Editor-Dinesh Bhardwaj
जयपुर, 5 अक्टूबर2020: जेसीबी पुरस्कार 2020 के लिए शॉर्टलिस्ट हुए साहित्य की घोषणा हाल ही में पुरस्कार के साहित्य निदेशक, मीता कपूर द्वारा की गई। शॉर्टलिस्ट में निम्न पांच साहित्य शामिल किए गए हैं – दीपा अनाप्परा की ‘जिन्न पेट्रोल ऑन द पर्पल लाइन‘, समित बसु की ‘चोजन स्पिरिट्स‘, धारिणी भास्कर की ‘दीज ऑवर बॉडीस पोजेस्ड बाइ लाइट‘, जयश्री कलाथिल द्वारा मलयालम से अनुवादित हरीश की ‘मुस्टेच‘ और ऐनी जैदी की ‘प्रिल्यूड टू अ रॉयट‘। ‘जेसीबी प्रॉइज फॉर लिटरेचर‘ भारतीय लेखन की बेहद शानदार उपलब्धियों का जश्न मनाता है। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष जूरी द्वारा चुने हुए एक भारतीय लेखक को फिक्शन पर विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है।
साहित्य निदेशक, मीता कपूर ने कहा, “हालाकि हम सभी दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपने अपने घरों में है, आधुनिक तकनीकें और पुस्तकों के लिए हमारे प्यार ने एक ऐसा स्नेही समुदाय बनाने का अवसर दिया जहा हमारे मन और रूह मिलते हो। हम सभी को नई विश्व व्यवस्था के अनुकूल होने के लिए बदलना पडा, और इसमें ‘जेसीबी प्रॉइज फॉर लिटरेचर‘ कोई अपवाद नहीं है। लेकिन पढ़ने और प्रकाशन समुदायों से हमें पूरा समर्थन मिला, जिसके बिना हम 2020 शॉर्टलिस्ट की घोषणा नहीं कर पाते।”
शॉर्टलिस्ट किए गए पांचों प्रत्येक लेखक को 1 लाख रुपये मिलेंगे, यदि शॉर्टलिस्ट किया गया कार्य अनुवादित है, तो अनुवादक को 50,000 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। साहित्य के लिए 25 लाख रुपये के जेसीबी पुरस्कार के विजेता की घोषणा 7 नवंबर 2020 को होगी। यदि जीतने वाला साहित्य अनुवादित है, तो अनुवादक को अतिरिक्त 10 लाख रुपये मिलेंगे।
शॉर्टलिस्टेड वर्क्स के बारे मेंः
दीपा अनाप्परा की ‘जिन्न पेट्रोल ऑन द पर्पल लाइन‘
एक अज्ञात भारतीय महानगर की झुग्गियों पर आधारित इस थ्रिलर, ‘जिन्न पेट्रोल ऑन द पर्पल लाइन‘ में, झुग्गी के बच्चों का एक समूह अपने दोस्त के लापता होने पर उसका पता लगाने के लिए निकलते हैं तो उन्हें रोमांचक घटनाओं का सामना करना पडता है। यह नॉवेल बच्चों के नजरिए से सामाजिक असमानताओं और धार्मिक विभाजन को दर्शाता है।
समित बसु की ‘चोजन स्पिरिट्स‘
डायस्टोपियन भविष्य पर आधारित ‘चोजन स्पिरिट्स‘ साहित्य रिलिटी कंट्रोलर – इमेज बिल्डर जॉय के इर्द-गिर्द घूमता है, जो कि प्रसिद्ध लोगों के लिए कार्य करता है। जॉय को प्रत्येक दिन कार्य एवं व्यक्तिगत मोर्चों पर अनाम बुराइयों का सामना करता पडता है।
धारिणी भास्कर की ‘दीज ऑवर बॉडीस पोजेस्ड बाइ लाइट
यह नॉवेल अपनी पसंद की जिंदगी के लिए संघर्ष करती डीया की कहानी पर आधारित है।
जयश्री कलाथिल द्वारा मलयालम से अनुवादित हरीश की ‘मुस्टेच‘
जातिगत राजनीति, उत्पीड़न और लिंग समानता को दर्शाते इस नॉवेल में दक्षिण-पश्चिम केरल के विशाल परिदृश्य और बदलती पारिस्थितिकी को प्रस्तुत किया गया है।
ऐनी जैदी की ‘प्रिल्यूड टू अ रॉयट‘
आत्ममंथन की सीरिज पर आधारित ‘प्रिल्यूड टू अ रॉयट‘ भारत की चिंता, भय, अन्याय, बदलते डायनेमिक्स और ‘भारतीय‘ होने के अर्थ को दर्शाती है।