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राजस्थान सरकार द्वारा एमएसएमई इकाइयों को मजबूत बनाने के लिए सिडबी के साथ समझौते की योजना

Edit-Rashmi Sharma

जयपुर 13 अगस्त 2020  – राजस्थान में मौजूदा और आगामी एमएसएमई इकाइयों को बेहतर सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए राजस्थान सरकार स्मॉल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक (सिडबी) के साथ हाथ मिलाने की योजना बना रही है। इस बारे में राजस्थान सरकार और सिडबी के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में एमएसएमई को प्रभावी सहायता प्रदान करने के लिहाज से पहले भी कुछ कदम उठाए गए हैं, जिनमें एमएसएमई एक्ट-2019 और मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना प्रमुख रुप से शामिल हैं। इसी क्रम में सिडबी के साथ होने वाला यह समझौता राजस्थान में एमएसएमई इकाइयों के बीच विकास और व्यापार के अवसरों को बढ़ाने का काम करेगा । बैठक में, सिडबी के प्रतिनिधियों ने ऐसे क्षेत्रों पर प्रकाश डाला, जहां वे बेहतर रुप से काम करना चाहते हैं। साथ ही यह भी जानकारी दी कि छोटे उद्यमियों तक कैसे पहुंचेंगे, कैसे अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए उचित परामर्श, उचित समाधान और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा, ताकि एमएसएमई इकाइयां वर्तमान में लागू योजनाओं का लाभ उठा सके।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान सरकार के उद्योग विभाग की आयुक्त सुश्री अर्चना सिंह ने कहा, ‘‘हमने एमएसएमई को मजबूती देने के लिए अनेक पहल शुरू की हैं और बहुत से लोग उनसे लाभान्वित हो रहे हैं। हालांकि इसके बाद भी विभिन्न योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों को लेकर जागरूकता में कमी नजर आती है। इधर, सिडबी द्वारा प्रदान किए गए सलाहकारों की सक्रिय भागीदारी के साथ, एमएसएमई के लिए क्लस्टर स्तर की चुनौतियों का सामना करना आसान होगा, साथ ही और अधिक एमएसएमई अपने से संबंधित योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे।”

इस उद्देश्य के लिए, सिडबी द्वारा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) की स्थापना की जाएगी, जो क्लस्टर आधारित कुछ क्षेत्रों में सहायता उपलब्ध कराने का काम करेगी, जैसे कि भीलवाड़ा में वस्त्र और जोधपुर में हस्तशिल्प उद्योग। यह प्रयास औद्योगिक संघों और क्षेत्र के अन्य लाइन विभागों को सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसका उद्देश्य विभिन्न सार्वजनिक और निजी सेवा प्रदाताओं की समन्वित भूमिकाओं को सामने लाते हुए राज्य, क्लस्टर और जिला स्तरों पर उद्यमों को सूचना के प्रसार के लिए संसाधनध्ज्ञान केंद्र स्थापित करना है।
यह टीम जमीनी स्तर पर भी लोगों तक पहुंचने का प्रयास करेगी और हरेक से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क करते हुए सहायता प्रदान करेगी और इस तरह जो राज्य के हर कोने में एमएसएमई इकाइयों को स्थापित करने के इच्छुक लोगों के प्रयासों को आगे बढ़ाने में सहायक बनेगी।
इस पहल के तहत, सिडबी की सहयोगी एजेंसी, ग्रांट थॉर्नटन राजस्थान सरकार के सहयोग से प्रमुख समूहों और उनके उद्योग संघों के साथ राज्य में एमएसएमई के लिए संस्थागत बाधाओं, फैक्टर संबंधी बाधाओं और मांग संबंधी बाधाओं की पहचान करेगी। सिडबी द्वारा नियुक्त टीम संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए एक निर्धारित समय में क्लस्टर-आधारित वैल्यू चेन, क्लस्टर-स्तरीय परामर्श के लिए संसाधन केंद्र की स्थापना और एक हेल्प डेस्क के साथ-साथ संबंधित उद्योग संघों के सशक्तिकरण की रणनीति बनाएगी।

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