Editor-Rashmi Sharma
नई दिल्ली / मुंबई, 18 सितंबर 2020। वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन के बाल्को मेडिकल सेंटर (बीएमसी) ने दुर्लभ कैंसर से पीड़ित रोगियों के इलाज में सफलता हासिल की है। बीएमसी की सर्जिकल ऑन्कोलॉजी टीम ने स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी और ओवरी कैंसर से पीड़ित रोगियों पर दो एचआईपीईसी प्रक्रियाओं से उपचार करने में सफलता हांसिल की है। दोनों रोगी इस महत्वपूर्ण 12 घंटे लंबी और जटिल सर्जरी के बाद सफलतापूर्वक स्वस्थ हो रहे हैं। एचआईपीईसी पेट, अंडाशय और एपेंडिक्स के एडवांस और मेटास्टेटिक कैंसर के उन रोगियों के लिए प्रभावी साबित हुआ है जिन चयनित रोगियों के लिए कैंसर के उपचार के वर्तमान में विकल्प उपलब्ध नहीं हैं या असफल साबित हुए हैं। इस प्रकार की जटिल प्रक्रियाएँ, जो पहले मेट्रो शहरों तक सीमित थीं, अब पूरे भारत के कैंसर रोगियों के लाभ के लिए उपलब्ध कराई गई हैं।
बाल्को मेडिकल टीम की इस बड़ी उपलब्धि पर वेदांता एल्युमीनियम एण्ड पाॅवर के मुख्यकार्यकारी अधिकारी एवं सीएसआर कार्यो के लिए ग्रुप एंकर अजय कपूर ने कहा कि ‘‘वेदांता समाज को अत्याधुनिक सेवाएं देने हेतु प्रतिबद्ध है। बाल्को मेडिकल सेंटर्स सर्जिकल ऑन्कोलॉजी टीम द्वारा दो सफल एचआईपीईसी प्रक्रियाओं में सफलता चिकित्सा के क्षेत्र में मील का पत्थर है। बीएमसी का उद्देश्य विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करके समुदाय की सेवा करना है और इस प्रकार की उपलब्धियां वेदांता के ध्येय ‘गिविंग बैक टू द कम्यूनिटी‘ को दर्शाता है।”
बाल्को मेडिकल सेंटर, वीएमआरएफ की पहली बार प्रमुख पहल, नया रायपुर, छत्तीसगढ़ में स्थापित की गई है, जिसमें 45 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ 170 बेड, स्टेट आॅफ द आर्ट टेरिटरी केयर ऑन्कोलॉजी सुविधा है। यह पूरे मध्य भारत में सबसे बड़ी और सबसे एडवान्स ऑन्कोलॉजी सुविधा है। सबसे महत्वपूर्ण बीमारियों में से एक कैंसर के लिए अब तक उपलब्ध विश्व स्तरीय उपचार प्रदान करता है जो कि वर्तमान में तेजी से भारत के ऑन्कोलॉजी क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि के रूप में उभर रहा है। बीएमसी न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के निकटवर्ती राज्यों के रोगियों को उपचार प्रदान करता है।
बीएमसी द्वारा अर्जित उल्लखनीय उपलब्धि पर, बीएमसी के सीओओ एस वेंकट कुमार ने कहा, कि ‘‘हमारा ध्येय कैंसर मुक्त समाज बनाने की है। हम बीएमसी को एक अत्याधुनिक चिकित्सा और अनुसंधान प्रतिष्ठान के रूप में विकसित करने के लिए लगातार प्रयासरत है, जिसमें देश और विदेश के रोगियों को सस्ती, अत्याधुनिक नैदानिक और चिकित्सीय सुविधाओं को प्रदान करने की क्षमता है। ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। ”
बीएमसी में उपचाररत रोगियों मंे से एक महेश व्यास ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ‘‘बालको मेडिकल सेंटर निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ और पूरे मध्य भारत के लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। यहां के चिकित्सक बहुत ही कुशल, अनुभवी एवं अच्छे परामर्शदाता है। मैं अपने लिए गुणवत्तापूर्ण कैंसर रोग देखभाल की तलाश के लिए दुनिया और भारत के कई महानगरों में घूम चुका हूं, लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यहां सुलभ चिकित्सा सेवाएं बहुत उचित खर्च पर एडवांस और मेट्रो शहरों के बराबर हैं।‘‘
वर्तमान में कोविड 19 के दौरान, चिकित्सालय ने महामारी से निपटने में सरकार को सभी आवश्यक सहायता और सहायता प्रदान की है। बाल्को मेडिकल सेंटर सार्स सीओवी-2 वायरस का परीक्षण करने की क्षमता वाले क्षेत्र के तीन निजी चिकित्सालयों में पहला है। यह राज्य का एकमात्र चिकित्सालय है जो कि गंभीर कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए जीवन रक्षक साबित हुए आईजीजी एंटीबाॅडी परीक्षण और प्लाज्मा से उपचार होने की सुविधा देने में सक्षम है।
सपूंर्ण राज्य में कोविड 19 की जांच, उपचार और परीक्षण हर पहलू में बाल्कों मेडिकल संेटर सबसे आगे है, साथ ही प्लाज्मा से उपचार प्रदान करने में भी यह सर्वप्रथम है। यहां श्रेष्ठ चिकित्सालय संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं का पालन किया जा रहा है ताकि कैंसर रोगियों के उपचार के साथ कोई समझौता न हो जो कई बार प्रतिरक्षा में अक्षम होते है। कैंसर के उपचार से पूर्व रोगियांे की कोविड 19 की जांच की जाती है। बाल्को मेडिकल सेंटर के लिए यह गर्व की बात है कि कोविड-19 के उपचार के बाद कुछ रोगियों को बड़ी कैंसर सर्जरी की और वें सफलतापूर्वक स्वस्थ हो गए।
ये प्रयास समूह के ‘वेदांता केयर्स‘ कार्यक्रम के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य कोविड रोगियों को गंभीर देखभाल प्रदान करना है जिसे छत्तीसगढ़ के प्रत्येक नागरिक द्वारा सराहा जा रहा है। बाल्को मेडिकल सेंटर कैंसर देखभाल, कोविड उपचार और समग्र सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा पर परिवर्तनकारी प्रभाव डाल रहा है।