Edit-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 15 सितम्बर 2020 – सांसद दीयाकुमारी ने कहा कि भारतीय बाजार को एकजुट करने में जीएसटी ने काफी हद तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, वहीं कराधान के क्षेत्र में भी कई सुधार लाए हैं। लेकिन कुछ सुधार लंबित होने के कारण कर भुगतानकर्ता को अभी भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संसद में मानसून सत्र के पहले ही दिन नियम 377 के तहत जीएसटी में विसंगतियों से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दे उठाते हुए सांसद दीयाकुमारी ने आसन के माध्यम से सरकार से मांग करते हुए कहा कि वे करदाता जो जीएसटी 4 के तहत आते हैं, उन्हें विलम्ब शुल्क में कोई राहत नहीं दी गई है और यही कारण है कि वे अभी भी रिटर्न दाखिल करने में असमर्थ हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इनपुट क्रेडिट की 10 प्रतिशत की सीमा और इसकी मासिक समय अवधि पर पुनर्विचार करके इसको 3 से 6 माह तक बढ़ाया जाना चाहिए।
सांसद दीयाकुमारी ने कहा कि इसी प्रकार जुलाई 2017 के बाद से 3-बी के तहत दाखिल किए गए मासिक रिटर्न में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है, इसके परिणामस्वरूप वार्षिक कर निर्धारण में परेशानी उत्पन्न हो रही है। इसके साथ ही वित्त मंत्री द्वारा दिसंबर 2019 तक ट्रांस-1 फाईल करने की समय अवधि बढ़ाने के बावजूद, यह फॉर्म अभी भी पोर्टल पर उपलब्ध ।