Editor-Rashmi Sharma
माननीय केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री, श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आज टोरेंट गैस के 42 सीएनजी स्टेशंस और 3 सिटी गेट स्टेशंस (सीजीएस) का लोकार्पण किया। ये सीएनजी स्टेशंस विभिन्न राज्यों में हैं – उत्तर प्रदेश में 14, महाराष्ट्र में 8, गुजरात में 6, पंजाब में 4 और तेलंगाना व राजस्थान में 5-5। सिटी गेट स्टेशंस उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में एक-एक हैं।
इन 42 सीएनजी स्टेशंस के पूरा होने के साथ, टोरेंट गैस ने लघु समयावधि में 100 सीएनजी स्टेशंस शुरू करने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। टोरेंट गैस को 7 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश के 32 जिलों में सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क स्थापित करने की अनुज्ञप्ति प्राप्त है। यह अपने प्रतिस्पर्द्धियों के बीच सबसे तेजी से बढ़ती सीजीडी कंपनी है और यह ऑर्गेनिक व इनऑर्गेनिक दोनों ही तरीकों से आगे बढ़ रही है। टोरेंट गैस द्वारा शीघ्र ही चेन्नई में सीएनजी और पीएनजी उपलब्ध कराया जायेगा। चेन्नई इकलौता महानगर है जहां सीएनजी और पीएनजी अभी पहुंचना बाकी है।
देश में जितनी तेज रफ्तार से टोरेंट गैस द्वारा सीएनजी स्टेशंस बनाये जा रहे हैं और सीजीडी ढांचा तैयार किया जा रहा है, उसकी विशेष प्रशंसा करते हुए, श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा, ” कोविड–19 महामारी के चलते पैदा हुई चुनौतीपूर्ण स्थिति के बावजूद टोरेंट गैस द्वारा हासिल की गई यह उपलब्धि विशेष प्रशंसा के योग्य है। देहाती क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस को उपलब्ध कराने से उपभोक्ता इस स्वच्छ और सस्ते ईंधन को उपयोग में लाने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिसका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और बड़े पैमाने पर लोग इससे लाभान्वित हो सकेंगे। भारत सरकार इस देश में सीएनजी स्टेशंस की संख्या को वर्तमान लगभग 2,300 से बढ़ाकर अगले 4-5 वर्षों में 10,000 तक करना चाहती है। माननीय प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप नवीनतम गैस अवसंरचना के निर्माण में सीजीडी इंडस्ट्री को प्रमुख भूमिका निभानी है। सीजीडी इंडस्ट्री को और अधिक प्रोत्साहन देने हेतु भारत सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं और सामान्य लोगों को किफ़ायती दरों पर गैस उपलब्ध कराया जा रहा है।”
इस मौके पर, माननीय मंत्री ने सीजीडी कंपनियों को व्यापक एनर्जी रिटेलर्स बनने और उनकी सेवाओं व भुगतान प्रणालियों को डिजिटल बनाने का आह्वान किया, ताकि आने वाले दिनों में लोगों के घर पर ऊर्जा उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि ऊर्जा क्षेत्र में डिजिटलीकरण के चलते किस तरह से रोजगार का सृजन हो सकता है, आयात पर निर्भरता घट सकती है और आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ा जा सकता है।
इस अवसर पर, टोरेंट गैस के निदेशक, श्री जीनल मेहता ने कहा, ”टोरेंट गैस, देश में सीएनजी और पीएनजी को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने और भारत में उपलब्ध ऊर्जा में से प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को वर्ष 2030 तक 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने के भारत सरकार के संकल्प को पूरा करने में योगदान देने के अपने उद्देश्य के प्रति वचनबद्ध है। अनुमान है कि व्यापक रूप से उपलब्ध प्राकृतिक गैस से इन क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहयोग मिलेगा। टोरेंट गैस, देश में सीजीडी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में अगले पांच वर्षों में कुल 8,000 करोड़ रु. (1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के निवेश का इरादा रखता है और उक्त राशि में से 1,050 करोड़ रु. का निवेश किया जा चुका है। कोविड-19 महामारी की बाधाओं के बावजूद, टोरेंट गैस अपेक्षतया कम समय के भीतर 100 सीएनजी स्टेशंस स्थापित कर चुका है। अब हम हमारे अधिकृत क्षेत्रों में उद्योगों व आवासों के लिए व्यापक तौर पर पीएनजी उपलब्ध कराने के अलावा मार्च 2021 तक 200 तक सीएनजी स्टेशंस स्थापित करने के हमारे निकट-अवधि लक्ष्य और मार्च 2023 तक 500 सीएनजी स्टेशंस स्थापित करने के मध्यम-अवधि लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।”
