Editor-Dinesh Bhardwaj
जयपुर, 28 सितंबर 2020 – विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर रविवार को जवाहर कला केंद्र (जेकेके) के फेसबुक पेज पर आर्किट्रेक्चरल ड्रॉइंग ऑफ मॉन्यूमेंट्स’ पर ऑनलाइन लर्निंग क्लास का आयोजन किया गया। इस क्लास का संचालन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्राफ्ट एंड डिजाइन के असिस्टेंट प्रोफेसर, श्री शुवांकर बिस्वास ने किया। ऑनलाइन क्लास के दौरान, दर्शकों ने बिल्डिंग और मॉन्यूमेंट्स की आर्किट्रेक्चरल ड्रॉइंग की तकनीकों और टूल्स के बारे में सीखा। यह क्लास विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी थी जो अपनी अनूठी ड्रॉइंग शैली और वैचारिक क्षमताओं को विकसित करने में रुचि रखते थे। ऑनलाइन लर्निंग क्लास का आयोजन जेकेके और कला एवं संस्कृति, पुरातत्व और संग्रहालय विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि राजस्थान की कला, संस्कृति, पुरातत्व और इतिहास ने पर्यटकों को हमेशा राज्य की ओर आकर्षित किया है। ‘अतिथि देवो भव’ की भावना हमेशा हमारे दिल और दिमाग में बनी रहती है। आज विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर, हम अपनी संस्कृति एवं मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, भविष्य की पीढ़ियों और पर्यटकों के लिए राज्य की विरासत को बचाने, सुशोभित और संरक्षित करने का संकल्प लें।
जेकेके की महानिदेशक, श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने कहा, “हम सभी बेहद कठिन समय से गुजर रहे हैं, जिसमें कला हमें जीवित रहने में और हीलिंग के रूप में मदद कर रही है। कला समुदाय भी संघर्ष कर रहा है और अपनी आजीविका के लिए मुश्किलों का सामना कर रहा है। कोविड की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए, विभाग का उद्देश्य सभी कलाकारों के लिए अपनी कलाकृति प्रदर्शित करने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान करना है। इसके अलावा, जेकेके द्वारा आयोजित और उम्दा शिल्पकारों एवं कलाकारों द्वारा संचालित ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से कोई भी कौशल सीख सकता है।”
ऑनलाइन क्लास के आरम्भ में आर्किटेक्चरल ड्राइंग का बुनियादी परिचय दिया गया। कलाकार, शुवांकर बिस्वास ने बताया कि वास्तुशिल्प ड्राइंग को शुरू करने से पहले किसी व्यक्ति को सर्वप्रथम ‘पर्स्पेक्टिव सेन्स‘ समझने की आवश्यकता होती है। परिप्रेक्ष्य के आधार पर वह किसी वस्तु, वास्तुकला अथवा तत्व को देखता है। किसी वस्तु को 3 भिन्न एंगल से देखा जाता ये हैं – आई-लेवल, टॉप लेवल अथवा बर्ड व्यू और लोअर व्यू। आर्किटेक्चरल ड्राइंग के लिए आवश्यक सामग्रियों को समझाते हुए, कलाकार ने कहा कि टेक्निकल ड्राइंग के लिए एक कागज और एक पोयंटेड पेंसिल की आवश्यकता होती है, जो आमतौर पर 2एच, 3एच या 4एच होती है। फ्रीहैंड ड्राइंग के लिए एचबी, 2बी, 3बी अथवा 4बी पेंसिल का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने टॉप लेवल और आई-लेवल से आर्किटेक्चरल ड्राइंग बना कर बताया। उन्होंने दर्शकों को दीवारों, निकट और दूर की वस्तुओं, रूफलाइन्स, बेस लाइन, फ्लोर-लेवल, आदि के बारे में क्रमबद्ध तरीके से मार्गदर्शन किया। जयपुर के प्रसिद्ध स्मारक जल महल के सेक्शनल ड्रॉइंग डेमॉन्स्ट्रेशन के साथ इस क्लास का समापन हुआ।