Edit-Rashmi Sharma
राजस्थान 25 अगस्त 2020 – कोविड-19 महामारी के बीच 25 अप्रैल, 2020 से 30 जून, 2020 के बीच नई 119 ई-नाम पोर्टल के तहत मंडियों को जोड़ा है । राजस्थान की नई ई- कृषि मंडियों में 2205 किसानों ने पंजीकरण किया है साथ में 2989 व्यापारी पंजीकरण और कुल 2885.3 टन का व्यापार किया गया है । चालू वित्त वर्ष में पहले से मौजूद 25 ऑनलाइन मंडियों में 97 किसानों और 50 ट्रेड्रर और कमीशन एजेंट के नए पंजीकरण हुए है साथ में 179420 मीट्रिक टन से अधिक कृषि उपज का कारोबार किया गया ळें
राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन मंच के जरिए किसानों को उनकी उपज का अच्छा लाभ दिलाने के लिए कोविड महामारी के बीच काम कर रही है । राज्य सरकार बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करने की दिशा में ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने में जुटी हुई है। सरकार ने पहले से ही खरीदारों के ट्रेड लाइसेंस को एक एकीकृत लाइसेंस में बदलने का फैसला किया है जो उन्हें राज्य के किसी भी ई-मंडी में कृषि वस्तु का ई-व्यापार करने की अनुमति देता है। प्रारंभ में, 25 नई मंडियों की शुरुआत की गई और बाद में इसमें 119 और जोड़े गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में 10 ई-नाम मंडियों के सुचारू संचालन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दी। राजस्थान सरकार ने किसानों को बढ़ावा देने, प्रेरित करने और लाभान्वित करने के लिए ई-भुगतान प्रचार योजना और सावित्री बाई फूले महिला कृषक सशक्तिकरण नाम की दो प्रचार योजनाओं की भी शुरुआत की है। इसके अलावा, यह देश का पहला राज्य है, जिसने ई-नाम के साथ 144 एपीएमसी को जोड़ा गया है।
राज्य सरकार किसानों के लिए फसल खरीद से लेकर खाते तक में भुगतान करने के लिए बुनियादी ढांचे पर काम कर रही है। राजस्थान के ई-नाम के तहत स्थापना के बाद से, 1935672 मीट्रिक टन और ऑनलाइन विपणन द्वारा 6990 करोड़ का कारोबार किया गया है। स्थापना के बाद से, डिजिटल कृषि मंडियों को किसान और व्यापारी और सीए पंजीकरण 1306265 और 16966 किए गए, जहां राज्य भर में लगभग 68 कमोडिटी का कारोबार किया जा रहा है। 2016-17 में राजस्थान सरकार ने किसानों के 80026 पंजीकरण प्राप्त करने से लेकर 2019-20 तक 113426 तक किसानों को जोड़ा है।
राजस्थान के कृषि और बागवानी विभाग के प्रमुख सचिव कुंजी लाल मीणा ने कहा , “राज्य सरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुताबिक किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है जहां ई-नाम,अन्य ई-भुगतान और अन्य तकनीकी प्रगति हिस्सा हैं किसान कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए दृष्टि से कई प्रयासों किए जा रहे है जहां किसानों के बीच प्रौद्योगिकी साक्षरता में वृद्धि पर भी जोर दिया जा रहा है ।”
राजस्थान राज्य भी एसेयिंग लैब्स स्थापना करके अगले स्तर पर जा रहा है जहाँ तेल परीक्षण मशीन, नमी मीटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक पर काम कर रहा है। इसके अलावा, बहुत जल्द ही राज्य में सभी मंडियों के लिए सफाई, छंटाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग जैसी सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकेगा।