Edit-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 26 अक्टूबर 2020 – सर्व ब्राह्मण महासभा युवा प्रकोष्ठ जयपुर शहर ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर पुरे प्रदेश में रावण दहन कुप्रथा बंद करने की उठाई मांग।
सर्व ब्राह्मण महासभा वैशाली नगर युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष देवांश सारस्वत ने बताया कि किसी भी मृत के पार्थिव शरीर का अग्नि संस्कार केवल एक ही बार होता है। लेकिन कालांतर से चली आ रही रावण दहन की कुप्रथा विराम लेने का नाम नहीं ले रही है। रावण का पुतला जलाया जाना भारतीय संस्कृति के विरूद्ध है। यह सनातन हिंदू संस्कृति का अपमान है। किसी का बार बार पुतला जलाया जाना उसका मखौल उडाने के समान है।
सारस्वत ने कहा कि जो व्यक्ति रावण का प्रतीकात्मक रूप बना उसे दहन करता है, क्या उसमें श्रीराम की पात्रता है। किसी को जलाया जाना उसका अंतिम संस्कार के समान है और हिंदू संस्कृति में ऐसा केवल एक बार ही किया जाता है।
सारस्वत ने कहा कि अभी कोरोना चल रहा है और रावण दहन के कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल होते है। इस बार अगर ऐसा हुआ तो कोरोना बेकाबू हो सकता है एवं साथ ही आतिषबाजी के कारण वायु प्रदुशण भी होता है। जिससे अस्थमा आदि रोग होते है, जिसकी पुष्टि सवाई मानसिंह हाॅस्पिटल के डाक्टर भी कर चुके है।
इस अवसर पर देवांश सारस्वत, सौरभ शर्मा, दिकषांत सारस्वत, सारांश शर्मा, मुथरेष शर्मा, लोकेश शर्मा सहित सभी पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन देकर कहा कि समय रहते उचित कार्यवाही कर इस कुप्रथा को बंद करे जिससे ब्राह्मण समाज का व्याप्त आक्रोश खत्म हो।