़ी है, जबकि जीएमवी ने औसत ्रु1100 के आॅर्डर साइज़ के साथ ्23ः बढ़ोतरी दर्ज की है।
ऽ ब्यूटी एण्ड वैलनैस ऐसा सेक्टर है जहां आॅर्डर की मात्रा में ्130ः बढ़ोतरी हुई है, इसके बाद एफएमसीजी और कृषि तथा हेल्थ एवं फार्मा में क्रमशः 55 फीसदी और 38 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है।
भारत के दूरदराज के इलाकों से बढ़ रही है मांग
ऽ सभी ई-काॅमर्स कंपनियां आज महानगरों के दायरे से बाहर जाकर छोटे शहरों पर ध्यान केन्द्रित कर रही हैं। वर्तमान में देश में दूसरे स्तर के एवं इसके बाद के शहर कुल आॅनलाईन मांग में तकरीबन 66 फीसदी का योगदान देते हैं और आने वाले समय में यह आंकड़ा बढ़नी की उम्मीद है।
ऽ तीसरे स्तर एवं इसके बाद के शहरों में 53 फीसदी विकास दर्ज किया गया है, जो सबसे तेज़ी से विकसित होते क्षेत्र हैं। पाया गया है कि तीसरे स्तर के शहरों में शीर्ष पायदान के 5 शहरों ने ्22ः का योगदान दिया है जबकि महानगरों की बात करें तो शीर्ष पायदान के पांच शहरों का योगदान 90 फीसदी है।
ऽ ई-काॅमर्स वाॅल्युम की बात करें तो तीन राज्य दिल्ली एनसीआर , महाराष्ट्र और कर्नाटक उपभेाक्ताओं की कुल मांग का 65 फीसदी हिस्सा बनाते हैं।
रिटर्न आॅर्डर्स में गिरावट
ऽ रिटर्न का प्रबंधन किसी भी ई-काॅमर्स कारोबार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। रिटर्न की कुल प्रतिशतता, (फाॅवर्ड डिस्पैच की प्रतिशतता के रूप में) में पिछलेे साल की तुलना में ्13ः गिरावट आई है और यह पिछलेे साल के आंकडे ्20ः की तुलना में कुल आॅर्डर वाॅल्युम में ्17ःयोगदान देता है।
ऽ ई-काॅमर्स कंपनियांे ने सीओडी रिटर्न में कमी लाने के लिए व्यापक निवेश किया है, क्योंकि ये कुल रिटर्न में सबसे ज़्यादा हिस्सा बनाते हैं। सीओडी आॅर्डर में रिटर्न की मात्रा 2019 में 27 फीसदी थी जो 2020 में कम हो कर 20 फीसदी हो गई है। प्रीपेड आॅर्डर की बात करें तो रिटर्न की संख्या 2019 में 12 फीसदी थी जो 2020 में 11 फीसदी हो गई है। सीओडी रिटर्न में उल्लेखनीय गिरावट के बाद भी यह प्रीपेड आॅर्ड पर तकरीबन दोगुना है।
ऽ दूसरे स्तर और इसके बाद के शहरों में एक और रोचक रूझान पाया गया है, जहां कुल रिटर्न में ्23ः कमी आई है। इस बदलाव का श्रेय टेक्नोलाॅजी अडाॅप्शन, बेहतर लास्ट माईल डिलीवरी तथा उपभोक्ता उन्मुख रिटर्न नीतियों को दिया जा सकता है।
रिपोर्ट के बारे में बात करते हुए कपील मखीजा, सीईओ, यूनिकाॅमर्स ने कहा, ‘‘दुनिया कोविड-19 के प्रभावों से जूझ रही है, इस बीच भारत के ई-काॅमर्स उद्योग को साल की शुरूआत से ही प्रोत्साहन मिला है। इस रिपोर्ट के माध्यम से हम देश में ई-काॅमर्स उद्योग में मौजूद अवसरों पर रोशनी डालना चाहते थे। उपभोक्ताओं की बदलती पसंद, खरीददारी के बदलते तरीकों, पहली बार आॅनलाईन खरीद करने वाले उपभोक्ताओं, रीटेलरों द्वारा डिजिटलीकरण, ब्राण्ड्स द्वारा डी2सी माॅडल्स को अपनाना आदि इन सभी पहलुओं को देखते हुए हमें विश्वास है कि ई-काॅमर्स उद्योग आने वाले समय में दुनिया भर में तेज़ी से विकसित होगा। यूनिकाॅमर्स में हम ई-काॅमर्स को सुगम बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं और यह रिपोर्ट इसी दिशा में हमारा एक कदम है। इस रिपोर्ट के माध्यम से हम उपभोक्ताओं के बदलते व्यवहार, डिलीवरी एवं रिटर्न के बदलते तरीकों पर रोशनी डालना चाहते हैं ताकि ब्राण्ड्स- और ई-टेलर्स इन सब पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सशक्त ई-काॅमर्स रणनीति की योजना बना सकें।’’
ई-काॅमर्स अब तक के सबसे चरम स्तर पर है, यूनिकाॅमर्स अपनी ई-काॅमर्स सप्लाई चेन टेक्नोलाॅजी क्लाउड समाधानों के साथ सभी आकार के कारोबारों की सहायता के लिए प्रयासरत है। आठ साल पहले स्थापित यूनिकाॅमर्स एक मार्केट लीडर है जो देश में ई-काॅमर्स के 20 फीसदी से अधिक वाॅल्युम को प्रोसेस करती है और विभिन्न सेगमेन्ट्स में अग्रणी आॅनलाईन खिलाड़ियों के साथ मिलकर काम करती है। कंपनी रोज़ाना न्ै$ 2ण्5 ठद़ ळडट मूल्य के 700ा़ आॅर्डर प्रोसेस करती है , इसके भारत, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्वी एशिया में 10,000 से अधिक पंजीकृत उपभोक्ता हैं।
यूनिकाॅमर्स के बारे में
यूनिकाॅमर्स भारत की अग्रणी ई-काॅमर्स सेवा प्रदाता है जो एसएएएस प्लेटफाॅर्म पर सप्लाई चेन पर ध्यान केन्द्रित करती है। आठ साल पहले स्थापित यूनिकाॅमर्स एक मार्केट लीडर है जो देश में ई-काॅमर्स के 20 फीसदी से अधिक वाॅल्युम को प्रोसेस करती है। कंपनी ने मिंत्रा, नेटमेड्स, अरबन कंपनी, जैक एण्ड जोन्स, वेरो मोडा, डब्ल्यू और फाॅरएवर न्यू जैस जाने माने क्लाइन्ट्स के साथ ई-काॅमर्स और रीटेल जगत को पूरी तरह बदल डाला है। कंपनी ने इंटरनेशनल क्लाइन्ट्स के साथ भी काम शुरू कर दिया है। कंपनी सालों से मुनाफ़ा कमा रही है और देश भर में अपनी मौजूदगी को सशक्त बनाने तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ारों में उग्र विस्तार के लिए तत्पर है।