Editor-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 06 अक्टूबर 2020 जयपुर हाईकोर्ट के पुराने जजमेंट और राज्य सरकार के नियमों के अनुसार मास्टर प्लान और सेक्टर प्लान में प्रस्तावित सेक्टर रोड को विलुप्त करना तो दूर, सेक्टर रोड में मामूली फेरबदल करना भी वर्जित है लेकिन जयपुर विकास प्राधिकरण में zone-19 के उपायुक्त ने अपने चहेते भू माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए एक तरफ जहां मास्टर प्लान, सेक्टर प्लान और जेडीए के नक्शे की धज्जियां उड़ाई है, वही दूसरी ओर हाईकोर्ट में अपनी ही ओर से प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र के वादों को पूरी तरह से भुला दिया है और जिस सेक्टर रोड के लिए जेडीए ने हाई कोर्ट और जेडीए ट्रिब्यूनल में लंबी लड़ाई लड़ी उसी सेक्टर रोड के निर्माण को शुरू करने में संबंधित जोन उपायुक्त साजिश के तहत बीच में बाधा पहुंचा रहे हैं और इस प्रकरण से जुड़े सभी मामलों की विभागीय और कानूनी कार्रवाई के बारे में जेडीए के आयुक्त को वास्तविक स्थिति और सच्चाई से जानबूझकर दूर रखा गया,
जेडीसी ने एक बार नहीं तीन बार संबंधित जोन उपायुक्त से इस प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेजों का रिकॉर्ड मांगा लेकिन हर बार ही जॉन उपायुक्त ने वास्तविक स्थिति से अवगत करवाने के बजाय उन्हें गलत और झूठी जानकारियां उपलब्ध करवाई जिसकी वजह से जेडीसी भी इस मामले की सच्चाई से कई दिनों तक अनभिज्ञ रहे लेकिन बाद में कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा की अगुवाई में जब क्षेत्र के लोग जेडीसी से मिले और उन्हें सेक्टर रोड से जुड़ी सभी तथ्यात्मक जानकारियां उपलब्ध करवाई और नियम कायदों के अनुसार सेक्टर रोड का निर्माण कार्य शुरू करने की पुरजोर मांग की ग्रामीणों के शिष्टमंडल ने जेडीसी को बताया कि जिस सेक्टर रोड के लिए जेडीए खुद हाई कोर्ट और जेडीए ट्रिब्यूनल में पक्षकार बना है उस सेक्टर रोड का निर्माण करने में जेडीए अब खुद क्यों बाधा डालकर विलंब किए हुए हैं जबकि इस मामले से जुड़ी सभी क़ानूनी लड़ाईया जेडीए जीत चुका है, इस प्रकरण से जुड़ा अब कोई भी मामला हाई कोर्ट और जेडीए ट्रिब्यूनल में पेंडिंग नहीं चल रहा है इसके बावजूद अब संबंधित जोन उपायुक्त आखिरकार क्यों सेक्टर रोड को खत्म करना चाहते हैं जबकि जॉन उपायुक्त ने खुद हाईकोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर सेक्टर रोड निर्माण करने की बात कही थी तब जाकर जेडीसी को इस मामले की सच्चाई का पता चला और उन्होंने संबंधित जोन कमिश्नर को सख्त लहजे में आदेश जारी कर चौथी बार इस प्रकरण से जोड़ीसभी विभागीय कार्यवाही और कानूनी कार्रवाई के बारे में भी संपूर्ण रिपोर्ट पेश करने को कहा लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद भी प्रस्तावित सेक्टर रोड को लेकर संबंधित जोन उपायुक्त आंख मूंदे हुए है और साजिश के तहत उक्त प्रस्तावितसेक्टर रोड को खत्म कर अपने चहेते भूमाफिया को फायदा पहुंचाने के लिए एक दूसरे सेक्टर रोड का निर्माण करने की कवायद शुरू की है
जिससे हाई कोर्ट के पुराने जजमेंट और मास्टर प्लान और सेक्टर प्लान की धज्जियां उड़ाई गई इसलिए आखिरकार परेशान होकर मांगलियावास क्षेत्र की दर्जन भर से ज्यादा कालोनियों के लोगों ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से अपनी पीड़ा बताई है और इस संबंध में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर zone-19 के उपायुक्त की कारगुजारी का पर्दाफाश कर प्रस्तावित सेक्टर रोड निर्माण की पुरजोर मांग की है संवाददाता सम्मेलन में मोती विहार समिति और मोती विहार विकास समिति के अध्यक्ष मोती लाल जाट और अन्य पदाधिकारी अमर चौधरी, बाबूलाल, गणेश चौधरी और लालचंद इत्यादि ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गांव मांगलियावास के जोनल 10 के zone-19 मैं प्रस्तावित मुख्य जंक्शन को जोड़ने वाली सेक्टर रोड डी-11 शिव सरोवर मैरिज गार्डन से गणपति एनक्लेव मोती विहार कीर्तीसागर विस्तार से बालाजी सर्किल तक जयपुर विकास प्राधिकरण के नक्शे के अनुसार यह प्रस्तावित है जिसको 2013 व दिनांक 31.01.2017 के नक्शे में दर्शाया हुआ है और 2018 के मास्टर प्लान के नक्शे में 100 फिट सेक्टर रोड प्रस्तावित है, इस सेक्टर रोड को बनवाने हेतु समस्त कॉलोनी वासी हाईकर्ट में प्रस्तुत हुए, हाईकोर्ट ने रिट संख्या 101/219 मैं आदेश में इस सेक्टर रोड को मेरिट के आधार पर निर्णय करने हेतु माननीय अपील अधिकारी जेडीए को निर्देश दिए, जिस पर जेडीए ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर जानकारी दी कियह मास्टर प्लान की सेक्टर रोड है हम रोड बनाना चाहते हैं यह रोड एक कॉलोनी से दूसरी कॉलोनी को जोड़ती है परंतु ट्रिब्यूनल कोर्ट में स्टे लगा हुआ है इस स्टे वेकेंट के लिए प्रार्थना पत्र कोर्ट में लगाया हुआ है, इसके बाद ट्रिब्यूनल कोर्ट ने जेडीए के पक्ष में फैसला देते हुए कीर्ति सागर विस्तार के भूखंड संख्या 13,14,15,16,17 को खारिज कर दिया और कीर्ति सागर विकास समिति को 15 दिन के अंदर अपना प्रतिवेदन जेडीए में पेश करने को कहा गया,
