Editor-Manish Mathur
जयपुर 28 अक्टूबर 2020 -राजस्थान में देश के सबसे बड़े बालिका साक्षरता कार्यक्रमों में से एक- ‘सखियों की बाड़ी‘ का संचालन करने वाले आईआईएफएल फाउंडेशन को पिछले 3 वर्षों के दौरान 36,000 से अधिक लड़कियों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने मंे कामयाबी हासिल हुई है। हाल ही आईआईएफएल फाउंडेशन के ‘सखियों की बाड़ी’ कार्यक्रम ने अपने चैथे वर्ष मंे कदम रखा। इस अवसर पर सीएसआर और सस्टेनबिलिटी में एक्सीलेंस के लिए ‘सखियों की बाड़ी’ कार्यक्रम को मिले तीन राष्ट्रीय पुरस्कारों का जश्न भी मनाया गया।
आईआईएफएल फाउंडेशन को ‘आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन टू द कॉज ऑफ एजुकेशन’ के लिए पुरस्कार मिला, जबकि इसके ‘सखियों की बाड़ी‘ कार्यक्रम को ‘बेस्ट सीएसआर इम्पैक्ट इनिशिएटिव‘ के लिए और आईआईएफएल फाउंडेशन की डायरेक्टर सुश्री मधु जैन को ‘सीएसआर लीडरशिप अवार्ड’ मिला।
इस शानदार जश्न के मौके पर 1100 से अधिक सखियों की बाड़ी स्कूलों के बच्चों और शिक्षकों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से जुड़कर अपनी रचनात्मकता को प्रस्तुत किया।
आईआईएफएल फाउंडेशन की डायरेक्टर सुश्री मधु जैन ने कहा, ‘‘ये पुरस्कार राजस्थान के दूरदराज के क्षेत्रों के सभी छात्रों, शिक्षकों, समन्वयकों और यहां तक कि ग्राम समुदाय द्वारा की गई मेहनत को मान्यता प्रदान करते हैं। इससे हम सभी को यह प्रेरणा मिलती है कि हम राजस्थान में 100 प्रतिशत बालिका साक्षरता को सुनिश्चित करने के अपने सपने के और करीब जाएं और राज्य सरकार के साथ निकट समन्वय बनाकर काम करें।‘‘
‘‘इस अवसर पर हमारे विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता की उत्कृष्ट प्रस्तुति की, जिनमें कविता, नृत्य, संगीत और भजन जैसे कार्यक्रम भी शामिल थे। समारोह में स्कूलों के शिक्षकों और ग्राम के बुजुर्गों ने भी भाग लिया। ऐसा लग रहा था कि जैसे एक बड़ा परिवार अपनी सफलता के जश्न को मना रहा है।‘‘
भीलवाड़ा की एक छात्रा कंकू गमेती ने कहा, ‘‘मैंने अपने दोस्तों के साथ डांस का आनंद लिया, सभी लोग अपने मोबाइल फोन पर हमारा डांस देख रहे थे। यहां तक कि मैंने भी मोबाइल पर सखियांे की बाड़ी टीम के कार्यक्रम को देखा। मैडम को हमारा डांस बहुत पसंद आया। मैं और मेरे दोस्त हर दिन सखियों की बाड़ी में आते हैं, हमारे शिक्षक हमें सिखाते हैं और हमारे साथ खेलते भी हैं।‘‘
कल्याणीपुरा, रामसर की दक्ष, सीता देवी ने कहा, ‘‘मैं नवंबर 2018 से अजमेर जिले की मवासिया ग्राम पंचायत में आईआईएफएल फाउंडेशन के सखियों की बाड़ी केंद्र का संचालन कर रही हूं। इस महिला साक्षरता केंद्र का संचालन करते हुए, मुझे बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला और इस कार्य ने मुझे वित्तीय सहायता भी प्रदान की। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि हमारे काम को राष्ट्रीय मंच पर सराहा गया है और हमें 3 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इन पुरस्कारों को हासिल करने के अवसर पर आयोजित शानदार ऑनलाइन उत्सव का हिस्सा बनने के लिए लड़कियों में बहुत उत्साह था। और आज मुझे भी इस पहल का हिस्सा बनने पर गर्व है।‘‘