Edit-Rashmi Sharma
जयपुर, 28 अगस्त 2020 – मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों को पूरा प्रोत्साहन देगी। उन्होंने कहा कि कृषि एवं पशुपालन ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका का मुख्य आधार है। युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हों, इसके लिए डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।
श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भीलवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के करीब 75 करोड़ रूपए की लागत से बनाए जाने वाले आधुनिक तकनीकी युक्त दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। अगस्त 2022 तक तैयार होने वाले इस संयंत्र की क्षमता 5 लाख लीटर प्रतिदिन होगी।
राज्य सरकार का खाद्य प्रसंस्करण पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाने तथा आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण पर विशेष जोर दे रही है। प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की इकाई स्थापित करने पर अब किसानों को 10 हैक्टेयर तक जमीन के भू-रूपांतरण की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेयरी क्षेत्र के विस्तार की भरपूर संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास होगा कि दुग्ध उत्पादन, संकलन एवं विपणन का काम और तेजी से हो। सरस डेयरी देश में एक बड़ा मुकाम हासिल करे।
सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने में नेहरूजी का बड़ा योगदान
श्री गहलोत ने कहा कि देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. जवाहर लाल नेहरू का बड़ा योगदान रहा है। उनकी दूरदर्शिता का परिणाम है कि दूसरे मुल्कों पर निर्भर हमारा देश आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ सका। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के प्रयासों से देश में हरित क्रांति और श्वेत क्रांति जैसे महत्वपूर्ण नवाचार हुए, जिनसे देश खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सका और डेयरी के क्षेत्र में अविश्वसनीय प्रगति हुई। उन्होंने डेयरी क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए स्व. वर्गीस कुरियन के योगदान को भी याद किया।
कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कोरोना के इस समय में किसान एवं पशुपालक देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संबल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि खेती एवं पशुपालन के परम्परागत क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती रूचि अच्छा संकेत है।
गोपालन मंत्री श्री प्रमोद भाया ने कहा कि कोविड-19 के कारण आए आर्थिक संकट के बावजूद मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत किसानों एवं पशुपालकों के हित में लगातार कल्याणकारी फैसले ले रहे हैं।
सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने कहा कि राजस्थान में करीब 33 हजार सहकारी संस्थाएं हैं, जिनमें से करीब 15 हजार डेयरी क्षेत्र से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी भी काफी बढ़ी है।
नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष श्री दिलीप रथ ने कहा कि राजस्थान में डेयरी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत पशुपालकों को 2 रूपए प्रति लीटर अनुदान दिया जाना स्वागत योग्य निर्णय है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के डेयरी विकास में एनडीडीबी पूरा सहयोग करेगा। भीलवाड़ा दुग्ध संघ ने दुग्ध संकलन और इसके विपणन में जो प्रगति की है, वह प्रशंसनीय है। इसके लिए इस संघ को एक्सीलेंस अवार्ड भी मिल चुका है।
एनडीडीबी के कार्यकारी निदेशक श्री अरूण रस्ते ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि राजस्थान में विगत 10 वर्षों में दुग्ध संकलन 5.6 प्रतिशत वार्षिक बढ़ा है। उन्होंने कहा कि नए संयंत्र से 18 हजार 500 नए लघु एवं सीमांत दुग्ध उत्पादक सदस्यों को आजीविका प्राप्त होगी।
भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक संघ के चेयरमैन एवं विधायक श्री रामलाल जाट ने कहा कि एनडीडीबी के सहयोग से स्थापित किए जा रहे इस नए संयंत्र से भीलवाड़ा डेयरी को और मजबूती मिलेगी। पर्यावरण के प्रति अनुकूल, बिजली की बचत तथा अवशीतन में कम लागत आने के कारण इस संयंत्र से दुग्ध उत्पादकों को दूध का बेहतर मूल्य देने में मदद मिल सकेगी। कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री श्री भजनलाल जाटव ने आभार व्यक्त किया।
राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फैडरेशन के प्रबंध निदेशक श्री केएल स्वामी ने स्वागत उद्बोधन दिया। विभिन्न जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी, विधायकगण, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं डेयरी क्षेत्र से जुडे़ प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम से जुडे़।