जयपुर विकास प्राधिकरण ने भी 15 दिन के अंदर पूरी सुनवाई करके कीर्ति विकास समिति का प्रतिवेदन खारिज कर दिया और कहा कि मास्टर प्लान में सेक्टर रोड है इसे बनाना बहुत जरूरी है क्योंकि यह सेक्टर रोड एक कॉलोनी से दूसरे कॉलोनी को जोड़ती है, इसके बाद कीर्ति विकास समिति ने हाई कोर्ट में भूखंड संख्या 13,15,17 पर स्टे ले लिया, इसके बाद जेडीए स्टे को खारिज करवाने के लिए फिर हाईकोर्ट पहुंचा और लिखित में शपथ पत्र पेश कर स्टे खारिज करवाने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जिस पर हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र स्वीकार कर स्टे को खारिज कर दिया, बार-बार स्टे की कार्रवाई से सजग होकर जेडीए ने हाईकोर्ट में केविट लगाई ताकि कोई भूमाफिया फिर से स्टे लेकर ना आ जाए, इस दौरान हाईकोर्ट ने घासीराम का स्टेट खारिज कर दिया एवं सड़क बनाने के निर्देश दिए इस तरह हाईकोर्ट ने सभी स्टे खारिज कर जेडीए की बीपीसी पर फैसला छोड़ दिया पत्रकार सम्मेलन में ग्रामीण वक्ताओं ने बताया कि कीर्ति विकास समिति भू माफिया के वेश में है और अपने निजी स्वार्थ के लिए संबंधित जोन उपायुक्त से मिलीभगत कर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर येन केन प्रकारेण प्रस्तावित सेक्टर रोड को खत्म करने का प्रयास कर रही है जिससे दर्जन भर से ज्यादा कॉलोनियों के हजारों लोगों के आवागमन में बाधा डालने का प्रयास किया जा रहा है ग्रामीण वक्ताओं ने कहा कि प्रस्तावित सेक्टर रोड के खत्म होने से शिव चौधरी नगर सुमेर नगर जी ब्लॉक गणपति एनक्लेव मोती विहार कीर्ति सागर विस्तार योजना कीर्ति सागर सी योजना बालाजी विहार सर्किल इत्यादि कॉलोनियों के लोगों के आवागमन को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है
ग्रामीणो ने कहा किzone-19 के उपायुक्त ने खुद हाई कोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर प्रस्तावित सेक्टर रोड का निर्माण मास्टर प्लान और सेक्टर प्लान के तहत करने की बात कही थी लेकिन अब वही जोन उपायुक्त अपने चहेते भू माफिया को खुश करने के लिए प्रस्तावित सेक्टर रोड को खत्म करने की साजिश रच रहा है और जानबूझकर जेडीसी को इस प्रकरण की सच्चाई के बारे में अवगत नहीं करवा रहा बल्कि जेडीसी को झूठी जानकारियां उपलब्ध करवाकर अपने मंसूबों को सफल करने में पूरी ताकत से जुटा हुआ है ग्रामीण वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने संबंधित जोन उपायुक्त की कारस्तानी के बारे में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को भी अवगत करवाया है धारीवाल ने भी जेडीए को इस प्रकरण में मास्टर प्लान में प्रस्तावित सेक्टर रोड से छेड़छाड़ करने के बारे में साफ मना कर दिया है और प्रस्तावित सेक्टर रोड का निर्माण करने का पूराभरोसा ग्रामीणों को दीया है ग्रामीण वक्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर प्रस्तावित सेक्टर रोड का निर्माण नहीं किया गया तो मजबूरन आने वाले दिनों में कोरोना महामारी की गाइड लाइन के बावजूद भी उन्हें मजबूरन एक बड़ा जन आंदोलन शुरू करना पड़ेगा ग्रामीणों ने राज्य सरकार से यह भी मांग की है कि जोzone उपायुक्त हाई कोर्ट में पेश किए गए अपने शपथ पत्र पर ही कायम नहीं है वह अधिकारी इमानदारी से कैसे अपने फर्ज को जेडीए में निभा रहा है ऐसे अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए क्योंकि प्रस्तावित सेक्टर रोड के निर्माण के लिए जेडीए की ओर से ही लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई और अब जब जेडीए यह कानूनी लड़ाई जीत चुका है तो फिर zone-19 उपायुक्त क्यों खुद प्रस्तावित सेक्टर रोड के निर्माण में बाधा पहुंचा रहा है यह हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है इसके अलावा सरकार के नियम कानूनों पर भी उक्त जेडीए के उपायुक्त ने अपनी कैंची चलाने का प्रयास किया है ।