Editor-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 24 सितम्बर 2020 – कोरोना संकट काल से एक तरफ पूरा देश, सभी वर्ग पीड़ित, चिंतित और प्रभावित हो रहे है वही दूसरी तरह प्रदेश एक वर्ग अभिभावक है जो लगातार न्याय की भीख मांग रहा है, राहत की गुहार लगा रहा है, इस कोरोना महामारी ने उन अभिभावकों को अत्यधिक प्रताड़ित और प्रभावित कर दिया है जिसके चलते आज उनको भीख तक मांगने की नोबत आ चुकी है। बुधवार को जयपुर की सड़कों पर अभिभावकों की यही स्थिति देखने को मिली जब संयुक्त अभिभावक समिति और अभिभवकों ने राजापार्क के बाजार में ना केवल ह्यूमन चेन बनाई बल्कि वहां के दुकानदारों से भीख भी मांगी। अभिभावकों ने सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सोश्यल डिस्टेंसिंग की पालन करते हुए 3-3 सदस्यों और 8-8 फ़ीट की दूरी पर खड़े होकर, हाथों में बैनर, पोस्टर, तख्तियां लेकर ह्यूमन चैन बनाई और दुकानदर दुकान जाकर व्यापारियों से स्कूल फीस जमा करवाने के नाम पर भीख देने की गुहार लगाई और यही नही अभिभावकों व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर मत्था भी टेका।
प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू और मनोज शर्मा ने कहा की आज प्रदेश के डेढ़ करोड़ से अधिक अभिभावकों की जिंदगी कोरोना संक्रमण के चलते बद से बदतर होती जा रही है। काम-धंधे के ना होने से अभिभावक डिप्रेशन में जा रहे है लोग आत्महत्या को मजबूर हो रहे है उसके बावजूद निजी स्कूल संचालक तरह-तरह के षड्यंत्र रचकर अभिभावकों को प्रताड़ित और अपमानित कर रहे है। पिछले 6 महीनों से राज्य सरकार और निजी स्कूल संचालक हम अभिभावकों के साथ ऐसे व्यवहार कर रहे है जैसे हम इस देश के नागरिक ही नही है, स्कूल में राहत मांगने जाते है तो ऐसे भगा देते है जैसे हम कोई आतंकवादी है, सरकार से गुहार लगाते है तो सरकार के नुमाइंदे भी ऐसा व्यवहार करते है जैसे हम कोई नक्सली है। ऐसे में अभिभावक जाए तो जाए कहा अभिभावकों के पास बिना काम-धंधे कोई नोट छापने की मशीन तो लगी हुई नही है जो स्कूल संचालकों के लिए छापते जाए और उन्हें देते जाए। एक आशा की किरण राजस्थान हाईकोर्ट से थी जिसमे भी हम अभिभावकों के साथ न्याय नही हुआ। हमारी बात बिना सुने निर्णय देने के बावजूद हमने भी कोर्ट के निर्णय का सम्मान रखा किन्तु निजी स्कूल संचालकों ने हाईकोर्ट के निर्णय की अवमानना करते हुए कोर्ट के आदेश की ही धज्जियां उड़ा दी और कोर्ट ने 7 सितम्बर को अपने निर्णय में कहा था कि स्कूल केवल ट्यूशन फीस का 70 फीसदी ही फीस वसूल सकता है वो भी तीन किश्तों में, लेकिन निजी स्कूल संचालकों ने कोर्ट की अवमानना करते हुए फूल फीस में 10 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी कर 30 फीसदी काटकर फीस वसूलने के षड्यंत्र रचकर अभिभावकों को डराने-धमकाने का कार्य शुरू कर दिया। अब निजी स्कूल संचालक अभिभावक को टीसी लेने पर पूरी फीस जमा करवाने की धमकी दे रहे है बोल रहे है टीसी तो हम स्कूल वाले ही देंगे, नए स्कूल में तब एडमिशन मिलेगा जब पुराने स्कूल से टीसी प्राप्त करोगे।
कार्यक्रम संयोजक मनमोहन सिंह एवं सहसंयोजक युवराज हसीजा व सर्वेश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को धारा 144 की पूरी तरह से पालना करते हुए पूरी सोश्यल डिस्टेंसिंग के साथ सभी अभिभावकों ने ह्यूमन चैन बनाई। बुधवार को केवल भीख मांगने का कार्यक्रम था कोई विरोध या धरना प्रदर्शन नही था। ना किसी प्रकार की नारेबाजी की गई, ना प्रदर्शन किया गया। अभिभावकों के पास फीस जमा करवाने के लिए पैसे नही थे, काम-धंधा नही है ऐसे में अभिभावकों ने स्कूल फीस चुकाने और अपमानित होने से बचने के लिए राजापार्क मार्किट में भीख मांगी, इससे पहले पिछले सप्ताह जोहरी बाजार में भीख मांगी थी। इस अवसर पर संयुक्त अभिभावक समिति प्रवक्ता अरविंद अग्रवाल, ईशान शर्मा, कोषाध्यक्ष संजय गोयल, सदस्य मनोज जयस्वनी, नीरज श्रीवास्तव, श्रीमती अमृता सक्सेना, श्रीमती दौलत शर्मा, श्रीमती रजनी अग्रवाल, श्रीमती जया परमार, श्रीमती मोनिका शर्मा, एडवोकेट अमित छंगाणी, चन्द्रमोहन गुप्ता, हरिदत्त शर्मा, यदुवीर सिंह सहित बहुत से अभिभावकों ने ह्यूमन चेन में भाग लिया और भिक्षा भी मांगी।