Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 12 अक्टूबर 2020 -बिजली जैसी जरूरतें और परिसंपत्तियों की उपलब्धता गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा सुनिश्चित करती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे जिलों में उपयुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है, लेकिन बिजली, पानी और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं तक पहुँच भी बड़ी भूमिका निभाती है। बाड़मेर जिले के 3500 से ज्यादा स्कूलों में बिजली नहीं होने से इस क्षेत्र के स्टूडेन्ट्स की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रभावित हो रही थी। बाड़मेर के प्रत्येक स्कूल में बिजली की नियमित आपूर्ति स्टूडेन्ट्स और टीचर्स के लिये लंबे समय से एक सपना रही है।
केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी तेल और गैस की खोज और उत्पादन करने वाली कंपनी, ने स्कूल सोलर इलेक्ट्रिफिकेशन प्रोजेक्टः मरूज्योति की शुरूआत की। इसका लक्ष्य 1KW की बिजली जनरेट करने वाले सोलर पैनल के माध्यम से स्कूलों को बिजली मुहैया कराना है। इस परियोजना के अंतर्गत केयर्न ने अब तक 100 स्कूलों को बिजली दी है, जो इससे पहले पावर ग्रिड से नहीं जुड़े थे।
इस परियोजना ने सुनिश्चित किया कि ग्रामीण बाड़मेर के स्कूलों में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि शिक्षा का वातावरण बेहतर हो। इस प्रकार कक्षाओं में ज्यादा स्टूडेन्ट्स आने लगे और शिक्षकों ने कक्षा में बढ़ती भागीदारी और उत्पादनशीलता देखी। इस परियोजना के परिचालन और रख-रखाव के चरणों के दौरान सोलर पावर सुविधाओं की स्थापना में स्थानीय श्रमिकों के उपयोग से इस क्षेत्र में आजीविका के अवसरों और आय में भी वृद्धि हुई। अब तक यह परियोजना लगभग 12,000 स्टूडेन्ट्स और 600 टीचर्स को लाभ पहुँचा चुकी है। यह बाड़मेर के 100 गांवों और 98 ग्राम पंचायतों को कवर करती है।