देश में स्वच्छ और किफायती सीएनजी व पीएनजी की उपलब्धता, ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनने और पेरिस समझौता के तहत भारत द्वारा अपने गैस उत्सर्जन को कम करने के भारत के वादे को पूरा करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण पहलू है। सीएनजी स्टेशंस को लॉन्च करने के साथ-साथ, टोरेंट गैस ने सीएनजी का पेट्रोल व डीजल का किफायती एवं इको-फ्रेंड्ली विकल्प होने को लेकर जागरूकता पैदा करने में भी गहराई से निवेश किया है।
टोरेंट समूह के विषय में
टोरेंट समूह, जिसका राजस्व 22,000 करोड़ रु. (3 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है और बाजार पूंजी 62,000 करोड़ रु. (8.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है, की फार्मास्यूटिकल्स, पावर एवं सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन (सीजीडी) सेक्टर्स में दमदार मौजूदगी है।
टोरेंट फार्मा, जो इस समूह की फ्लैगशिप कंपनी है, कार्डियोवैस्क्यूलर एवं सीएनएस सेगमेंट्स की एक प्रमुख कंपनी है। यह दुनिया के 40 देशों में मौजूद है।
टोरेंट पावर, ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी निजी कंपनियों में से एक है। इसकी मौजूदगी संपूर्ण ऊर्जा मूल्य श्रृंखला – ऊर्जा उत्पादन, संचरण एवं वितरण में है। टोरेंट पावर ने की स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता 3,879 मेगावाट है और 3 राज्यों के 10 शहरों के 3.65 मिलियन से अधिक ग्राहकों को ऊर्जा वितरित करती है।
टोरेंट गैस के विषय में
टोरेंट समूह का सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन (सीजीडी) कारोबार, टोरेंट गैस, देश की प्रमुख सीजीडी कंपनियों में से एक है। इसे 7 राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना) के 32 जिलों और 1 केंद्रशासित प्रदेश (पुडुचेरी) में सीजीडी इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने और वाहन उपयोगकर्ताओं को कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) की बिक्री करने तथा पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) की उद्योगों व घरों को बिक्री करने का अधिकार प्राप्त है। देश के जिन क्षेत्रों में बिक्री के लिए टोरेंट अधिकृत है वहां की आबादी लगभग 9 करोड़ से अधिक है जो कि भारत की कुल आबादी का लगभग 7% है।
सीएनजी (कंप्रेस्ड नैचुरल गैस) के विषय में
सीएनजी अब स्मार्ट और पर्यावरण के प्रति जागरूक वाहन मालिकों की बेहतर पसंद है। आमतौर पर हरे रंग के ईंधन के रूप में संदर्भित किया जाता है क्योंकि इसके सीसा और सल्फर मुक्त चरित्र; सीएनजी उत्सर्जन को काफी हद तक कम कर देता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव कम हो जाता है। न केवल सीएनजी एक क्लीनर ईंधन है, गैर-संक्षारक होने के नाते, यह इंजन की शक्ति पर समझौता किए बिना इंजन की दीर्घायु को बढ़ाता है और ईंधन दक्षता में एक महत्वपूर्ण सुधार देता है। सीएनजी पेट्रोल और डीजल की तुलना में काफी सस्ता है और उपभोक्ता ड्राइविंग स्थितियों और स्थान के आधार पर आसानी से अपने मासिक ईंधन खर्च पर क्रमशः 50% और 30% तक की बचत की उम्मीद कर सकते हैं।
आज, कारों, ऑटो रिक्शा, बसों और अन्य सार्वजनिक परिवहन वाहनों के अधिकांश अग्रणी निर्माताओं ने कारखाने-फिट सीएनजी इंजन के साथ मॉडल लॉन्च किए हैं। मौजूदा पेट्रोल कार मालिकों के लिए, सीएनजी किट के विभिन्न ब्रांड बाजार में उपलब्ध हैं। कई सरकार द्वारा स्वीकृत रेट्रोफ़िटर हैं जो पारंपरिक ईंधन वाहनों को सीएनजी किट के साथ सुसज्जित करने में मदद कर रहे हैं और इस तरह अपने मौजूदा वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित करते हैं।