Edit-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 24 अगस्त 2020 – राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की आज हुई बैठक में केंद्र सरकार के 6 जून 2020 को जारी अध्यादेश के विरोध में 4 दिन के लिए 25, 26, 27 व 28 अगस्त को व्यापार बंद रखने का निर्णय लिया है। चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि साथ ही यह निर्णय भी किया है कि राजस्थान की मंडियों में कार्य करने वाले व्यापारी संघ के आगामी निर्णय तक मंडी सेस तथा कृषक कल्याण फीस की मंडी समिति को अदा नहीं करेंगे मीटिंग में आज यह भी निर्णय हुआ कि भारतीय उद्योग व्यापार मंडल से संपर्क कर इस आंदोलन को पूरे भारत के स्तर पर उठाया जाना चाहिए तथा राजस्थान से लगते राज्य पंजाब, हरियाणा तथा चंडीगढ़ के पदाधिकारियों से भी चर्चा की जाए यह आंदोलन राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नीतियों में बदलाव के लिए किया जा रहा है आयोजित बैठक में राज्य की सभी 247 मंडियों के प्रतिनिधि तथा सहयोग संघर्ष समिति के सदस्य उपस्थित थे उपस्थित सभी सदस्यों ने केंद्र सरकार की इस दोहरी नीति का घोर विरोध किया और केंद्र सरकार से मांग की है कि जिस तरह अध्यादेश के अनुसार कृषि उपज मंडी समितियों के बाहर केवल पेन होल्डर ही कार्य कर सकता है तथा उसे किसी प्रकार का मंडी का लाइसेंस नहीं लेना होगा एवं किसी प्रकार का मंडी से नहीं चुकाना होगा जबकि मंडी प्रांगण में क्रय विक्रय करने वाले व्यापारी को मंडी से भी देना होगा एवं लाइसेंस भी लेना होगा
उपस्थित सदस्यों ने एकमत से मांग की है कि केंद्र सरकार मंडियों में काम करने वाले व्यापारियों को भी मंडी से तथा अन्य लेवी से मुक्त करें और मंडियों में मेंटेनेंस के लिए फंड राज्य सरकार को उपलब्ध करवावे तथा राज्य सरकार को चाहिए कि वे तत्काल प्रभाव से संघ की मांग के अनुसार 0.50 प्रतिशत मंडी शेष की दर करें और कृषक कल्याण की समाप्त करें ताकि मंडियों के अस्तित्व को बचाया जा सके आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय करने के लिए 28 अगस्त को पुणे सहयोग संघर्ष समिति की बैठक आयोजित की जाएगी सभी मंडी के व्यापारियों संगठन सदस्यों सभी मंडी के अध्यक्ष मंत्रियों को निर्देशित किया जाता है कि 25 26 27 व 28 अगस्त को व्यापार बंद रखें और संघ के आगामी निर्णय तक मंडी से तथा कृषक कल्याण की अदा नहीं करें कार्यकारिणी के निर्णय की पालना सुनिश्चित करें