Editor-Manish Mathur
जयपुर 28 अक्टूबर 2020 -माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न के अनुरूप भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय प्रयासरत है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के सहयोग से आज अवॉर्डिंग बॉडी और असेसमेंट एजेंसियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जो कि स्किलिंग इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य कौशल भारत मिशन के तहत संस्थानों की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और बेहतर परिणामों और प्रक्रियाओं को मानकीकृत करना है। स्किलिंग इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में लगी इन दोनों संस्थाओं के कामकाज के लिए एनसीवीईटी न्यूनतम मानदंड स्थापित करने का कार्य करेगी। इसके अलावा अवॉर्डिंग बॉडी और असेसमेंट एजेंसियों के संचालन की प्रक्रिया को पहले से अधिक मजबूत बनाया जाएगा ताकि प्रशिक्षण के साथ-साथ गुणवत्ता आश्वासन को भी अधिक महत्व मिल सके।
एनसीवीईटी को 5 दिसंबर 2018 को कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा नोटिफाई किया था ताकि एनसीवीईटी व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने वाले संस्थानों के कामकाज को नियमित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। एनसीवीईटी भारत की कौशल प्रणाली की एक नियामक संस्था है। एनसीवीईटी व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने वाले सभी संस्थानों के कामकाज को नियमित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। स्किलिंग के दोनों क्षेत्रों में…लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग में कई अहम सुधार किए गए हैं जो आने वाले समय के लिए फायदेमंद साबित होंगे। एनसीवीईटी स्किलिंग इकोसिस्टम को को मजबूत बनाकर उद्योगों में बढ़ रहे कौशल गैप को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विभिन्न स्टेक होल्डर्स के लिए लेयर्ड रेगुलेशन्स होंगे जो कि अवॉर्डिंग बॉडी और असेसमेंट एजेंसियाँ के लिए मानक निर्धारित करेंगे। दिशानिर्देशों के साथ-साथ एनसीवीईटी ने विकसित समान प्रमाणपत्र प्रारूप भी विकसित किए हैं जो सही दिशा में एक सार्थक और बहुत बड़ा कदम है। इससे एकरूपता आएगी और प्रमाणपत्र की प्रामाणिकता भी बढ़ेगी।
इस कार्यक्रम में माननीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि, अवॉर्डिंग बॉडी और असेसमेंट एजेंसियों को संस्थाओं की मान्यता और रेगुलेशन के लिए जो दिशानिर्देश जारी किए गए हैं वो स्किलिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने के हमारे प्रयासों को नया बल देंगे। पहले मल्टीपल रेगुलेटरी बॉडीज थे लेकिन अब सिंगल रेगुलेटरी बॉडी होगी जो पूरे इकोसिस्टम को संचालित करेगी। अगर हमारा स्किलिंग इकोसिस्टम मजबूत होगा तो स्किलिंग इंडिया के लिए काम करने वाले सभी संस्थानों के प्रदर्शन और परिणामों में अभूतपूर्व सुधार होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में स्किलिंग इकोसिस्टम के लिए अपार संभावनाएँ हैं जो विभिन्न संगठनों और हितधारकों द्वारा सहयोग दिया गया है।
उन्होंने आगे कहा, “हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान समय में प्रासंगिक बने रहने के लिए स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग प्रमुख हैं। स्किलिंग के दोनों ही क्षेत्रों…लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग में कई अहम सुधार किए गए हैं। हमारे स्किलिंग प्रयासों को मजबूत बनाकर विभिन्न क्षेत्रों में कुशल उम्मीद्वारों को प्रमाणित करने वाली बॉडी के रेगुलेशन को मजबूत करेगा। पिछले पांच वर्षों के दौरान लगभग 5 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करके हम पहले ही एक आदर्श उदाहरण स्थापित कर चुके हैं। यह सुधार आगे चलकर स्किलिंग डोमेन में गेम चेंजर साबित होंगे।
भारत का विभिन्न स्किलिंग इकोसिस्टम विभिन्न क्षेत्रों में स्किलिंग के कई स्तरों को पूरा करता है। इसलिए समय के अनुसार एक गतिशील मजबूत स्ट्रैटजिक फ्रेमवर्क बनाया जाए जिससे व्यापक स्तर पर सुधारों को बल दिया जा सके। आज जारी किए गए दिशा-निर्देश कई प्रमुख हितधारकों की जरूरतों के विषय में बात करते हैं और इनमें एक अच्छी व्यवस्था का दृष्टिकोण होता है। सभी आवश्यक दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं जो उन सभी उम्मीद्वारों को सशक्त बनाने में सहायता करेंगे जो कुशल बनने की इच्छा रखते हैं।
इस डिजिटल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। इसके साथ ही राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद के अध्यक्ष तथा एमएसडीई के सचिव श्री प्रवीण कुमार, एनसीवीईटी की कार्यकारी सदस्य श्रीमती विनीता अग्रवाल और एमसएडीई की प्रमुख सलाहकार श्रीमती सुनीता सांघी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए।